बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शामिल Reliance Jio ने बताया है कि उसके True 5G नेटवर्क से स्मार्टफोन की बैटरी 40 प्रतिशत तक अधिक चल सकती है। कंपनी अपनी 5G सर्विसेज के लिए स्टैंडअलोन आर्किटेक्चर के साथ अन्य टेक्निकल फीचर्स का इस्तेमाल करती है जिससे स्पेक्ट्रम की बैंडविद्थ एप्लिकेशन के अनुसार निर्दिष्ट की जाती है। इससे स्मार्टफोन्स की एफिशिएंसी और बैटरी के प्रदर्शन में सुधार होता है।
Bharti Airtel अपनी 5G सर्विसेज के लिए नॉन-स्टैंडअलोन एक्सेस (NSA) प्रोसेस का इस्तेमाल करती है। इसमें मौजूदा 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर 5G टेक्नोलॉजी को लाया जाता है।
रिलायंस जियो शहरी क्षेत्रों के लिए 3.5 GHz बैंड और ग्रामीण इलाकों में 700 MHz का इस्तेमाल करती है। कंपनी के प्रेसिडेंट, Kiran͏͏ Thomas ने बताया कि हाई-कैपेसिटी वाली एप्लिकेशंस के लिए 26 GHz mmWave बैंड को भी रिजर्व किया है। इससे रिलायंस जियो को स्मार्टफोन की बैटरी के चलने की अवधि में 20 से 40 प्रतिशत को सुधार करने में सहायता मिलती है।
कंपनी के True 5G नेटवर्क से केवल GPS पर निर्भर किए बिना सटीक लोकेशन मिल सकती है। बिलिनेयर मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) भी जल्द लॉन्च हो सकता है। इस टेलीकॉम कंपनी का एनालिस्ट्स ने वैल्यूएशन 100 अरब डॉलर से अधिक (लगभग 8,41,090 करोड़ रुपये) लगाया है। Reliance Industries (RIL) इसके बाद अपनी रिटेल यूनिट को भी स्टॉक मार्केट में लिस्ट करा सकती है। रिलायंस जियो के पास लगभग 47.9 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं। इनवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म Jefferies ने जुलाई में
कंपनी का वैल्यूएशन लगभग 112 अरब डॉलर (लगभग 9,42,021 करोड़ रुपये) लगाया था।
लगभग पांच वर्ष पहले अंबानी ने बताया था कि रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल को अगले कुछ वर्षों में लिस्ट कराया जाएगा। एशिया के सबसे धनी व्यक्ति अंबानी ने पिछले कुछ वर्षों में अपने टेलीकॉम, डिजिटल और रिटेल कारोबारों के लिए लगभग 25 अरब डॉलर (लगभग 2,10,272 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। रिलायंस की इन यूनिट्स में Abu Dhabi Investment Authority, KKR और General Atlantic ने इनवेस्टमेंट किया है। कंपनी की योजना के बारे में जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने हाल ही में बताया था कि अगले वर्ष रिलायंस जियो का IPO लाया जा सकता है। हालांकि, इन सूत्रों का कहना था कि कंपनी वैल्यूएशन के बारे में फैसला नहीं किया गया है।