चंद्रयान-3 मिशन ने खोले चांद के गहरे राज, कई हिस्सों पर हो सकती है बर्फ!

चंद्रयान 3 मिशन के डेटा को स्टडी करके सामने आए नए तथ्य।

चंद्रयान-3 मिशन ने खोले चांद के गहरे राज, कई हिस्सों पर हो सकती है बर्फ!

चंद्रयान-3 मिशन की मदद से वैज्ञानिकों को चांद के बारे में अहम जानकारी मिली है।

ख़ास बातें
  • चंद्रयान 3 मिशन के डेटा को स्टडी करके सामने आए नए तथ्य।
  • चांद पर कई और ऐसी जगहें हो सकती हैं जहां पर बर्फ मौजूद हो सकती है।
  • ये जगहें इसकी सतह के नीचे बताई जा रही हैं।
विज्ञापन
Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-3 मिशन की मदद से वैज्ञानिकों को चांद के बारे में एक अहम जानकारी मिलने की बात सामने आ रही है। चंद्रयान मिशन के द्वारा डेटा इकट्ठा किया गया, उसकी स्टडी से यह सामने आया है कि चांद पर कई और ऐसी जगहें हो सकती हैं जहां पर बर्फ मौजूद हो सकती है। ये जगहें इसकी सतह के नीचे बताई जा रही हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि चांद पर बर्फ के बारे में जो अनुमान पहले लगाया जा रहा था, यह उससे कहीं ज्यादा जगहों पर पाई जा सकती है। 

चंद्रयान-3 मिशन के डेटा को स्टडी करने के बाद वैज्ञानिक कह रहे हैं कि चांद की सतह पर तापमान में होने वाला हल्का सा बदलाव भी बर्फ बनने की प्रकिया को प्रभावित कर सकता है। अहमदाबाद में फिजिकल रिसर्च लेबोरेट्री में फैकल्टी, और स्टडी के प्रमुख लेखक दुर्गा प्रसाद करणम के अनुसार, बर्फ के इन कणों को देखा जाए तो ये अपने जन्म और इतिहास की विभिन्न कहानियां कहते नजर आते हैं। 

यह बता सकता है कि कैसे चांद की सतह पर बर्फ जमा होने की प्रक्रिया हुई और वक्त के साथ यह बर्फ कैसे अपनी जगह बदलती गई। इस तरह इन कणों की स्टडी करके पता लगाया जा सकता है कि पृथ्वी के इस प्राकृतिक उपग्रह पर शुरुआती भूवैज्ञानिक प्रक्रियाएं कैसी रही होंगीं। स्टडी को Communications Earth and Environment जर्नल में प्रकाशित किया गया है। 

स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने चंद्रमा की सतह, और उसके नीचे 10 सेंटीमीटर की गहराई पर मापे गए तापमान का विश्लेषण किया। माप चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर पर लगे 'चैस्टे' (ChaSTE) द्वारा लिए गए थे। लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के किनारे पर लगभग 69 डिग्री दक्षिण अक्षांश पर लैंडिंग की। इस लैंडिंग साइट पर सूर्य की ओर ढलान है जो छह डिग्री के कोण पर है। 

यहां पर लेखकों ने पाया कि तापमान दिन के समय लगभग 82 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और रात में -170 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इस तरह से तापमान के इस अंतर के आधार पर टीम ने एक मॉडल विकसित किया कि किस प्रकार ढलान का कोण, उच्च चंद्र अक्षांश पर सतह के तापमान को प्रभावित कर सकता है। यानी सतह पर सूर्य के संदर्भ में क्या कोण बनता है, यह सतह के तापमान को बहुत प्रभावित करता है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Ice on moon
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Redmi की Turbo 4 Pro के लॉन्च की तैयारी, 7,000mAh से ज्यादा हो सकती है बैटरी
  2. भारतीय स्टार्टअप की बड़ी उपलब्धि! अब लैपटॉप पर भी चलेगा Llama 2 जैसा भारी-भरकम AI मॉडल
  3. Xiaomi ने लॉन्च किए 65-इंच साइज तक के 3 X Pro QLED (2025) मॉडल्स, कीमत Rs 31,999 से शुरू
  4. RCB vs DC Live Streaming: आज रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स से, यहां देखें फ्री!
  5. Lloyd ने इनबिल्ट एयर प्यूरीफायर वाले AI-इनेबल्ड StunnAir AC के साथ लॉन्च किया नया Luxuria कलेक्शन
  6. Vodafone Idea की Wi-Fi कॉलिंग सर्विस MP और छत्तीसगढ़ में भी शुरू, सिग्नल न हो तब भी होगी क्लियर कॉलिंग!
  7. Vivo ने भारत में लॉन्च किया V50e, डुअल रियर कैमरा यूनिट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  8. पुराना कूलर भी बनेगा स्मार्ट, एक आवाज में ऑन/ऑफ होगा, बिजली की खपत भी पता चलेगी; जानें कैसे?
  9. Code डालो, Reel देखो: Instagram पर आएगा सीक्रेट कोड वाले वीडियो शेयर करने का फीचर!
  10. 260W तक की धांसू पावर के साथ Philips ने नए स्पीकर, ईयरबड्स, नेकबैंड किए लॉन्च, कीमत Rs 1,699 से शुरू
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »