Secret Test To Cool Earth : अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पृथ्वी को अस्थायी रूप से ठंडा करने के लिए एक तरीका आजमाया। उन्होंने सूर्य की कुछ किरणों को अंतरिक्ष में वापस भेजने की कोशिश की।
एक अधिक प्रभावशाली अल-नीनो इवेंट के कारण इसकी बर्फ के पिघलने की रफ्तार में एकदम से तेजी आ गई थी। उसके बाद से ग्लेशियर का पिघलना जारी है, और जो बर्फ पिघल चुकी है उसकी भरपाई नहीं हो पा रही है।
फुटे ने ग्लास सिलेंडर के अंदर पारा थर्मोमीटर रखे और पता लगाया कि जिस सिलेंडर में कार्बन डाइऑक्साइड थी, वह सूरज की रोशनी में सबसे ज्यादा गर्म हुआ। यानि कि जितनी ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड, उतनी ज्यादा गर्मी।
रिपोर्ट कहती है कि मानव ने अपनी गतिविधियों के कारण 1800 से लेकर अब तक धरती का तापमान 1.14 डिग्री सेल्सियस बढ़ा दिया है। यह 0.2 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर से बढ़ रहा है।
Global Warming : ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हमारी धरती लगातार गर्म होती जा रही है। रिसर्चर्स ने चेतावनी दी है कि साल 2100 तक दुनिया की बड़ी आबादी को जानलेवा गर्मी का सामना करना पड़ेगा।
इसे सोलर रेडिएशन मॉडिफिकेशन (SRM) भी कहा जाता है। सोलर जियोइंजीनियरिंग सुनने में जितना सरल और कारगर लग रहा है, इसके साथ उतने ही जोखिम भी जुड़े बताए गए हैं।
दीमक जब खराब लकड़ी (dead wood) को खाता है तो इससे कार्बन डाइऑक्साइड और मिथेन जैसी गैसें निकलती हैं। ये गैसें वायुमंडल में इकट्ठा होकर धरती का तापमान बढ़ाने में सहायक बन रही हैं।
ग्लोबल वॉर्मिंग के चलते अगले 8 सालों में दुनियाभर में 8 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरी खत्म हो सकती है जिसमें से अकेले भारत में 3.4 करोड़ नौकरियां जाएंगी।