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Nasa News - ख़बरें

  • भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla का Axiom-4 मिशन 19 जून को होगा लॉन्च
    बिलिनेयर Elon Musk की रॉकेट कंपनी SpaceX की एक टीम ने यह पुष्टि की है कि इस Axiom-4 मिशन को टालने के पीछे की समस्या का समाधान किया गया है। इस स्पेस मिशन को 29 मई को लॉन्च किया जाना था। हालांकि, इसके बाद इसे 8 जून, 10 जून और 11 जून को टाला गया था। SpaceX ने बताया था कि Falcon-9 रॉकेट में एक लिक्विड ऑक्सिजन लीक की वजह से 11 जून को इस मिशन का लॉन्च टाला गया था।
  • सोलर तूफानों से Elon Musk की Starlink के सैटेलाइट्स आसमान से गिर रहे
    अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Goddard Space Flight Centre में स्पेस फिजिसिस्ट, Denny Oliveira ने पिछले कुछ वर्षों में धरती पर वापस गिरे स्टारलिंक के 523 सैटेलाइट्स पर एक स्टडी की अगुवाई की है। इस स्टडी में पता चला है कि सूर्य में विस्फोटों से बनने वाले जियोमैग्नेटिक तूफानों से वातावरण में खिंचाव बढ़ता है और इससे सैटेलाइट्स ऑर्बिट से गिरकर तेजी से वातावरण में दोबारा एंट्री करते हैं।
  • मंगल बर्फीला नहीं, नदियों और झीलों से भरा था! नई स्टडी में दावा
    वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल, या लाल ग्रह, कभी पृथ्वी जैसा था। पिछले चार सालों से NASA का पर्सेवरेंस रोवर (Perseverance rover) मंगल पर उस जगह का भ्रमण कर रहा है जहां पर कभी एक क्रेटर में एक शक्तिशाली नदी आकर गिरती थी। कंप्यूटर मॉडल सुझाते हैं कि प्राचीन मंगल पर अवश्य ही बर्फ गिरती होगी, बारिश होती होगी। इसने ग्रह पर सैकड़ों झीलों और नदी घाटियों का निर्माण किया होगा।
  • आखिर चल गया पता! यूरेनस ग्रह पर 17 घंटे का है 1 दिन, 84 साल में लगाता है सूरज का 1 चक्कर!
    यूरेनस पर दिन की लम्बाई पृथ्वी के दिन से कम निकल कर आई है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) द्वारा इकट्ठा किए गए दशकों के डेटा को खंगाला, जिससे पता लग पाया कि यूरेनस (Uranus) पर एक दिन 17 घंटे, 14 मिनट, और 52 सेकंड लम्बा होता है। NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager 2 द्वारा बताया गया समय इससे 28 सेकंड कम था।
  • टल गया खतरा? 300 फीट चौड़े एस्टरॉयड के धरती से टकराने की संभावना पर NASA की नई रिपोर्ट
    NASA ने एस्टरॉयड 2024 YR4 को लेकर फिर से एक रिपोर्ट जारी की है। एजेंसी ने एस्टरॉयड के टकराने की संभावना को अब घटा दिया है। पहले यह 32 में से एक थी, और अब यह 360 में से 1 हो गई है। इस एस्टरॉयड का अनुमानित साइज 55 मीटर बताया गया है। अंतरिक्ष से जो अगली चिंताजनक आफत है वह 1950 DA नाम का एस्टरॉयड है।
  • मंगल पर दिखी रहस्यमय बनावट! Elon Musk बोले- 'जांच के लिए मिशन भेजना चाहिए'
    Elon Musk ने मंगल पर एक खोजी अभियान भेजकर जांच करने की बात कही है। दरअसल नासा के मार्स ग्लोबल सर्वेयर (MGS) के मार्स ऑर्बिटर कैमरा (MOC) ने मंगल पर एक फोटो खींची थी जिसमें एक सटीक चौकोर आकृति दिखाई दे रही है। यह एक सटीक वर्ग जैसा दिखता है। Musk ने कहा है कि इसके बारे में सीधे जाकर खोज करनी चाहिए कि आखिर इस स्क्येअर शेप का रहस्य क्या है।
  • धरती से 400Km ऊपर से दिखा महाकुंभ का नजारा, Nasa ने शेयर की तस्‍वीरें
    यूपी के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में रोजाना लाखों की संख्‍या में लोग संगम पर स्‍नान के लिए पहुंच रहे हैं। इस नजारे को ना सिर्फ पृथ्‍वी से बल्कि अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। नासा के अंतरिक्ष यात्री डॉन पेटिट ने इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) से इस आयोजन की तस्‍वीरें ली हैं। ISS हमारी धरती से 400 किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में है।
  • 83 हजार Km की स्‍पीड से एयरोप्‍लेन जितना बड़ा एस्‍टरॉयड आ रहा पृथ्‍वी के करीब, क्‍या होगा?
