कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने दिल्ली और मुंबई समेत कई स्थानों पर इंटीग्रेटेड वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) प्रणालियां शुरू की हैं। इनके माध्यम से सरकार ग्राहकों से सीधे कॉल की गुणवत्ता के बारे में प्रतिक्रिया लेगी।
रिलायंस जियो ने इंटरकनेक्शन के मुद्दे पर एयरटेल पर फिर निशाना साधते हुए दावा किया कि अब भी हर दिन उसके ग्राहकों की एयरटेल के नेटवर्क पर की जाने वाली 1.6 करोड़ कॉल लग नहीं रही हैं।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि कंपनी को सारे सिम को एक्टिवेट करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, यह एक मात्र समस्या नहीं है जिसका सामना लोगों को करना पड़ रहा है।
भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने वोडाफोन सुपरनेट पर जारी वोडाफोन 'डिलाइट्स बोनांजा' के तहत उन सभी उपभोक्ताओं को 10 मिनट का मुफ्त टॉकटाइम देने का ऐलान किया है जिनके कॉल किसी वजट से बाधित हो जाते हैं।
मोबाइल टावरों से स्वास्थ्य पर किसी प्रतिकूल प्रभाव को नकारते हुए केंद्र ने गुरुवार को कहा कि वह एक ऐसी नई नीति बनाने जा रहा है जिसके तहत टावरों को खासतौर पर रिहायशी इलाकों में लगाना आसान हो जायेगा।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा अहमदाबाद शहर में कराए गए कॉल ड्रॉप परीक्षण में भारती एयरटेल को छोड़कर सभी कंपनियां तय मानकों पर विफल रहीं।
दूरसंचार नियामक ट्राई ने मंगलवार को कहा कि एयरसेल, वोडाफोन और आइडिया जैसी प्रमुख कंपनियां मुंबई में गलत तरीके से कॉल ड्राप छिपाने की तकनीक या आरएलटी का उपयोग कर रही हैं।
दूरसंचार नियामक ट्राई दूरसंचार ऑपरेटरों से रेडियो लिंक टाइमआउट प्रौद्योगिकी का ब्यौरा मांगेगा। इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कथित तौर पर कॉल ड्रॉप को छुपाने के लिये किया जा रहा है परिणामस्वरूप ग्राहकों को उंचा बिल चुकाना पड़ रहा है।
देश में चार-पांच दूरसंचार कंपनियों का एक कार्टेल (गुट) एक अरब ग्राहक जोड़े हुए है और प्रतिदिन 250 करोड़ रुपये कमा रहा है, पर वे सेवा को बेहतर बना कर काल ड्राप रोके के लिए अपने नेटवर्क पर आवश्यक निवेश नहीं कर रही हैं।
नेटवर्क से जुड़ी कॉल ड्रॉप की इस समस्या को सुलझाने के इरादे से पुणे की ऑप्टिनो मोबिटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने कॉल ड्रॉप मैनेजमेंट के लिए एक एंड्रॉयड ऐप लॉन्च किया है।