• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • पृथ्‍वी से 1.5 लाख किलोमीटर दूर से आई चिड़‍ियों के ‘चहचहाने’ जैसी आवाज! जानें पूरा मामला

पृथ्‍वी से 1.5 लाख किलोमीटर दूर से आई चिड़‍ियों के ‘चहचहाने’ जैसी आवाज! जानें पूरा मामला

वैज्ञानिक वर्षों से ऐसी चहकती (chirping) तरंगों के बारे में जानते हैं, जो खतरनाक रेडिएशन से जुड़ी हैं। ये तरंगें इंसानों और सैटेलाइट्स दोनों को प्रभावित कर सकती हैं। अब खगोलविदों की एक इंटरनेशनल टीम ने अंतरिक्ष के एक नए क्षेत्र में इन तरंगों का पता लगाया है।

पृथ्‍वी से 1.5 लाख किलोमीटर दूर से आई चिड़‍ियों के ‘चहचहाने’ जैसी आवाज! जानें पूरा मामला

Photo Credit: nature.com

ख़ास बातें
  • वैज्ञानिकों ने पृथ्‍वी से बाहर 'चहकती' तरंगों का नया सोर्स खोज
  • पहले 51 हजार किलोमीटर दूर खोजी गई थीं
  • अब डेढ़ लाख किलोमीटर दूर भी हुईं स्‍पॉट
विज्ञापन
वैज्ञानिक वर्षों से ऐसी चहकती (chirping) तरंगों के बारे में जानते हैं, जो खतरनाक रेडिएशन से जुड़ी हैं। ये तरंगें इंसानों और सैटेलाइट्स दोनों को प्रभावित कर सकती हैं। अब खगोलविदों की एक इंटरनेशनल टीम ने अंतरिक्ष के एक नए क्षेत्र में इन तरंगों का पता लगाया है। इससे सवाल पैदा हुआ है कि आखिर इन तरंगों की उत्‍पत्‍त‍ि कहां से होती है। ये तरंगें अंतरिक्ष में मौजूद सबसे पावरफुल नेचुरल इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक रेडिएशन में से एक हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन तरंगों से निकलने वाली साउंड वेव्‍स में पक्षियों की तरह चहचहाहट होती है। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये तरंगें हमारी पृथ्‍वी के काफी ऊपर से गुजरती हैं। नए ऑब्‍जर्वेशन से पहले इन तरंगों को पृथ्‍वी से सिर्फ 51 हजार किलोमीटर दूर खोजा गया था। वह एक ऐसी जगह है जहां पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र सक्र‍िय है। अबतक वैज्ञानिक यही मानते आ रहे थे कि इस इलाके से ही तरंगें पैदा होती हैं। 

नई रिसर्च को जरनल नेचर मैग्‍जीन में पब्लिश किया गया है। इसमें जिस क्षेत्र से तरंगों के निकलने की बात कही गई है, वह पृथ्‍वी से करीब 1 लाख 65 हजार किलोमीटर दूर है। इस दूरी पर पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र कहीं अधिक विकृत है। इस खोज का मतलब यह है कि इन तरंगों की उत्‍पत्‍त‍ि, पृथ्‍वी के एकदम नजदीक से तो नहीं है। 

यह खोज वैज्ञानिकों के लिए नए रास्‍ते खोलती है। वह इन तरंगों को फ‍िर से समझना चाहेंगे। उनके स्रोत का पता नए सिरे से लगाया जाएगा और देखा जाएगा कि इस सबका हमारे ग्रह पर क्‍या असर होता है। पृथ्‍वी की तरह अन्‍य ग्रहों पर भी ऐसी तरंगें मौजूद हैं। इनमें मंगल, बृहस्‍पति, शनि ग्रह आदि शामिल हैं। नई खोज से वैज्ञानिकों को यह समझने में भी मदद मिलेगी कि तमाम ग्रहों का मैग्‍नेटिक फील्‍ड किस तरह से आकार लेता है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Turbo Read

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स का आतंकवादियों को फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग से लिंक, सरकार ने दी सुप्रीम कोर्ट को जानकारी
  2. क्रिप्टो मार्केट के लिए भारी पड़ा नवंबर, Bitcoin में 20 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट
  3. भारत के PC मार्केट ने बनाया रिकॉर्ड, जुलाई-सितंबर में 49 लाख यूनिट्स की बिक्री
  4. 12000mAh बैटरी वाले Redmi Pad 2 Pro टैबलेट के साथ Buds 8 Pro जल्द होंगे लॉन्च, जानें डिटेल
  5. 30 दिन में मिले 50,000 खोए और चोरी हुए मोबाइल फोन, इस सरकारी App ने की मदद
  6. ट्रेवल लवर्स के लिए मजेदार शो Three Idiots in Kenya अब ऑनलाइन उपलब्ध! ऐसे देखें फ्री
  7. HD रिजॉल्यूशन, ऑटो एडजस्ट और Android OS वाला प्रोजेक्टर Rs 6,999 में! लॉन्च हुआ TecSox AURA
  8. Redmi 15C 5G में मिल सकती है 6,000mAh की बैटरी, लीक हुआ प्राइस
  9. Poco ने लॉन्च किए बड़ी बैटरी, हाई-रिफ्रेश रेट डिस्प्ले और दमदार प्रोसेसर वाले Pad X1, Pad M1 टैबलेट्स, जानें कीमत
  10. दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन मेकर बन सकती है Apple, iPhone 17 सीरीज को जोरदार रिस्पॉन्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »