मंगल बर्फीला नहीं, नदियों और झीलों से भरा था! नई स्टडी में दावा

कंप्यूटर मॉडल सुझाते हैं कि प्राचीन मंगल पर अवश्य ही बारिश होती होगी।

मंगल बर्फीला नहीं, नदियों और झीलों से भरा था! नई स्टडी में दावा

Photo Credit: iStock/Zaubersachmeterling

वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल, या लाल ग्रह, कभी पृथ्वी जैसा था।

ख़ास बातें
  • मंगल पर कभी एक क्रेटर में एक शक्तिशाली नदी आकर गिरती थी।
  • बारिश ने ग्रह पर सैकड़ों झीलों और नदी घाटियों का निर्माण किया होगा- स्टडी
  • मंगल अरबों वर्ष पहले गर्म, और नमी से भरा था- स्टडी
विज्ञापन
मंगल ग्रह पृथ्वी के पास मौजूद उन ग्रहों में से है जहां पर मनुष्य अपना भविष्य का निवास स्थान ढूंढ रहा है। वैज्ञानिक दिन-रात इस खोज में लगे हैं कि मंगल पर जीवन के कोई सबूत मिलें। यह लाल ग्रह बहुत ही कठोर और निर्दयी माना जाता है। यह दिन में आग जैसा गर्म और रात में बर्फ जैसा ठंडा हो जाता है। यह विशाल रेतीला-पथरीला ग्रह अपने ऊपर जीवन को पनपने की अनुमति नहीं देता है। लेकिन यह हमेशा से ऐसा नहीं था। कभी यह भी पृथ्वी की तरह नीला दिखता था और इस पर भी जीवन फल-फूल रहा था। ऐसा हम नहीं, वैज्ञानिक कह रहे हैं, आइए जानते हैं वजह। 

वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल, या लाल ग्रह, कभी पृथ्वी जैसा था। पिछले चार सालों से NASA का पर्सेवरेंस रोवर (Perseverance rover) मंगल पर उस जगह का भ्रमण कर रहा है जहां पर कभी एक क्रेटर में एक शक्तिशाली नदी आकर गिरती थी। इस नदी का एक बड़ा डेल्टा भी था। कंप्यूटर मॉडल सुझाते हैं कि प्राचीन मंगल पर अवश्य ही बर्फ गिरती होगी, बारिश होती होगी। इसने ग्रह पर सैकड़ों झीलों और नदी घाटियों का निर्माण किया होगा।  

Journal of Geophysical Research: Planets में एक हालिया स्टडी पब्लिश की गई है। इस स्टडी में पाया गया है कि ये भूमि विशेषताएं केवल बर्फ की परतों के पिघलने का परिणाम नहीं हैं बल्कि ये वर्षा मॉडल के साथ अधिक सुसंगत है। बोल्डर स्थित कोलोराडो विश्वविद्यालय के भूगर्भशास्त्रियों के शोध के अनुसार, हमारा पड़ोसी ग्रह, जो अंतरिक्ष में औसतन 14 करोड़ मील दूर है, अरबों वर्ष पहले गर्म, और नमी से भरा था।

यह स्टडी उस मान्यता को चुनौती देती है जो कहती है कि मंगल कभी बेहद ठंडा और बर्फीला था। लेकिन इसमें अभी भी बहुत रहस्य हैं। यह अभी तक साफ नहीं है कि मंगल पर यह पानी आया कहां से था। साथ ही अधिकांश जलवायु मॉडल भविष्यवाणी करते हैं कि यहां सतह का तापमान तरल पानी को बनाए रखने के लिए बहुत ठंडा है। इससे यह सवाल उठता है कि ये दिखने वाली भूवैज्ञानिक विशेषताएं किस प्रकार बनी होंगी। नासा का पर्सेवरेंस रोवर वर्तमान में मंगल की ऐसी ही एक जगह, जेज़ेरो क्रेटर को एक्सप्लोर कर रहा है, जहां कभी एक शक्तिशाली नदी बहती थी।

कंप्यूटर आधारित मॉडल्स के दम पर वैज्ञानिक इस बात के लिए उत्साहित हैं कि क्या प्राचीन मंगल पर पृथ्वी जैसा वातावरण, या मौसम था? हालांकि अभी इस सवाल का पुख्ता जवाब देने के लिए और सबूतों की जरूरत है। जैसे कि मंगल कैसे इतना गर्म रहा होगा कि यहां बारिश हो सके, या फिर बर्फ पड़ सके? वैज्ञानिक लगातार खोज में लगे हैं और जल्द ही इस बारे में कोई नई जानकारी निकल कर सामने आ सकती है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत के बाहर विदेशों में कैसे उपयोग करें UPI ऐप, ये है स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
  2. IOAI 2025: AI ओलंपियाड में इंडिया की धूम! पहली बार लिया हिस्सा और पछाड़ दिया अमेरिका-चीन को
  3. Real Money Games क्या हैं? आखिर सरकार ने क्यों लगाया बैन?
  4. OnePlus Pad 3 भारत में जल्द हो रहा Snapdragon 8 Elite के साथ लॉन्च, जानें और क्या है खास
  5. Realme P4 5G vs Vivo T4R 5G vs Moto G96 5G: 20 हजार में कौन सा फोन है बेस्ट
  6. Google के फ्लैगशिप फोन की गिरी कीमत, मिल रहा 23 हजार रुपये सस्ता
  7. केंद्र सरकार के कड़े कानून के बाद ऑनलाइन मनी गेमिंग बिजनेस को बंद करेंगी Dream11 और Zupee!
  8. Redmi Note 15 Pro+ हुआ लॉन्च, 7,000mAh की बैटरी
  9. भारत में मौजूदगी बढ़ाएगी Apple, अगले महीने बेंगलुरु में शुरू करेगी रिटेल स्टोर
  10. कॉल मिस हुई? अब तुरंत भेज पाओगे वॉइस मैसेज, WhatsApp ला रहा है नया फीचर
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »