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Science News - ख़बरें

  • Next Solar Eclipse : फ‍िर लगने वाला है सूर्यग्रहण, नोट कर लें तारीख, जानें डिटेल
    इस 2 अक्‍टूबर को दुनिया ने सूर्य ग्रहण देखा, जोकि एक वलयाकार सूर्यग्रहण था। एक बार फ‍िर सूर्यग्रहण लगने वाला है। रिपोर्टों के अनुसार, यह मौका इस साल तो नहीं, लेकिन अगले साल की शुरुआत में आएगा। 29 मार्च 2025 को दुनिया आंशिक सूर्य ग्रहण देखेगी। इसे यूरोप, एशिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका के अलावा अटलांटिक और आर्कटिक महासागरों के एरिया में देखा जा सकेगा। आंशिक सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य पूरी तरह से नहीं ढकता।
  • 8 अरब डॉलर का हो जाएगा भारत का डेटा सेंटर मार्केट, ये शहर बने बड़े हब
    भारत का डेटा सेंटर मार्केट अगले साल तक 8 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्‍मीद है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में यह मार्केट 7 अरब डॉलर का था। रिपोर्ट में बताया गया है कि मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बंगलूरू में डेटा सेंटरों की संख्‍या बढ़ रही है। इसकी वजह देश के डेटा खपत में बढ़ोतरी, लेटेस्‍ट टेक्‍नॉलजी का सामने आना और सरकार से मिल रहा समर्थन अहम है।
  • Hunter Moon 2024 : आसमान में दिखेगा ‘हंटर मून’, 15% बड़ा नजर आएगा चांद, नोट कर लें तारीख
    चंद्रमा और पृथ्‍वी एक-दूसरे के बेहद करीब आने वाले हैं। यह नजारा खुली आंखों से 17 अक्‍टूबर की शाम को देखा जा सकेगा। दुनिया इसे हंटर मून कहती है, तो भारत के लिए यह शरद पूर्णिमा होगी। यह इस साल का तीसरा और सबसे बड़ा सुपरमून होने वाला है। इस दौरान चंद्रमा की पृथ्‍वी से दूरी 3 लाख 57 हजार 364 किलोमीटर रह जाएगी। साल 2024 में यह पृथ्‍वी और चंद्रमा के बीच सबसे कम दूरी होगी।
  • बर्फ पर ‘एलियंस’ की तलाश! Nasa के Europa Clipper मिशन का लॉन्‍च आज, जानें इसके बारे में
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा आज एक अहम मिशन को लॉन्‍च करने जा रही है। यूरोपा क्लिपर स्‍पेसक्राफ्ट को बृहस्‍पति ग्रह के एक चंद्रमा यूरोपा (Europa) के लिए रवाना किया जाएगा। यूरोपा को बृहस्‍पति का बर्फीला चांद भी कहते हैं। वैज्ञानिकों को लगता है कि यूरोपा पर मौजूद बर्फीले महासागर के नीचे जीवन के सबूत मौजूद हो सकते हैं। फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्‍पेस सेंटर के लॉन्‍च कॉम्‍प्‍लेक्‍स 39A से इसे उड़ाया जाएगा।
  • Big Breaking : स्‍पेसएक्‍स ने रचा इतिहास, दुनिया के सबसे भारी रॉकेट का लॉन्‍च टेस्‍ट ‘कामयाब’, बूस्‍टर की सफल लैंडिंग
    अंतरिक्ष के क्षेत्र में रविवार को इतिहास रचा गया। एलन मस्‍क की स्‍पेस कंपनी स्‍पेसएक्‍स ने दुनिया के सबसे भारी रॉकेट स्‍टारशिप का पांचवीं बार परीक्षण किया। स्‍पेसएक्‍स को बड़ी कामयाबी मिली, क्‍योंकि रॉकेट का बूस्‍टर लॉन्‍च साइट पर वापस लौट आया। वहीं, अपर स्‍टेज भी तय समय पर स्‍पैलशडाउन के लिए हिंद महासागर में पहुंच गया। यह भविष्‍य में इंसान को मंगल ग्रह (Mars) तक ले जाने का रास्‍ता पुख्‍ता करेगा।
  • धरती से 400km ऊपर वैज्ञानिकों ने लगाए 4K कैमरा, रिकॉर्ड हुआ ‘महातूफान’ Milton का नजारा
    इस साल की शुरुआत में इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर एक कार्गो के जरिए स्पेसटीवी-1 नाम का पेलोड भेजा गया था। यह पेलोड, स्‍पेस वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी सेन (Sen) का था, जिसमें 4K कैमरों का एक सेट था। उसे आईएसएस के बाहरी हिस्‍से में लगाया जाना था। कैमरों को स्‍टेशन पर सेट किया जा चुका है और इन्‍होंने पृथ्‍वी के कुछ हैरान करने वाले दृश्‍य कैप्‍चर किए हैं, जिनमें मिल्टन तूफान का दृश्‍य प्रमुख है।
  • जिसका डर था, वही हुआ! पृथ्‍वी से टकराया ‘बहुत बड़ा’ सौर तूफान, अमेरिका पर दोहरी मार
    गुरुवार रात करीब 9 बजे पृथ्‍वी से एक ‘बहुत बड़ा’ सौर तूफान टकराया। इसकी वजह से बिजली ग्रिडों पर असर हो सकता है। जीपीएस और रेडियो कम्‍युनिकेशन सिस्‍टम्‍स प्रभावित हो सकते हैं। सौर तूफान के कारण उन इलाकों में भी ऑरोरा (Aurora) दिखाई दे सकते हैं, जहां आमतौर पर नहीं दिखाई देते। इससे अमेरिकी एजेंसियां चिंतित हैं। उन्‍हें आशंका है कि अमेरिका में मिल्‍टन साइक्‍लोन से निपटने के लिए किए जा रहे उपाय प्रभावित हो सकते हैं।
  • What is Samudrayaan Mission? समुद्र में 6000 मीटर गहराई तक जाएंगे भारतीय वैज्ञानिक, जानें समुद्रयान मिशन की खूबियां
    भारत गगनयान मिशन के अलावा समुद्रयान मिशन पर भी काम कर रहा है। यह भारत का पहला गहरा समुद्री मिशन होगा, जिसमें वैज्ञानिक भी गोता लगाएंगे। जिस पनडुब्‍बी का इस्‍तेमाल होगा, उसका नाम मत्स्य-6000 (Matsya-6000) रखा गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मिशन के अहम मॉड्यूल को इसरो डेवलप कर रहा है। उसे बनाने में टाइटेनियम का इस्‍तेमाल हो रहा है। मॉड्यूल पानी में 6 हजार मीटर गहराई तक जा सकेगा।
  • धरती से 400km ऊपर ‘स्‍पेस स्‍टेशन’ से लीक हो रही हवा, टेंशन में Nasa!