    एक बार फ‍िर से एयरोप्‍लेन जितना बड़ा एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। इसका नाम है- 2025 AY2। नाम से पता चल जाता है कि एस्‍टरॉयड को इसी साल खोजा गया है। नासा के अनुसार, यह 220 फीट बड़ा है और 83 हजार 788 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्‍वी की ओर बढ़ रहा है। अनुमान है कि आज यह धरती के करीब से गुजरेगा। तब दोनों के बीच दूरी 67 लाख 90 हजार किलोमीटर रह जाएगी।
  • विस्‍फोट के बाद ब्रह्मांड में फैली तारे की धूल, James Webb टेलीस्‍कोप ने किया कैप्‍चर, देखें 3D इमेज
    अंतरिक्ष में तैनात दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्‍कोप- जेम्‍स वेब (James Webb Space Telescope) हर रोज हमारे ब्रह्मांड को कैप्‍चर कर रहा है। नासा के टेलीस्‍कोप ने अब अंतरतारकीय (interstellar) धूल और गैस की ज्‍यादा डिटेल इमेज ली हैं, जिससे वैज्ञानिकों ने इंटरस्‍टेलर धूल और गैस की 3डी संरचना बनाई है। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 350 साल पहले एक तारे के खत्‍म होने से यह रोशनी, गैस और धूल निकली जो अबतक काफी लंबा सफर तय कर चुकी है।
  • चंद्रमा पर वैक्‍यूम क्‍लीनर भेज रहे वैज्ञानिक, क्‍या काम करेगा? जानें
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक अभूतपूर्व तकनीक को दुनिया को दिखाया है। इसका नाम लूनार प्‍लैनेटवैक (Lunar PlanetVac (LPV) है। इससे वैज्ञानिकों के चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर मिट्टी और चट्टान के सैंपल इकट्ठा करने और उन्‍हें स्‍टडी करने के तरीके में बदलाव आएगा। रिपोर्टों के अनुसार, इस तकनीक को हनीबी रोबोटिक्स ने डेवलप किया है।
  • मंगल ग्रह पर ‘एलियंस की खोज’ के लिए Nasa बना रही नया प्‍लान, पृथ्‍वी पर लाने होंगे सबूत
    साल 2021 से ही नासा का पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) मंगल ग्रह से चट्टानों और तलछटों के सैंपल इकट्ठा कर रहा है। हालांकि अभी तक नासा कन्‍फर्म नहीं है कि सैंपलों को कबतक पृथ्‍वी पर लाया जा सकेगा। पहले नासा चाहती थी कि इस दशक के आखिर तक सैंपलों को पृथ्‍वी पर ले आया जाए, पर अब उसमें देर होती हुई दिख रही है।
  • NASA के स्पेसक्राफ्ट ने धधकते सूरज के नजदीक से भेजा पहला डेटा, मिली यह बड़ी जानकारी!
    NASA का पार्कर सोलर प्रॉब (Parker Solar Probe) सूरज के सबसे करीब पहुंचने में कामयाबी हासिल कर चुका है, और इसने सूर्य के इतने करीब जाकर पहली बार अपना डेटा भेजा है। नासा ने गुरूवार यानी 2 जनवरी को इसके बारे में अपडेट जारी करते हुए जानकारी दी। पार्कर सोलर प्रॉब के सभी सिस्टम और साइंस उपकरण सही हैं और नॉर्मल तरीके से अपना काम कर रहे हैं।
  • सूर्य को ‘छूकर’ क्‍या बच पाएगा Nasa का पार्कर, 980 डिग्री तापमान झेला, वैज्ञानिक कर रहे सिग्‍नल का इंतजार
    नासा (Nasa) के पार्कर सोलर प्रोब ने क्र‍िसमस की पूर्व संध्‍या पर सूर्य (Sun) के बेहद नजदीक से उड़ान भरी थी। वह एक ऐतिहासिक पल था। हालांकि वैज्ञानिकों को अबतक यह मालूम नहीं है कि पार्कर सोलर प्रोब ‘जिंदा’ है या फ‍िर सूर्य की गर्मी से ‘राख’ हो गया। रिपोर्टों के अनुसार, इसमें कुछ दिनों का टाइम लग सकता है। वैज्ञानिक इंतजार कर रहे हैं कि पार्कर सोलर प्रोब का उनसे संपर्क हो पाए और वह संकेत भेजे कि सबकुछ ठीक है।
  • क्‍या चांद पर दोबारा इंसान को भेज पाएगी Nasa? आर्टिमिस मिशन में हो रही देरी, जानें वजह
    नासा कई वर्षों से आर्टिमिस मिशन पर काम कर रही है। इसके तहत एक बार फ‍िर से इंसान को चांद पर भेजने की तैयारी है। 2022 में नासा ने आर्टिमिस मिशन के तहत ओरियन स्‍पेसक्राफ्ट को चांद के करीब तक भेजा था। हालांकि उसमें क्रू मौजूद नहीं था। कहा गया कि एजेंसी ने शुरुआती तैयारी की है और जल्‍द इंसानों को भी चांद पर भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी। अब ऐसा लगता है कि मिशन में देरी हो रही है।
  • बाल-बाल बची धरती! एयरोप्‍लेन जितना बड़ा एस्‍टरॉयड पास से गुजरा, जानें इसके बारे में
    क्र‍िसमस से एक दिन पहले पृथ्‍वी का सामना एयरोप्‍लेन जितने बड़े एस्‍टरॉयड के साथ हुआ है। रिपोर्टों के अनुसार, 2024 XN1 नाम का एस्‍टरॉयड मंगलवार सुबह धरती के करीब से 14,743mph की रफ्तार से गुजरा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) पहले ही बता चुकी थी कि क्र‍िसमस से एक दिन पहले यह पृथ्‍वी के करीब आएगा और इसके धरती से टकराने का चांस नहीं है।

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