चीन की टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी Huawei को भारत में टैक्स चोरी का दोषी पाया गया है। सरकार के एक सूत्र ने गुरुवार को Reuters को बताया कि कंपनी ने अपनी टैक्सेबल इनकम को घटाने के लिए खातों में गड़बड़ी की थी। वित्त मंत्रालय ने कंपनी की पहचान बताए बिना कहा कि एक बड़ा टेलीकॉम ग्रुप पिछले महीने इनकम टैक्स के छापों के दौरान टैक्स क्लेम पर उपयुक्त जानकारी देने में नाकाम रहा।
इस बारे में
Huawei के प्रवक्ता ने टिप्पणी नहीं की है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले महीने टैक्स चोरी की जांच में Huawei के परिसरों पर
छापे मारे थे। इनमें कंपनी के दिल्ली, गुरूग्राम और बेंगलुरु में परिसर शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों ने वित्तीय दस्तावेजों, खातों और कंपनी के रिकॉर्ड्स की
जांच की थी। इनमें Huawei के भारत और विदेश में बिजनेस से जुड़ी ट्रांजैक्शंस की जांच शामिल थी। कुछ रिकॉर्ड्स को जब्त भी किया गया था। हालांकि, कंपनी का कहना था कि देश में उसका बिजनेस कानून का पालन करता है। कंपनी ने एक बयान में कहा था, "Huawei को विश्वास है कि देश में हमारा बिजनेस सभी कानूनों और नियमों का पालन करता है। हम अधिक जानकारी के लिए संबंधित सरकारी डिपार्टमेंट्स से संपर्क करेंगे और नियमों के अनुसार जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा।"
सरकार ने 5G सर्विसेज के ट्रायल से Huawei को बाहर रखा है। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों को उनके पुराने एग्रीमेंट्स के तहत नेटवर्क को मेंटेन करने के लिए Huawei और ZTE से
टेलीकॉम इक्विपमेंट खरीदने की अनुमति दी गई है। हालांकि, टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर पर नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव के तहत टेलीकॉम कंपनियों को Huawei और ZTE के साथ कोई नया बिजनेस एग्रीमेंट करने से पहले सरकार से स्वीकृति लेने की जरूरत होगी। टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले वर्ष Xiaomi और Oppo जैसी चाइनीज हैंडसेट कंपनियों के खिलाफ छापे मारे थे। डिपार्टमेंट ने इनमें देश के टैक्स कानून और रेगुलेशंस का उल्लंघन कर 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध इनकम का पता लगने का दावा किया था।
इससे पहले अमेरिका सहित कुछ अन्य देशों में भी Huawei पर प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं। ये प्रतिबंध सुरक्षा को खतरे की आशंका के कारण लगे थे। Huawei कई बड़ी टेलीकॉम कंपनियों को इक्विपमेंट की सप्लाई करती है। Huawei पर बंदिशें लगने का फायदा नोकिया जैसी अन्य टेलीकॉम इक्विपमेंट कंपनियों को मिला है।