Water Ice on the Moon : एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के ध्रुवीय गड्ढों (polar craters) में ज्यादा वॉटर आइस (पानी की बर्फ) मिलने की उम्मीद जताई है।
दो भूभौतिकीविदों ने अपनी स्टडी में पाया है कि टेक्टोनिक एक्टिविटी में कमी और गुरुत्वाकर्षण बलों के नाजुक संतुलन की वजह से पृथ्वी को घूर्णन में कमी का सामना करना पड़ता था।
वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के अंदर मौजूद ‘रहस्यमयी’ ब्लाब की इमेज बनाकर उसे समझने की कोशिश की है। ब्लाब, हमारी पृथ्वी के क्रस्ट और उसके कोर के बीच चट्टान की गर्म मोटी परत है। ठोस होने के बावजूद यह धीरे-धीरे बहती रहती है।
चीन के वैज्ञानिकों ने चांद पर जीवन के संबंध में एक स्टडी की है जिसमें उन्होंने कहा है कि चांद की मिट्टी में ऐसे एक्टिव तत्व हैं जो कार्बन डाइऑक्साइड को ऑक्सीजन और ईंधन या ऊर्जा में बदल सकते हैं।
क्योंकि नासा एक बार फिर से अपने मून मिशन की तैयारी कर रही है, ऐसे में वैज्ञानिकों ने 50 साल बाद चंद्रमा की सतह से लिए गए सैंपलों का अध्ययन शुरू किया है।