हमारा ब्रह्मांड रहस्यों से भरा हुआ है। इनमें भी ब्लैक होल (Black Hole) सबसे अनोखी चीजें हैं। वैज्ञानिक आजतक इनके बारे में पूरी तरह से नहीं जान पाए हैं। अब खगोलविदों ने आकाशगंगाओं के केंद्र में 400 से ज्यादा ब्लैक होल की खोज की है। ये ब्लैक होल तारों और धूल को निगल जाते हैं और आज से पहले देखे नहीं गए थे। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) की चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेट्री (Chandra X-ray Observatory) की मदद से इन्हें खोजा गया। माना जा रहा है कि ये ब्लैक होल धूल के कोकून के नीचे छिपे थे।
विशालकाय ब्लैक होल्स का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से भी अरबों गुना ज्यादा होता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि लगभग सभी बड़ी आकाशगंगाओं के केंद्र में बड़े पैमाने पर
ब्लैक होल होते हैं। इनमें से कुछ ब्लैक होल रेडिएशन को अवशोषित करते हैं और बाकी धूल और गैस के नीचे छुपे होते हैं।
सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के डोंग-वू किम ने एक
प्रेस रिलीज में बताया कि खगोलविदों ने बड़ी संख्या में ब्लैक होल्स की पहचान की है। इन्होंने हमें यह समझने में मदद की है कि वो कैसे बिहेव कर रहे हैं।
ब्लैक होल्स को लेकर वैज्ञानिक अलग-अलग
थ्योरी भी पेश करते हैं। पिछले साल पोलिश सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी, निकोडेम पोपलावस्की (Nikodem Popławski) ने कहा था कि हरेक ब्लैक होल में एक नया ब्रह्मांड होता है। एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में निकोडेम ने कहा था कि हमारा पूरा ब्रह्मांड एक ब्लैक होल के अंदर मौजूद हो सकता है, जो दूसरे ब्रह्मांड का हिस्सा है। माना जाता है कि ब्लैक होल का साइज अलग-अलग हो सकता है। यह बहुत छोटे आकार से लेकर आकाशगंगाओं के केंद्र में मौजूद विशाल ‘दानव' के जैसे हो सकते हैं।
निकोडेम पोपलावस्की ने कहा था कि ब्लैक होल चाहे छोटे हों या बड़े, उनमें से हरेक के अंदर एक संपूर्ण ब्रह्मांड छिपा हो सकता है। इसके अलावा, बीते साल साइंटिस्टों ने एक
लैब में ब्लैक होल बना डाला। वैज्ञानिकों ने करीब एक दशक पुराने स्टीफन हॉकिंग सिद्धांत (Stephen Hawking theory) को टेस्ट करने के लिए रिसर्चर्स ने लैब में ब्लैक होल की स्थितियों को डेवलप किया।