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Government Apps - ख़बरें

  • भारत में स्मार्टफोन लोकेशन ट्रैकिंग के प्रपोजल के खिलाफ Apple और Samsung
    इस प्रपोजल को लेकर कुछ बड़ी स्मार्टफोन कंपनियों ने आपत्ति जताई है। केंद्र सरकार को यह प्रपोजल सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने जून में दिया था। इस प्रपोजल में कहा गया था कि स्मार्टफोन यूजर्स की लोकेशंस तभी उपलब्ध कराई जानी चाहिए जब ऑलवेज-ऑन स्मार्टफोन लोकेशन ट्रैकिंग को अनिवार्य किया जाए।
  • स्मार्टफोन्स में प्री-इंस्टॉल्ड नहीं होगा Sanchar Saathi ऐप, सरकार ने वापस लिया ऑर्डर
    विपक्षी दलों ने सरकार के इस आदेश का कड़ा विरोध किया था। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने कहा था कि इससे नागरिकों के प्राइवेसी से जुड़े अधिकारों का उल्लंघन होगा और इस ऐप का इस्तेमाल लोगों की जासूसी करने के लिए हो सकता है। हालांकि, इस विवाद के बाद टेलीकॉम मिनिस्टर Jyotiraditya Scindia ने बताया था कि स्मार्टफोन्स में इस ऐप को डिलीट किया जा सकेगा।
  • iPhone में संचार साथी ऐप को प्री-इंस्टॉल नहीं करेगी Apple!
    एपल की इस आदेश को मानने की योजना नहीं है। दुनिया में कहीं भी कंपनी इस तरह के आदेश का पालन नहीं करती क्योंकि इससे एपल के iOS इकोसिस्टम के लिए प्राइवेसी और सिक्योरिटी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। एपल के लिए भारत एक बड़ा मार्केट है। देश में इस वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी की iPhones की सेल्स 25 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। तीसरी तिमाही में कंपनी ने लगभग 50 लाख आईफोन्स की शिपमेंट की है।
  • स्मार्टफोन्स में Sanchar Saathi ऐप को डिलीट करने का मिलेगा ऑप्शनः टेलीकॉम मिनिस्टर
    स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर्स को इन बदलावों को लागू करने के लिए 90 दिनों की समयसीमा दी गई है। इस ऑर्डर के तहत, नया मोबाइल डिवाइस (Android या iPhone) को खरीदने पर सरकार का संचार साथी ऐप पहले से उसमें इंटीग्रेटेड होगा। DoT के ऑर्डर में यह भी कहा गया है कि यूजर्स को डिवाइसेज के पहली बार सेटअप करने के दौरान यह ऐप तुरंत दिखना चाहिए।
  • WhatsApp, Telegram जैसे ऐप्स पर करना होगा प्रत्येक छह घंटे में लॉगिन, जल्द लागू होगा रूल!
    इससे यह पक्का किया जा सकेगा कि जो व्यक्ति किसी कम्युनिकेशन ऐप पर वेब सेशन का इस्तेमाल कर रहा है वह उस एकाउंट से जुड़े SIM का वास्तविक एक्सेस रखता है। इससे दूरदराज के इलाकों से आपराधिक गतिविधियों को चलाने वाले स्कैमर्स पर नियंत्रण किया जा सकेगा। इस प्रकार का एक सिक्योरिटी फीचर Google Pay और PhonePe जैसे पेमेंट सर्विसेज से जुड़े ऐप्स में पहले से एक स्टैंडर्ड के तौर पर मौजूद है।
  • भारत में TikTok पर बैन बरकरार, कंपनी ने अनुमति मिलने से किया इनकार
    मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने कुछ वर्ष पहले राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा की प्राइवेसी को लेकर आशंकाओं की वजह से इस चाइनीज ऐप पर बैन लगाया था। टिकटॉक के प्रवक्ता ने एक स्टेटमेंट में पुष्टि की है कि भारत में इस शॉर्ट वीडियो ऐप पर प्रतिबंध बरकरार है। इससे पहले भी इस ऐप से बैन हटाए जाने की अफवाह उठ चुकी है
  • नए FASTag वार्षिक पास की जोरदार डिमांड, 4 दिनों में हुई 5 लाख से ज्यादा पास की बिक्री
    पिछले चार दिनों में तमिलनाडु में फास्टैग एनुअल पास की सबसे अधिक बिक्री हुई है। इसके बाद कर्नाटक और हरियाणा हैं। फास्टैग एनुअल पास के जरिए अधिकतम ट्रांजैक्शंस भी तमिलनाडु में हुई हैं। इन ट्रांजैक्शंस में कर्नाटक का दूसरा स्थान है। फास्टैग एनुअल पास से कस्टमर्स को एक वर्ष में 200 टोल को पार करने की अनुमति मिलेगी। इस पास का प्राइस 3,000 रुपये का है।
  • टूटी सड़क हो या गड्ढा, इस सरकारी ऐप से घर बैठे ऑनलाइन करें शिकायत
    भारत सरकार की संस्था Central Pollution Control Board (CPCB) ने Sameer App तैयार किया है, जो एक फ्री मोबाइल ऐप है। यह आपको रियल टाइम एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI), मौसम की स्थिति दिखाता है। यूं तो यह ऐप पहले से आसपास हो रहे प्रदूषण को लेकर शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है, लेकिन अब इस ऐप का एक और यूज जोड़ा गया है। CPCB ने सोशल मीडिया के जरिए बताया है कि अब नागरिक इस ऐप के जरिए टूटी सड़क या गड्ढों की शिकायत भी दर्ज कर सकते हैं। 
  • हर फोन में होनी चाहिए ये 5 सरकारी ऐप्स, आसान कर देती हैं लाइफ
    भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गईं ये 5 ऐप्स नागरिकों के जीवन को आसान बना देती है। MADAD ऐप को सरकार ने नागरिकों की सहायता के लिए तैयार किया है। DigiLocker ऐप को सरकार ने फिजिकल डॉक्यूमेंट साथ रखने के झंझट से छुटकारा प्रदान करने के लिए तैयार किया है। माय गोव ऐप नागरिकों और सरकार के बीच कनेक्शन प्रदान करता है। Umang ऐप कई सारी सरकारी सर्विस का इकलौता समाधान प्रदान करता है।
  • ये 5 सरकारी ऐप हैं बड़े काम के! क्या आपके स्मार्टफोन में हैं?
    डिजिटल जमाने में ऐसे कई सारे ऐप्स अब आ चुके हैं जो आपकी रोजमर्रा जिंदगी में आपका काफी समय बचा सकते हैं और आपके लिए काफी काम के साबित हो सकते हैं। सरकार की ओर से कई सारे ऐप्स शुरू किए गए हैं जो आपको सरकारी कामों या पब्लिक प्लेस में समय बचाने में काफी मदद करते हैं। RBI Retail Direct App, mParivahan App समेत कई ऐप्स इसमें शामिल हैं।
  • Ola, Uber पर iPhone और एंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए अलग किराए के आरोप की सरकार कर रही जांच 
    उपभोक्ता मामलों के मंत्री, Pralhad Joshi ने बताया कि इन दोनों कैब सर्विस कंपनियों ने डिवाइस के आधार पर अलग प्राइसिंग की स्ट्रैटेजी होने के आरोप से इनकार किया है। ओला और उबर ने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) की ओर से भेजे गए पत्र के उत्तर में यह जानकारी दी है। जोशी ने कहा कि इन दोनों कंपनियों के आरोप से इनकार करने के कारण यह मामला विस्तृत जांच के लिए DG (इनवेस्टिगेशन) को भेजा गया है।
  • Apple का बड़ा एक्शन, ऐप स्टोर पर बैन किए 1,35,000 से ज्यादा ऐप्स
    पिछले कुछ दिनों में कंपनी ने ऐप स्टोर पर 1,35,000 से ज्यादा ऐप्स को बैन किया है। इन ऐप्स के डिवेलपर्स ट्रेडर इनफॉर्मेशन देने में नाकाम रहे थे। पिछले कुछ वर्षों में ऐप्स की लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही इनके जरिए फ्रॉड के मामलों में तेजी आई है। एपल ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि यूरोपियन यूनियन (EU) में बिना ट्रेडर से जुड़ी जानकारी वाले ऐप्स को ऐप स्टोर से हटाया गया है।
  • भारत में तेजी से बढ़े AI टूल्स के यूजर्स, ChatGPT के लिए दूसरा सबसे बड़ा मार्केट
    इस सेगमेंट में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले ChatGPT के लिए यूजर्स की संख्या के लिहाज से भारत दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन गया है। ChatGPT को ऑपरेट करने वाली OpenAI ने बताया है कि देश में पिछले वर्ष उसके यूजर्स की संख्या लगभग तिगुनी हुई है। ChatGPT के CEO, Sam Altman का कहना है कि AI की क्रांति के अग्रणी देशों में भारत को शामिल होना चाहिए।
  • Google ने बैन किए 23 लाख से अधिक खतरनाक ऐप्स
    गूगल ने बताया है कि पिछले वर्ष 1,58,000 से अधिक डिवेलपर्स को भी बैन किया है। इन डिवेलपर्स के एकाउंट्स से खतरनाक ऐप्स को पब्लिश किया जा रहा था। कंपनी ने खतरे की पहचान के लिए आर्टफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल शुरू किया है। AI से ह्युमन रिव्युअर्स को उल्लंघन के मामलों में से 92 प्रतिशत में मैलवेयर और स्पाइवेयर को पकड़ने में मदद की है।
  • UPI की ये ट्रांजैक्शंस अगले महीने से होंगी ब्लॉक, जानें क्या आप पर पड़ेगा असर....
    नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया है कि अगले महीने से स्पेशल कैरेक्टर्स वाली ID से की जाने वाली UPI ट्रांजैक्शंस को ब्लॉक कर दिया जाएगा। देश में रिटेल पेमेंट्स और सेटलमेंट सिस्टम्स को NPCI ऑपरेट करता है। इसका उद्देश्य UPI की टेक्निकल स्पेसिफिकेशंस के कम्प्लायंस को सुनिश्चित करना है। हाल ही में में WhatsApp के सभी यूजर्स के लिए UPI सर्विसेज उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई थी।

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