गगनयान प्रोजेक्ट से धरती से लगभग 400 किलोमीटर दूर एक सर्कुलर ऑर्बिट में दो से तीन सदस्यों के क्रू को एक से तीन दिन तक ले जाने और वापस सुरक्षित धरती पर लाने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन किया जाएगा
अंतरिक्ष यात्रियों के साथ देश के पहले स्पेस फ्लाइट मिशन गगनयान के प्रोपल्शन सिस्टम की पिछले महीने सफलतापूर्वक टेस्टिंग की गई थी। यह टेस्टिंग तमिलनाडु के महेन्द्रगिरि में ISRO के प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में हुई थी
इससे जुड़ी टेस्टिंग को बढ़ाया गया है। इसमें क्रू की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त ट्रायल मिशन शामिल हैं। इस तरह के दो मिशन इस वर्ष होंगे और इसके बाद अगले वर्ष की शुरुआत में मानवरहित मिशन हो सकता है
भारत के स्पेस मिशन के लिए साल 2022 उत्साह जनक रहा। कमर्शल स्पेस सेक्टर में भारत ने दुनिया को अपना दबदबा दिखाया और इसरो के सबसे भारी रॉकेट LVM3 ने OneWeb के 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट्स लॉन्च कर डाले।
Mission Gaganyaan in 10 Points : गगनयान मिशन का लक्ष्य 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ‘गगनयान’ नाम के स्पेसक्राफ्ट पर सवार करके करीब 7 दिनों के लिए पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना है।