Microsoft से होगी हजारों वर्कर्स की छंटनी, AI में बढ़ते इनवेस्टमेंट का असर

कंपनी ने बताया है कि उसकी योजना मैनेजर्स की संख्या को घटाने और अपने प्रोडक्ट्स और प्रोसीजर्स में सुधार करने की है

Microsoft से होगी हजारों वर्कर्स की छंटनी, AI में बढ़ते इनवेस्टमेंट का असर

इससे पहले भी कंपनी ने बड़ी संख्या में वर्कर्स की छंटनी की थी

ख़ास बातें
  • यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भारी इनवेस्टमेंट कर रही है
  • इससे पहले भी माइक्रोसॉफ्ट ने बड़ी संख्या में वर्कर्स की छंटनी की थी
  • कुछ बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों ने AI का इस्तेमाल बढ़ाया है
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अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी Microsoft की वर्कफोर्स को लगभग चार प्रतिशत घटाया जाएगा। यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भारी इनवेस्टमेंट कर रही है। इस वजह से कॉस्ट को घटाने के लिए स्टाफ में कमी की जा रही है। इससे पहले भी माइक्रोसॉफ्ट ने बड़ी संख्या में वर्कर्स की छंटनी की थी। 

Reuters की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने के अंत में कंपनी के पास लगभग 2,28,000 वर्कर्स थे। यह इनमें से हजारों वर्कर्स को हटाने की तैयारी कर रही है। इसका विशेषतौर पर सेल्स और गेमिंग जैसी डिविजंस पर बड़ा असर होगा। Windows ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली माइक्रोसॉफ्ट ने वित्त वर्ष 2025 में लगभग 80 अरब डॉलर का कैपिटल एक्सपेंडिचर करने की जानकारी दी थी। हालांकि, AI से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की कॉस्ट का इसके मार्जिन पर असर हो रहा है। कंपनी ने बताया है कि उसकी योजना मैनेजर्स की संख्या को घटाने और अपने प्रोडक्ट्स और प्रोसीजर्स में सुधार करने की है। 

माइक्रोसॉफ्ट की स्पेन के बार्सिलोना में मौजूद एक डिविजन से भी लगभग 10 प्रतिशत वर्कर्स को हटाया जा रहा है। यह डिविजन Candy Crush वीडियो गेम बनाती है। इस वर्ष की शुरुआत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook को ऑपेट करने वाली Meta ने बताया था कि वह बड़ी संख्या में वर्कर्स की छंटनी की थी। इंटरनेट सर्च इंजन Google की कंपनी Alphabet ने भी अपनी वर्कफोर्स को घटाया था। इसे लेकर गूगल के वर्कर्स ने चिंता जताई थी। कंपनी के वर्कर्स ने 'जॉब सिक्योरिटी' शीर्षक वाली एक इंटरनल पेटिशन शुरू की थी। इन वर्कर्स का कहना था कि कंपनी की इस तरह के कदमों से उनकी अच्छी क्वालिटी वाला वर्क करने की क्षमता पर असर पड़ता है और मनोबल कमजोर होता है। 

पिछले महीने Alphabet के CEO, Sundar Pichai ने कहा था कि कंपनी में इंजीनियर्स की हायरिंग जारी रहेगी। उनका कहना था कि AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद यह वर्कर्स की जगह नहीं ले सकता।  पिचाई ने बताया था कि ह्युमन टैलेंट के विकल्प के बजाय AI एक एक्सेलरेटर के तौर पर कार्य करता है। इससे कंपनी को टेक्नोलॉजी के इमर्जिंग एरिया में अधिक मौकों का फायदा उठाने में आसानी होती है। पिचाई ने कहा था, "मुझे उम्मीद है कि हमारे मौजूदा इंजीनियरिंग बेस को अगले वर्ष तक बढ़ाया जाएगा।" पिचाई का यह नजरिया अन्य कंपनियों से अलग है जो AI को कॉस्ट घटाने के एक जरिए के तौर पर देख रही हैं। 




(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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