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सूर्य से भड़की ‘चिंगारी’ की चपेट में पृथ्‍वी! उम्‍मीद से पहले हो गया CME का ‘हमला’

Solar storm : यह सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। इनका प्रभाव अधिक हो, तो सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है।

सूर्य से भड़की ‘चिंगारी’ की चपेट में पृथ्‍वी! उम्‍मीद से पहले हो गया CME का ‘हमला’

Photo Credit: Nasa

मौजूदा G2 कैटिगरी के तूफान के कारण पृथ्‍वी पर कोई बड़ा असर नहीं हुआ। कुछ इलाकों में ऑरोरा देखने को मिला है।

ख़ास बातें
  • पृथ्‍वी के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकराया एक सीएमई
  • ये सौर प्‍लाज्‍मा के बड़े बादल होते हैं
  • दुनिया के कुछ हिस्‍साें में नजर आया शानदार ऑरोरा
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सूर्य में हो रही घटनाएं हमारी पृथ्‍वी को प्रभावित कर रही हैं। यह सब हो रहा है उस सौर चक्र के कारण, जो साल 2025 तक जारी रहने वाला है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) पहले ही बता चुकी है कि सौर चक्र के कारण सूर्य में अप्रत्‍याशित चीजें होती रहेंगी। पृथ्‍वी पर सौर तूफानों का खतरा बढ़ जाएगा। कुछ ऐसा ही हुआ सोमवार की रात, जब तय समय से पहले ही पृथ्‍वी के चुंबकीय क्षेत्र तक एक कोरोनल मास इजेक्‍शन (CME) पहुंच गया। यह सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। इनका प्रभाव अधिक हो, तो सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है।

Spaceweather.com की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सोमवार की रात शुरू हुए सीएमई ने भू-चुंबकीय तूफान तो पैदा नहीं किया, लेकिन अभी एक G2 कैटिगरी का तूफान चल रहा है। 

जैसाकि हमने बताया कोरोनल मास इजेक्शन सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्‍नेटिक फील्‍ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्‍तार होता है और अक्‍सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्‍नेटिक फील्‍ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्‍वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्‍नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है। पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। इनका असर ज्‍यादा होने पर ये पृथ्‍वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं। 

मौजूदा G2 कैटिगरी के तूफान के कारण पृथ्‍वी पर कोई बड़ा असर नहीं हुआ। कुछ इलाकों में ऑरोरा देखने को मिला है। ऑरोरा की घटनाएं आसमान को रोशन कर देती हैं। वैज्ञानिकों की टीम सूर्य से निकले इस सीएमई को मॉनिटर कर रही है। फ‍िलहाल पृथ्‍वी पर इस सीएमई की वजह से कोई खतरा नहीं है। हो सकता है कि कुछ इलाकों में शॉर्ट वेव रेडियो ब्‍लैकआउट देखने को मिले। 

जिस तरह से सीएमई हमारी पृथ्‍वी को प्रभावित करते हैं, उसी तरह से सोलर फ्लेयर भी सूर्य से निकलर पृथ्‍वी तक पहुंचते हैं और अपना प्रभाव दिखाते हैं। 
 

सोलर फ्लेयर

जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्‍स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्‍स प्रकाश की गति से अपना सफर तय करते हैं। 
 
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