• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 24 नहीं 19 घंटों का दिन होता था पृथ्‍वी पर, मुश्किल वक्‍त में चांद ने दिया साथ!

24 नहीं 19 घंटों का दिन होता था पृथ्‍वी पर, मुश्किल वक्‍त में चांद ने दिया साथ!

जब पृथ्‍वी ‘बोरिंग बिलियन’ की अवधि में थी, उस दौरान चंद्रमा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

24 नहीं 19 घंटों का दिन होता था पृथ्‍वी पर, मुश्किल वक्‍त में चांद ने दिया साथ!

चंद्रमा और पृथ्‍वी के बीच दूरी अतीत में कम हुआ करती थी, यह बात अन्‍य शोधों में भी सामने आई है।

ख़ास बातें
  • पृथ्‍वी पर एक दिन कभी 19 घंटे का भी हुआ करता था
  • दो वैज्ञानिकों ने स्‍टडी में निकाला निष्‍कर्ष
  • यह स्‍टडी नेचर जियोसाइंस मैगजीन में पब्लिश हुई है
विज्ञापन
एक दिन में कितने घंटे होते हैं? आप कहेंगे 24। जवाब बिलकुल सही है, लेकिन पृथ्‍वी पर एक दिन कभी 19 घंटे का भी हुआ करता था। उस अव‍धि को ‘बोरिंग बिलियन' कहा जाता है। दो भूभौतिकीविदों (Geophysicists) ने अपनी स्‍टडी में पाया है कि टेक्‍टोनिक एक्टिविटी में कमी और गुरुत्वाकर्षण बलों के नाजुक संतुलन की वजह से पृथ्वी को घूर्णन में कमी का सामना करना पड़ता था। यह स्‍टडी नेचर जियोसाइंस मैगजीन में पब्लिश हुई है। 

स्‍टडी के अनुसार, जब पृथ्‍वी ‘बोरिंग बिलियन' की अवधि में थी, उस दौरान चंद्रमा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पृथ्‍वी के काफी नजदीक होने के कारण चंद्रमा ने एक गुरुत्वाकर्षण खिंचाव को मजबूती से बढ़ाया और समय के साथ पृथ्‍वी की रोटेशनल एनर्जी को कम करने में मदद की। यही नहीं, चंद्रमा ने खुद को पृथ्‍वी से काफी दूर कर दिया।   

अपने निष्‍कर्ष तक पहुंचने के लिए दोनों वैज्ञानिकों ने भूगर्भीय डेटा का विश्लेषण किया। यह डेटा हाल के वर्षों में जुटाया गया है, ताकि पृथ्‍वी को और बेहतर तरीके से समझा जा सके। वैज्ञानिकों के मॉडल ने पृथ्‍वी के स्‍नोबॉल फेज का खुलासा भी किया है। यह उस अवधि को कहा जाता है, जब हमारा ग्रह जमा हुआ रहा होगा। वैज्ञानिकों का मॉडल कहता है कि पृथ्‍वी का स्‍नोबॉल फेज 2 से 1 अरब साल के बीच था। 

स्‍टडी में कहा गया है कि उस युग में पृथ्‍वी पर ऑक्सीजन के स्तर में वृद्धि हुई। ओजोन परत का निर्माण हुआ। ओजोन परत के कारण होने वाली एक्टिविटीज से पृथ्‍वी व चंद्रमा का मजबूत गुरुत्‍वाकर्षण खिंचाव संतुलित हुआ और उसने पृथ्‍वी के घूर्णन को स्थिर किया है। रिसर्चर्स ने अनुमान लगाया है कि उस अवधि के दौरान ही फोटोसिंथेटिक बैक्‍टीरिया की गतिविधियां बढ़ीं और पृथ्‍वी पर जीवन पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा हुईं। 

चंद्रमा और पृथ्‍वी के बीच दूरी अतीत में कम हुआ करती थी, यह बात अन्‍य शोधों में भी सामने आई है। वैज्ञानिक अनुमान लगा चुके हैं कि 2.5 अरब साल पहले चंद्रमा और पृथ्‍वी के बीच दूरी 60 हजार किलोमीटर कम रही होगी। उनका मानना है कि आज जो दूरी 384,400 किलोमीटर है, वह ढाई अरब साल पहले 321,800 किलोमीटर थी और दिन की लंबाई 24 घंटों की जगह 16.9 घंटे थी। रिसर्चर्स का कहना है कि अरबों साल पहले चंद्रमा हकीकत में हमारे ग्रह के करीब था और अब यह धीरे-धीरे दूर हो रहा है। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Ola Electric ने लॉन्च किया S1 Pro Sport, जानें प्राइस, रेंज
  2. Oppo K13 Turbo Pro की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  3. Google Search में AI मोड भारत में हुआ शुरू, जानें कैसे करें उपयोग
  4. Flipkart Freedom Sale: 7 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Google का पिक्सल फोन
  5. Lava Blaze AMOLED 2 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 15 हजार में कौन है बेस्ट
  6. घर के बाहर कूड़े का ढेर लगा है या गंदे हैं सार्वजिक शौचालय तो इस सरकारी ऐप पर करें रिपोर्ट, जल्द मिलेगा समाधान
  7. प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर देगी BSNL, सरकार से मिलेंगे 47,000 करोड़ रुपये
  8. Honor X7c 5G अगले सप्ताह होगा भारत में लॉन्च, 5,200mAh की बैटरी
  9. 79th Independence Day: सुबह 7:30 बजे शुरू होगा समारोह, मोबाइल, टीवी, लैपटॉप पर ऐसे देखें LIVE
  10. Xiaomi ने लॉन्च किया अपना पहला AI ट्रैकिंग वाला इंडोर जूम सिक्टयोरिटी कैमरा, जानें कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »