बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल Reliance Jio ने केंद्र सरकार से 2G और 3G नेटवर्क को बंद करने के लिए पॉलिसी बनाने का निवेदन किया है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से पब्लिश किए गए कंसल्टेशन पेपर 'डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू 5G इकोसिस्टम' पर प्रतिक्रिया में कंपनी ने इन नेटवर्क्स का इस्तेमाल करने वालों को 4G और 5G नेटवर्क्स पर शिफ्ट करने का सुझाव दिया है।
एक अन्य टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने भी इसी तरह का सुझाव दिया है। इसका कहना है कि इस तरह की रुकावटों से डिजिटल विभाजन हो रहा है और 5G के इकोसिस्टम पर असर पड़ रहा है। TRAI ने 5G के लिए इकोसिस्टम के डिवेलपमेंट में रुकावटों पर सुझाव मांगे थे। इस पर प्रतिक्रिया में
रिलायंस जियो ने कहा है, "सरकार को 2G और 3G नेटवर्क्स को पूरी तरह बंद करने के लिए पॉलिसी लानी चाहिए। इससे नेटवर्क पर गैर जरूरी कॉस्ट से बचा जा सकेगा और सभी कस्टमर्स 4G और 5G सर्विसेज पर शिफ्ट किए जा सकेगे।" इसके साथ ही कंपनी ने बताया है कि इससे 5G के लिए इकोसिस्टम को भी डिवेलपमेंट करने में आसानी होगी।
रिलायंस जियो ने मजबूत 5G कनेक्टिविटी के लिए बड़ी मात्रा में स्पेक्ट्रम की उपलब्धता और एलोकेशन की जरूरत पर भी जोर दिया है। Bharti Airtel और रिलायंस जियो अपने कस्टमर्स को 5G सर्विसेज की पेशकश कर रही हैं। इन कंपनियों के पास इस सर्विस के लिए 12.5 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। हालांकि,
एयरटेल और रिलायंस जियो 4G के मौजूदा रेट्स पर 5G कनेक्टिविटी दे रही हैं। इसमें अनलिमिटेड 5G डेटा शामिल है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये कंपनियां जल्द अपने अनलिमिटेड 5G प्लान बंद कर सकती हैं और इस सर्विस के लिए प्लान के चार्ज बढ़ सकते हैं।
ये दोनों टेलीकॉम कंपनियां लगभग एक वर्ष से अनलिमिटेड डेटा प्लान के साथ 4G के रेट्स पर 5G सर्विसेज उपलब्ध करा रही हैं। इसका कारण मौजूदा सब्सक्राइबर्स को 5G पर अपग्रेड करने के लिए प्रोत्साहित करना है। एनालिस्ट्स का अनुमान है कि यह स्थिति जल्द बदल सकती है क्योंकि ये कंपनियां सब्सक्राइबर्स की संख्या बढ़ने के साथ अपना रेवेन्यू बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। इन कंपनियों के 5G प्लान 4G की तुलना में 5-10 प्रतिशत तक महंगे हो सकते हैं।