प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में 97,500 से अधिक टेलीकॉम टावर्स का भी उद्धाटन किया है। इन्हें पूरी तरह स्वदेशी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बनाया गया है
प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में कंपनी के 97,500 से अधिक टेलीकॉम टावर्स का भी उद्धाटन किया है
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने शनिवार को भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के 4G नेटवर्क को लॉन्च किया है। इस सरकारी टेलीकॉम कंपनी के 4G नेटवर्क के लिए स्वदेशी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। BSNL ने इसके लिए 97,000 से अधिक टेलीकॉम टावर्स लगाए हैं। इसके साथ ही उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में भारत शामिल हो गया है जिन्होंने टेलीकॉम से जुड़ी टेक्नोलॉजी खुद तैयार की है।
BSNL की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में कहा गया है, "प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया के विजन के अनुसार 'स्वदेशी' 4G नेटवर्क एक बड़े बदलाव वाला कदम है। इससे डिजिटल अंतर को भरने के साथ ही ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाया जा सकेगा। यह BSNL के 5G नेटवर्क के लिए भी रास्ता बनाएगा।" कंपनी के 4G नेटवर्क का डिजाइन क्लाउड-बेस्ड है और इसे 5G नेटवर्क पर अपग्रेड किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में 97,500 से अधिक टेलीकॉम टावर्स का भी उद्धाटन किया है। इन्हें पूरी तरह स्वदेशी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से बनाया गया है।
देश भर में 26,000 से अधिक दूरदराज के और सीमावर्ती गांवों में इन टावर्स के जरिए कनेक्टिविटी पहुंचेगी। नए टेलीकॉम टावर्स सोलर पावर का इस्तेमाल करते हैं। Reliance Jio और Bharti Airtel जैसी बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों का 5G नेटवर्क देश के लगभग प्रत्येक हिस्से में है और इन कंपनियों का मुकाबला करने में BSNL को मुश्किल रही है। BSNL की 5G सर्विस को Q-5G कहा जाएगा। इसमें Q का मतलब Quantum से है। जाली लिंक्स वाले SMS मैसेज से यूजर्स को सुरक्षित करने के लिए BSNL ने एंटी-स्मिशिंग और एंटी-स्पैम प्रोटेक्शन भी शुरू किया है।
हाल ही में टेलीकॉम डिपार्टमेंट ( DoT) ने बताया था कि BSNL के लिए लगभग 47,000 करोड़ रुपये का कैपिटल एक्सपेंडिचर करने की योजना है। टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कंपनी से अगले वर्ष तक अपने कस्टमर्स की संख्या बढ़ाने के साथ ही मोबाइल सर्विस से जुड़े बिजनेस में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के लिए कहा है। इस सरकारी टेलीकॉम कंपनी को जुलाई में 1.01 लाख सब्सक्राइबर्स का नुकसान हुआ है। इसकी सहयोगी टेलीकॉम कंपनी MTNL के सब्सक्राइबर्स भी कम हुए हैं। टेलीकॉम मार्केट के मोबाइल सेगमेंट में इन दोनों सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी घटकर आठ प्रतिशत से कम रह गई है।
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