Global Warming: पिघलती बर्फ ने धीमी की धरती की रफ्तार! अब बदल जाएगा 'समय'

पृथ्वी की घूमने की स्पीड कम होने में लाखों वर्षों का समय लगा है।

Global Warming: पिघलती बर्फ ने धीमी की धरती की रफ्तार! अब बदल जाएगा 'समय'

Photo Credit: ESA

ध्रुवों की बर्फ पिघलने से धरती की घूमने की रफ्तार घट रही है

ख़ास बातें
  • 7 करोड़ साल पहले दिन काफी छोटे होते थे
  • उस समय 23.5 घंटे का ही दिन होता था
  • 1800 से लेकर अब तक धरती का तापमान 1.14 डिग्री सेल्सियस बढ़ा
विज्ञापन
क्या आप जानते हैं कि ध्रुवों की बर्फ पिघलने से धरती की घूमने की रफ्तार घट रही है! जी हां, धरती अब पहले से धीरे घूमने लगी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती के ध्रुवों पर जमी बर्फ अब तेजी से पिघल रही है जिससे कि इक्वेटर यानी भूमध्य रेखा के पास धरती पर वजन लगातार बढ रहा है। इससे धरती धीरे घूमना शुरू कर चुकी है और नतीजन घड़ियों के समय पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। यह सब ग्लोबल वार्मिंग के कारण हो रहा है। कैसे? आइए जानते हैं। 

ग्लोबल वार्मिंग शब्द से हम सब परिचित हैं जिसमें कि धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में धरती के छोरों यानी ध्रुवों पर जमी हुई बर्फ पिघल रही है और सागर में मिलता पानी भूमध्य रेखा के पास वजन बढ़ा रहा है। Nature में इस स्टडी को प्रकाशित किया गया है। स्टडी कहती है कि इससे धरती की घूमने की गति कम हो रही है। और इसी कारण घड़ियों में से एक सेकेंड के समय को कम करना पड़ सकता है! इसे नेगेटिव लीप सेकेंड (negative leap second) कहा गया है जो कि 2029 तक घड़ियों में से कम किया जा सकता है। 

स्टडी से जुड़े एक्सपर्ट कह रहे हैं कि यह कंप्यूटर नेटवर्क टाइमिंग के लिए समस्या पैदा करेगा जो इससे पहले कभी नहीं देखी गई। इससे UTC समय मानक में बदलाव करना पड़ सकता है। स्टडी के ऑथर Duncan Agnew का कहना है कि ध्रुवों की बर्फ पिघल रही है, और इससे धरती का द्रव्यमान बढ़ रहा है। जिसके कारण इसकी एंगुलर वेलोसिटी प्रभावित हो रही है।

यहां पर यह भी जान लें कि पृथ्वी की घूमने की स्पीड कम होने में लाखों वर्षों का समय लगा है। Paleoceanography and Paleoclimatology में प्रकाशित हुए एक स्टडी के मुताबिक, 7 करोड़ साल पहले दिन काफी छोटे होते थे। उस समय 23.5 घंटे का ही दिन होता था।

ग्लोबल वार्मिंग आज के समय में दुनिया के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है जिससे प्राकृतिक आपदाओं ने विकाराल रूप लेना शुरू कर दिया है। वैज्ञानिक लगातार ऐसे तरीके खोज रहे हैं जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग को रोका जा सके और क्लाइमेट चेंज को कंट्रोल किया जा सके। जुलाई 2023 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन अपने चरम पर है। वार्षिक रूप से 54 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन हो रहा है जिससे धरती की सतह का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट कहती है कि मानव ने अपनी गतिविधियों के कारण सन् 1800 से लेकर अब तक धरती का तापमान 1.14 डिग्री सेल्सियस बढ़ा दिया है। यह 0.2 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर से बढ़ रहा है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Nothing Phone (3) का दिखा टीजर, स्पेशल एडिशन के साथ होगा लॉन्च!
  2. iPhone 17 सीरीज में बदल जाएगा फोन का डिजाइन! तस्वीरें लीक
  3. MicroStrategy ने बढ़ाई बिटकॉइन की होल्डिंग, 1 अरब डॉलर से ज्यादा का किया इनवेस्टमेंट 
  4. महाकुंभ में परिवहन के लिए इस्तेमाल होंगे ओला इलेक्ट्रिक के 1,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर्स
  5. बेहद पतला होने के बाद भी Oppo Find N5 फोल्डेबल फोन में मिलेगा वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट, कंपनी ने शेयर किया वीडियो
  6. Infinix Smart 9 HD भारत में 28 जनवरी को होगा लॉन्च! डिजाइन और स्पेसिफिकेशन्स भी हुए लीक
  7. अपकमिंग OnePlus स्मार्टफोन्स में मिलेगा बिल्कुल नया डिजाइन, मटेरियल और बनाने का तरीका भी बदला जाएगा!
  8. Apple Watch के इस फीचर ने बचाई शख्स की जान, भयानक हादसे के बाद पूल में पलटी थी कार!
  9. Apple के अफोर्डेबल स्मार्टफोन SE 4 में हो सकता है डायनैमिक आइलैंड, 8 GB का RAM
  10. सैटेलाइट स्पेक्ट्रम पॉलिसी से कंज्यूमर्स को ब्रॉडबैंड इंटरनेट के लिए मिलेंगे ज्यादा ऑप्शन 
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »