ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है। USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं
बिटकॉइन में अधिक रिस्क और क्रिप्टो माइनिंग से एनवायरमेंट को होने वाले नुकसान को लकेर पिछले वर्ष उनकी इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क के साथ बहस भी हुई थी
क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक जरूरत होती है। इसमें ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शंस को वैलिडेट करने के लिए मैथमैटिक्स की पजल्स को कंप्यूटर सिस्टम्स पर सॉल्व करना होता है
इस बिल का विरोध करने वालों का कहना है कि क्रिप्टो माइनर्स पर बैन लगाने से पहले उन्हें काम करने का मौका दिया जाना चाहिए। इन माइनर्स पर बैन लगाने से राज्य की इकोनॉमी और रोजगार का नुकसान होगा
ब्राजील में क्रिप्टो सेगमेंट की निगरानी के लिए एक नई रेगुलेटरी संस्था बनाई जा सकती है। यह जिम्मेदारी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन या ब्राजील के सेंट्रल बैंक को भी दी जा सकती है
बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देने का प्रपोजल नेशनल असेंबली ने पेश किया था जिसने सर्वसम्मति से बिल को पारित किया है। नए कानून से ट्रेडर्स को क्रिप्टो पेमेंट्स करने और ऑथराइज्ड एंटिटीज के जरिए क्रिप्टो में टैक्स पेमेंट्स करने की अनुमति होगी
Budget 2022: सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) और डिजिटल एसेट की कमाई पर 30% टैक्स को लेकर Nirmala Sitharaman का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था को बड़ी मजबूती मिलेगी। हालांकि, कई निवेशकों का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी से उनकी कमाई इतनी नहीं होती, जितना उन्हें अब टैक्स देना पड़ेगा।
पिछले साल 22 दिसंबर को हुए संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी बिल पर कोई चर्चा नहीं हुई थी, हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पहले कहा था कि जल्द एक "सुविचारित" बिल आएगा और कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे संसद में भी पेश किया जाएगा।
ऐसी रिपोर्ट है कि संसद के आगामी सत्र में सरकार सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसी पर देश में प्रतिबंध लगाने वाला एक बिल ला सकती है। सरकार की योजना देश के लिए एक ऑफिशियल डिजिटल करंसी लाने की भी है
बिल को लेकर सामने आए ऑफिशियल डॉक्युमेंट में कहा गया है कि यह बिल 'कुछ अपवादों' के साथ सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात करता है। हालांकि डॉक्युमेंट में इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि सरकार किन अपवादों की बात कर रही है।