क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले लोगों के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं है। भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बिल लाने जा रही है, जिसमें कुछ अपवादों के साथ सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने की तैयारी है। ‘क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' नाम के इस विधेयक को आगामी संसद सत्र में पेश किए जाने की तैयारी है। बिल को लेकर सामने आए ऑफिशियल डॉक्युमेंट में कहा गया है कि यह बिल 'कुछ अपवादों' के साथ सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात करता है। हालांकि डॉक्युमेंट में इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि सरकार किन अपवादों की बात कर रही है। कहा गया है कि ऑफिशियल डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए निर्णय लिया गया है, जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी किया जाएगा। कुछ दिन पहले ही यह खबर आई थी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की डिजिटल करेंसी का अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पायलट लॉन्च किया जा सकता है।
क्रिप्टो बिल उन 26 बिलों में से एक है, जिन्हें सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करने की योजना बना रही है। प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को आने वाले वक्त में देश में बैन किए जाने की खबर सामने आने के बाद
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट धड़ाम हो गया। बिटकॉइन समेत सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। बुधवार सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर भारत में बिटकॉइन में 10.88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 41 लाख 28 हजार 700 रुपये पर कारोबार कर रही थी। बाकी क्रिप्टोकरेंसीज में भी गिरावट देखने को मिली है। ईथर 8.13 फीसदी की गिरावट के साथ 3 लाख 12 हजार 410 रुपये पर कारोबार कर रही थी। XRP का भी यही हाल था, 10.14 फीसदी की गिरावट के साथ उसकी वैल्यू 77.13 रुपये पर आ गई।
गौरतलब है कि सरकार पिछले साल भी सभी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की योजना बना रही थी। इस साल बजट सत्र के दौरान भी एक बिल पेश करने की उसकी योजना थी। हालांकि बिल को रद्द कर दिया गया था और स्टेकहोल्डर्स के साथ इस मामले पर आगे चर्चा करने के लिए एक कमिटी का गठन किया गया था।
अभी कुछ दिन पहले ही यह
खबर आई थी कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की डिजिटल करेंसी का अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पायलट लॉन्च किया जा सकता है। एक अखबार ने आरबीआई के डिपार्टमेंट ऑफ पेमेंट एंड सेटलमेंट के चीफ जनरल मैनेजर, पी. वासुदेवन को कोट करते हुए लिखा था, "मुझे लगता है कि कहीं न कहीं यह कहा गया था कि अगले साल की पहली तिमाही तक एक पायलट लॉन्च किया जा सकता है, इसलिए हम इस पर उत्साहित हैं।" माना जा रहा है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसीज (CBDCs) ही डिजिटल या वर्चुअल करेंसीज होंगी। ये मूल रूप से फिएट करेंसीज का डिजिटल वर्जन होंगी, जो भारत में रुपया है। यानी ये एक तरह से डिजिटल रुपया हो सकती हैं। इससे पहले केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा था कि दिसंबर तक सीबीडीसी के सॉफ्ट लॉन्च की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन आरबीआई ने इसकी कोई आधिकारिक समयसीमा नहीं बताई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं। बीते दिनों सिडनी डायलॉग में वर्चुअली हिस्सा लेते हुए पीएम मोदी ने
कहा था कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर एक साथ काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, वरना हमारे युवाओं का नुकसान कर सकती है।