धरती से तेज चंद्रमा पर घूमता है समय का पहिया, नई स्टडी में हुआ खुलासा

इस स्टडी के अनुसार, "धरती से दूर घड़ियां तेजी े चलती हैं और एक समान गति वाली घड़ियां स्थिर घड़ियों की तुलना में धीमी होती हैं।"

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 2 दिसंबर 2024 16:59 IST
ख़ास बातें
  • इसका कारण चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण की शक्ति धरती से कमजोर होना है
  • यह स्टडी Albert Einstein की जनरल रिलेटिविटी थ्योरी पर आधारित है
  • हाल ही में ISRO को चंद्रयान-4 के लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति मिली थी

यह स्टडी Albert Einstein की जनरल रिलेटिविटी थ्योरी पर आधारित है

पिछले कुछ वर्षों में चंद्रमा के बारे में कुछ नए तथ्य सामने आए हैं। एक नई स्टडी में यह पता चला है कि धरती की तुलना में चंद्रमा पर समय अधिक तेजी से चलता है। इसका कारण चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण की शक्ति धरती से कमजोर होना है। चंद्रमा पर घड़ी की चाल धरती की तुलना में लगभग 56 माइक्रोसेकेंड्स प्रति अर्थ डे या 0.00056 सेकेंड्स तेज होती है। 

Astronomical Journal में प्रकाशित यह स्टडी Albert Einstein की जनरल रिलेटिविटी थ्योरी पर आधारित है। इस स्टडी से जुड़े नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नोलॉजी (NIST) के थ्योरेटिल फिजिस्ट, Bijunath Patla ने बताया, "अगर हम चंद्रमा पर हैं तो धरती की तुलना में घड़ी अलग तरीके से चलती है।" इस स्टडी में Patla और उनके सहयोगी Neil Ashby ने आइंसटीन के कार्य का इस्तेमाल कर संख्या की गणना के लिए पिछले विश्लेषणों में सुधार किया है। जनरल रिलेटिविटी की थ्योरी में बताया गया है कि एक सामान्य घड़ी की दर पर उसके स्थान और उससे जुड़ी गति पर गुरुत्वाकर्षण की क्षमता से प्रभावित होती है। 

इस स्टडी के अनुसार, "धरती से दूर घड़ियां तेजी से चलती हैं और एक समान गति वाली घड़ियां स्थिर घड़ियों की तुलना में धीमी होती हैं।" हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को चंद्रयान-4 के लिए केंद्र सरकार से स्वीकृति मिली थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए मून मिशन को हरी झंडी दी है। इस मिशन में चंद्रमा पर एक भारतीय की लैंडिंग और धरती पर सुरक्षित वापसी के लिए जरूरी तकनीकी क्षमताओं का आकलन किया जाएगा। पिछले वर्ष ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन को सफलता से पूरा किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था कि चंद्रयान-4 मिशन से स्पेस टेक्नोलॉजी में भारत की आत्मनिर्भता बढ़ेगी और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। इस मिशन में चंद्रमा से सैम्प्ल एकत्र कर उसका विश्लेषण किया जाएगा। 

चंद्रयान-4 की वजन क्षमता ISRO के पास मौजूद सबसे पावरफुल रॉकेट से ज्‍यादा हो सकती है। इस वजह से मिशन को दो हिस्‍सों में लॉन्‍च करने की तैयारी है। यह दुनिया का पहला ऐसा स्पेस मिशन होगा, जिसे दो भागों में लॉन्च किया जाएगा और स्‍पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में जोड़ा जाएगा। इस मिशन की सफलता ISRO के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी। चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा से सैंपल लेकर वापस आना है। दुनिया के तीन देश- अमेरिका, रूस और चीन ही चंद्रमा से सैंपल ला सके हैं। अमेरिका और भारत की अगले वर्ष के अंत तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक भारतीय एस्ट्रॉनॉट को भी भेजने की योजना है। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Tecno की Pova 7 सीरीज कल होगी लॉन्च, Flipkart के जरिए होगी बिक्री
#ताज़ा ख़बरें
  1. टाटा मोटर्स ने शुरू की Harrier EV की बुकिंग्स, जानें प्राइसेज, रेंज
  2. Tecno की Pova 7 सीरीज कल होगी लॉन्च, Flipkart के जरिए होगी बिक्री
  3. Tecno ने लॉन्च की Spark 40 सीरीज, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. Google Pixel 6a यूजर्स के लिए खुशखबरी, बैटरी ओवरहीटिंग की दिक्कत ठीक करने के लिए कंपनी ने उठाया बड़ा कदम
  5. Tech News Today: Oppo Reno 14 5G सीरीज के लॉन्च से माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी तक, ये हैं आज की कुछ महत्वपूर्ण खबरें
  6. Microsoft से होगी हजारों वर्कर्स की छंटनी, AI में बढ़ते इनवेस्टमेंट का असर
  7. Apple के लिए iPhones बनाने वाली Foxconn ने भारत में फैक्टरियों से चाइनीज स्टाफ को निकाला
  8. इस दिन नहीं चलेगा UPI साथ रखें कैश, बैंक ने जारी किया अलर्ट
  9. Vivo X Fold 5 और Vivo X200 FE जल्द होंगे भारत में लॉन्च, Zeiss ब्रांडेड कैमरा यूनिट
  10. Bigg Boss 19 में AI डॉल Habubu का जलवा! क्या यह बदल देगी रियलिटी शो की दुनिया?
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.