वैज्ञानिकों के लिए ब्रह्मांड में सबसे उत्सुकता वाली चीज सूर्य (Sun) है। इस धधकते आग के गोले के बारे में जानने के लिए वह दिन-रात जुटे रहते हैं। कई अंतरिक्ष यान इस मकसद से अंतरिक्ष में हैं कि वह सूर्य के बारे में और जानकारी जुटा सकें। दुनियाभर की स्पेस एजेंसियां, सूर्य से जुड़ी नई घटनाओं को हमारे सामने लेकर आती हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) इसमें सबसे आगे हैं। नासा के हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट से पता चलता है कि बीते दिनों सूर्य एक के बाद एक कई घटनाओं का गवाह बना।
नासा ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर बताया है कि पिछले हफ्ते हमारे सूर्य ने बैक टू बैक परफॉर्मेंस दी। एजेंसी के मुताबिक, 30 मार्च 2022 को सूर्य से बहुत तेज चमक निकली। यह दोपहर होते-होते अपने पीक पर थी। इसके बाद एक मध्यम दर्जे की हलचल और रिकॉर्ड की गई। सूर्य में हुई हलचल को हमारी सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने कैप्चर किया। यह लगातार सूर्य को देखती है और इसमें होने वाली घटनाओं को कवर करती है।
नासा की ओर से शेयर किए गए पहले ग्राफिक में अहम सौर चमक दिखाई देती है। इसके तहत टॉप राइट हिस्से में तेज चमक नजर आती है। यह पीले रंग में सूर्य के गर्म हिस्से को चमकते हुए दिखाता है। दूसरा ग्राफिक मध्यम दर्जे का है। इसे अगले दिन कैप्चर किया गया था। नासा के मुताबिक, सूर्य के बिहेवियर को समझना हमारे सौर मंडल का अहम हिस्सा है। सूर्य में होने वाले विस्फोटों की वजह से पृथ्वी के चारों ओर यात्रा करने वाले उपग्रहों और कम्युनिकेशन सिस्टम पर असर पड़ सकता है। नासा के इस पोस्ट को 7 लाख 20 हजार से ज्यादा लाइक मिले हैं। लोगों ने कमेंट भी लिखे हैं।
सूर्य से जुड़े एक अहम इवेंट के तहत हाल ही में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के सोलर ऑर्बिटर ने सूर्य की नजदीकी उड़ान के दौरान उसकी हाई-रेजॉलूशन
इमेज खींची। सोलर ऑर्बिटर ने सूर्य की फुल डिस्क इमेज के साथ उसके वातावरण और कोरोना को भी कैद किया है। 7 मार्च को यह ऑर्बिटर सूर्य से सिर्फ 75 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर था। यह पृथ्वी से सूर्य की दूरी का आधा है। सोलर ऑर्बिटर ने अपने एक्ट्रीम अल्ट्रावाइलेट इमेजर (EUI) का इस्तेमाल करते हुए लगभग 10 मिनट के एक्सपोजर में 25 इमेज खीचीं। वैज्ञानिकों ने फुल इमेज बनाने के लिए सभी तस्वीरों को एक मोजेक में जोड़ दिया। फाइनल इमेज में 83 मिलियन पिक्सल से भी ज्यादा हैं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि इसका रेजॉलूशन 4K टीवी स्क्रीन से 10 गुना बेहतर है।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इन तस्वीरों से उन्हें सौर विस्फोट समेत विभिन्न सौर घटनाओं को समझने में मदद मिलेगी। याद रहे कि जब पृथ्वी की दिशा में सौर विस्फोट होते हैं, तो सोलर पार्टिकल्स पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं। इससे कई बार भू-चुंबकीय तूफान भी आते हैं, जिस वजह से पृथ्वी पर पावर ग्रिड और कम्युनिकेशन टावरों के संचालन में असर पड़ता है।
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