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पानी ‘छुपाकर’ बैठा है यूरेनस का चंद्रमा मिरांडा! वैज्ञानिकों ने कर दी बड़ी खोज

वैज्ञानिकों ने माना है कि मिरांडा की बर्फीली सतह के नीचे कोई महासागर छिपा हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इससे दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज का नजरिया बदल जाएगा।

पानी ‘छुपाकर’ बैठा है यूरेनस का चंद्रमा मिरांडा! वैज्ञानिकों ने कर दी बड़ी खोज

मिरांडा करीब 300 मील चौड़ा है। उसमें गहरी घाटियां हैं। ऊंची चोटियां हैं और अजीबोगरीब पैटर्न भी हैं।

ख़ास बातें
  • यूरेनस के चंद्रमा मिरांडा में छुपा हो सकता है महासागर
  • वैज्ञानिकों ने इमेजेस देखकर लगाया अनुमान
  • साल 1986 में ली गई तस्‍वीरों को किया स्‍टडी
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दुनियाभर के वैज्ञानिक कई वर्षों से हमारे सौरमंडल के ग्रहों के चंद्रमाओं को टटोल रहे हैं। सभी खोजों में एक बात कॉमन है और वह है इन चंद्रमाओं में पानी की खोज। फ‍िर चाहे बृहस्‍पति के ग्रह यूरोपा में पानी की तलाश हो या सुदूर यूरेनस के चंद्रमा मिरांडा (Miranda) में पानी की उम्‍मीद। हाल ही में वैज्ञानिकों ने माना है कि मिरांडा की बर्फीली सतह के नीचे कोई महासागर छिपा हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इससे दूसरे ग्रहों पर जीवन की खोज का नजरिया बदल जाएगा। 

जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी (एपीएल) के प्‍लैनेटरी साइंटिस्‍ट टॉम नॉर्डहेम और उनके सहयोगियों ने मिरांडा चंद्रमा को लेकर शोध किया है। रिसर्चर्स ने वॉयजर 2 स्‍पेसक्राफ्ट से ली गई इमेजेस पर स्‍टडी के बाद यह सुझाव दिया है कि यूरेनस के छोटे से चंद्रमा, मिरांडा की सतह के नीचे कभी गहरे तरल पानी का महासागर रहा होगा। 

खास यह है कि वॉयजर 2 स्‍पेसक्राफ्ट साल 1986 में मिरांडा के पास से गुजरा था। तब उसने इसके दक्षिणी गोलार्ध की तस्वीरें ली थीं। तस्‍वीरों में मिरांडा की के बारे में कई चीजें रिसर्चर्स को पता चलीं जैसे- वहां उबड़-खाबड़ ढलान और गड्ढे वाले इलाके मौजूद हैं। 

टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, मिरांडा करीब 300 मील चौड़ा है। इसकी सतह काफी रोचक है। उसमें गहरी घाटियां हैं। ऊंची चोटियां हैं और अजीबोगरीब पैटर्न भी हैं। इससे अनुमान मिलता है कि अतीत में वहां कुछ अलग घटा होगा। ऐसा भी मुमकिन है कि उसकी बर्फीली सतह के नीचे छुपा हुआ महासागर हो। 

मिरांडा हमारे सूर्य बहुत दूर स्थित है और अत्‍यधिक ठंडा है। इसके बावजूद इसकी सतह के बीच महासागर हो सकता है। इसकी वजह टाइडल हीटिंग (tidal heating) है। इस स्थिति में यूरेनस और दूसरे नजदीकी चंद्रमाओं के गुरुत्वाकर्षण के कारण मिरांडा में घर्षण पैदा होता है। उससे हीट बनती है। यह किसी महासागर को इतना गर्म रख सकती है कि उसमें पानी लिक्विड रूप में मौजूद रहे। 

हालांकि यह सब थ्‍योरी है। पुख्‍ता सबूत के लिए अंतरिक्ष एजेंस‍ियों को मिरांडा तक मिशन भेजना होगा।
 
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