इन रूल्स के तहत, देश के बॉर्डर से बाहर मौजूद किसी टर्मिनल से यूजर्स के कनेक्शन को लिंक करने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने वाली कंपनियां अपने डेटा की विदेश में प्रोसेसिंग भी नहीं कर सकेंगी। इन कंपनियों के लिए बिजनेस शुरू करने के कुछ वर्षों के अंदर सैटेलाइट नेटवर्क के ग्राउंड सेगमेंट के लिए देश में बने कम से कम 20 प्रतिशत पार्ट्स का इस्तेमाल करना अनिवार्य किया गया है।
Starlink ने कथित तौर पर DoT की अहम शर्तों को मान लिया है, जिसके चलते उसकी भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कनेक्शन सर्विस को लॉन्च करने का रास्ता कथित तौर पर अब साफ होता नजर आ रहा है। पब्लिकेशन को बताया गया है कि एलन कंपनी सरकार के डेटा लोकलाइजेशन और सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के लिए सहमत हो गई है, जिसके बाद अब स्टारलिंक का भारत लाइसेंस आवेदन एक कदम आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
FASTag vs GNSS Toll : परिवहन मंत्रालय देश के चुनिंदा नेशनल हाइवेज में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) बेस्ड टोल कलेक्शन शुरू करने जा रहा है। यह सिस्टम मौजूदा FASTag के साथ काम करेगा।
Elon Musk Starlink in India : DoT (दूरसंचार विभाग) ने कथित तौर पर स्टारलिंक को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन लाइसेंस (GMPCS) दिया है, जो सैटेलाइट इंटरनेट के लिए अहम है।
Amazon satellite internet : एमेजॉन ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज को लॉन्च करने के लिए इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड अथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) में आवेदन किया है।
कंपनी ने अपने भारतीय कस्टमर्स को ई-मेल भेजने शुरू कर दिए हैं। बताया है कि दूरसंचार विभाग ने उसे निर्देश दिया है कि लाइसेंस मिलने तक प्री-ऑर्डर्स को वापस कर दें।
राव ने भारत के लिए कई रॉकेट विकसित किए थे। उन्हें सैटेलाइट मैन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता था। उनका जन्म आज के दिन साल 1932 में कर्नाटक के एक गांव में हुआ था।