पिछले कुछ वर्षों से टेलीकॉम कंपनियों के अधिकतर टैरिफ प्लान में डेटा को शामिल किया जाता है। इससे डेटा का इस्तेमाल नहीं करने वाले कस्टमर्स को कुछ अधिक भुगतान करना पड़ता है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने रूल्स में बदलाव कर टेलीकॉम कंपनियों के लिए वॉयस कॉल्स और SMS के लिए अलग टैरिफ प्लान उपलब्ध कराना अनिवार्य कर दिया है।
TRAI ने संशोधित टेलीकॉम कंज्यूमर्स प्रोटेक्शन रेगुलेशंस में कहा है, "सर्विस प्रोवाइडर को वॉयस कॉल्स और SMS के लिए न्यूनतम एक स्पेशल टैरिफ वाउचर की पेशकश करनी होगी, जिसकी वैधता की अवधि 365 दिन से अधिक नहीं होगी।" इससे उन यूजर्स को फायदा होगा जो डेटा का इस्तेमाल नहीं करते। इसके साथ ही
TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को किसी भी वैल्यू के रिचार्ज वाउचर उपलब्ध कराने की अनुमति भी दी है। हालांकि, इन कंपनियों को कम से कम 10 रुपये का रिचार्ज कूपन जारी करना होगा।
स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या से निपटने के लिए भी टेलीकॉम रेगुलेटर ने कुछ उपाय किए हैं। इस समसया पर पर लगाम लगाने में नाकाम होने पर TRAI ने बड़ी टेलीकॉम कंपनियों पर जुर्माना लगाया है। इससे पहले भी टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस (TCCCPR) के तहत इन कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा चुका है।
TCCCPR को 2010 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य सब्सक्राइबर्स को स्पैम कॉल्स और मैसेज से सुरक्षित करना है। TRAI का मैसेज ट्रेसेबिलिटी कहा जाने वाला नया रूल 11 दिसंबर से लागू किया गया है। इस रूल से स्पैम मैसेज को घटाने में सहायता मिलेगी। इस रूल को 1 दिसंबर से लागू किया जाना था लेकिन टेलीकॉम कंपनियों के निवेदन पर इसे टाल दिया गया था। हालांकि, इसके लिए वास्तविक समयसीमा 31 अक्टूबर की थी। नए सिस्टम से मैसेज भेजने वाले से लेकर इसकी डिलीवरी तक को ट्रैक किया जा सकेगा। हाल ही में बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल
Bharti Airtel ने बताया था कि उसके नेटवर्क पर 8 अरब से ज्यादा स्पैम कॉल्स की चेतावनी दी गई है। कंपनी ने लगभग ढाई महीने पहले स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या से निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) से जुड़ा सॉल्यूशन लॉन्च किया था। इसके बाद से कंपनी के सब्सक्राइबर्स और स्पैम कॉल्स और मैसेज आने पर चेतावनी मिलती है। भारती एयरटेल ने बताया था कि इस सॉल्यूशन की मदद से उसके नेटवर्क पर प्रति दिन लगभग 10 लाख स्पैमर्स की पहचान की जाती है।