हमारे सौर मंडल में 8 ग्रह, सैकड़ों उपग्रह, एस्टरॉयड और धूमकेतु हैं, लेकिन जीवन सिर्फ पृथ्वी पर मौजूद है। धरती से बाहर जीवन की तलाश में वैज्ञानिकों ने बरसों रिसर्च की है। अब तो वह एक्सोप्लैनेट्स में भी जीवन के सबूत तलाश रहे हैं। एक्सोप्लैनेट्स उन ग्रहों को कहा जाता है, जो हमारे सूर्य की नहीं, बल्कि किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं। तो आखिर जीवन की तलाश कब पूरी होगी? क्या किसी एस्टरॉयड से इसके बारे में सुराग मिल सकता है। वैज्ञानिकों ने बेन्नू (Bennu) नाम के एस्टरॉयड में ऐसे अणुओं का पता लगाया है, जो जीवन के लिए जरूरी होते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, एस्टरॉयड बेन्नू में बहुत सारे कार्बनिक अणु हैं, जिनमें जीवन के लिए जरूरी कई ‘बिल्डिंग ब्लॉक्स' शामिल हैं। यह स्टडी नेचर जर्नल में पब्लिश हुई है, जो संकेत देती है कि जिस रसायन ने बेन्नू एस्टरॉयड का निर्माण किया, वह आज बृहस्पति और शनि के बर्फीले चंद्रमाओं पर हो सकता है।
एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार, वॉशिंगटन में नासा हेडक्वॉर्टर में एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर निकी फॉक्स ने कहा कि एस्टरॉयड हमारे ग्रह के इतिहास की जानकारी देते हैं। बेन्नू के सैंपल इस बात को समझने में महत्वपूर्ण हैं कि पृथ्वी पर जीवन शुरू होने से पहले हमारे सौरमंडल में कौन से तत्व मौजूद थे।
याद रहे कि बेन्नू एस्टरॉयड के सैंपलों को साल 2023 में पृथ्वी पर लाया गया था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इन्हें जुटाया था। अबतक वैज्ञानिक बेन्नू एस्टरॉयड में नाइट्रोजन, मिनिरल्स समेत हजारों ऑर्गनिक कंपाउंड खोज चुके हैं। एस्टरॉयड में ऐसे रसायन भी मिले हैं, जो प्रोटीन का निर्माण करते हैं।
बेन्नू के सैंपलों से ऐसे भी सबूत मिले हैं कि इस एस्टरॉयड पर कभी पानी रहा होगा। पहले की कई स्टडीज में यह सामने आया है कि एस्टरॉयड की वजह से ही हमारी पृथ्वी पर पानी और कार्बनिक पदार्थ पहुंचे होंगे। इससे हमारे ग्रह पर जीवन को पनपने में मदद मिली होगी।