Solar storm Warning : सूर्य में हो रही गतिविधियों ने वैज्ञानिकों को चिंतित किया है। एक के बाद एक
सौर तूफान हमारे ग्रह तक पहुंच रहे हैं और पृथ्वी को ‘मुसीबत' में डाल रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी
नासा (Nasa) समेत वेदर एक्सपर्ट ने एक सौर तूफान के बारे में चेतावनी जारी की है। यह सौर तूफान कल यानी 30 नवंबर को हमारी पृथ्वी से टकरा सकता है। इसकी वजह से रेडियो और GPS सिग्नल बाधित हो सकते हैं। जो सौर तूफान कल आएगा, वह एक कोरोनल मास इजेक्शन (CME) होगा।
क्या होता है कोरोनल मास इजेक्शन
नासा के अनुसार, कोरोनल मास इजेक्शन या CME सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड में फैल जाते हैं। यह कई लाख मील की दूरी तय करते हैं और ग्रहों के मैग्नेटिक फील्ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं।
कोरोनल मास इजेक्शन कितना खतरनाक
एक CME के हमारे ग्रह के मैग्नेटिक फील्ड से टकराने के कारण सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है। पावर ग्रिडों पर असर पड़ सकता है। ज्यादा तीव्रता वाला सीएमई पृथ्वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकता है।
30 नवंबर को जो सौर तूफान पृथ्वी से टकराएगा वह एक G2 क्लास के सोलर फ्लेयर का नतीजा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके कारण रेडियो और जीपीएस सिग्नल बाधित हो सकते हैं। ऑरोरा भी आकाश में बन सकते हैं। हालांकि ऑरोरा को ऊंचाई वाले इलाकों से ही देखा जा सकता है। खास यह भी है कि कोई भी सौर तूफान सीधे तौर पर इंसानों को प्रभावित नहीं करता, लेकिन हमारी जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर असर डालता है।
सूर्य में हो रही ये घटनाएं साल 2025 तक जारी रहने वाली हैं। हमारा सूर्य एक सौर चक्र से गुजर रहा है और अभी सोलर मैक्सिमम वाले पीरियड में है। इस दौरान इससे बड़ी संख्या में सोलर फ्लेयर और सीएमई निकलते रहेंगे।