    धरती से 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्‍वी का चक्‍कर लगा रहे इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) से हवा का लीक होना लगातार जारी है। साल 2019 में सबसे पहले लीकेज का पता चला था। नासा की एक हालिया रिपोर्ट में लीकेज को लेकर फ‍िर से चिंता जताई गई है। कहा गया है कि अप्रैल 2024 में यह लीकेज रोजाना 1.7 किलोग्राम तक पहुंच गया। नासा रिपेयर वर्क से नासा संतुष्‍ट दिख रही है, पर इसका स्‍थायी समाधान चाहती है।
  • मंगल ग्रह पर 500 दिन तक रहेगा इंसान, Nasa ने फाइनल की तारीख! आप भी जानें
    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, मंगल ग्रह को लेकर कई मिशन प्‍लान कर रही है, जिसमें अंतरिक्ष यात्र‍ियों को मंगल ग्रह पर भेजना भी शामिल है। नासा साल 2035 तक इंसानों को मंगल पर भेजना है। यह सफर आसान नहीं होने वाला। सिर्फ एक तरफ का सफर यानी पृथ्‍वी से मंगल तक पहुंचने में 6 से 7 महीने लगेंगे और 40 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। योजना है कि मंगल ग्रह की सतह पर एस्‍ट्रोनॉट 500 दिन रहें।
  • अजब खोज : पृथ्‍वी से 700 किलोमीटर नीचे मिला सबसे बड़ा महासागर
    नॉर्थवेस्‍टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक और महासागर की खोज की है। यह सभी 5 महासागरों को मिलाकर भी उनसे 3 गुना बड़ा है। खोज धरती से 700 किलोमीटर नीचे पृथ्‍वी के मेंटल में की गई है। वैज्ञानिकों ने इस काम में सीस्मोग्राफ की मदद ली। ये ऐसी तरंगें होती हैं, जो धरती के नीचे गहराई तक जाकर हमारे पृथ्‍वी के आंतरिक स्‍ट्रक्‍चर के बारे में जानकारी दे सकती हैं।
  • आज अंतरिक्ष में उड़ेगा ‘हेरा’, 2026 में वहां पहुंचेगा, जहां एस्‍टरॉयड से टकराया था Nasa का स्‍पेसक्राफ्ट, मकसद क्‍या है?
    नासा ने साल 2022 में DART (डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट) मिशन को टेस्‍ट किया था। एक स्‍पेसक्राफ्ट को डिमोर्फोस एस्‍टरॉयड से टकराया था। शुरुआती नतीजे उत्‍साहजनक रहे थे और नासा ने कन्‍फर्म किया था कि टक्‍कर के कारण एस्‍टरॉयड के पथ में बदलाव हुआ। नासा अपने मकसद में कितना कामयाब रही, यह पता लगाने के लिए SpaceX हेरा स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च करने जा रही है। यह साल 2026 में डिमोर्फोस तक पहुंचकर उसे हुए इम्‍पैक्‍ट का आकलन करेगा।
  • टूटता हुआ तारा…चमकते हुए ग्रह…अक्‍टूबर में बहुत कुछ दिखाएगा आसमां! जानें
    अक्‍टूबर में आकाश में एक नया धूमकेतु दिखाई देगा। कई ग्रह भी नजर आएंगे। धूमकेतु को C/2023 A3 (Tsuchinshan-ATLAS) नाम से जाना जाता है, जो 14 अक्टूबर के बाद शाम के समय दिखाई दे सकता है। इसके अलावा, सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा की तरफ शुक्र ग्रह को देखा जा सकता है। अंधेरा होने के बाद दक्षिण-पूर्व में शनि दिखाई दे सकता है। मंगल और बृहस्पति रात में दिखाई देंगे।
  • वो घड़ी आ गई… कभी भी फट सकता है 80 साल से ‘खामोश’ तारा, धरती से देख पाएंगे!
    कई महीनों से वैज्ञानिक जिसका इंतजार कर रहे हैं, वो घड़ी अब नजदीक आ गई है। वैज्ञानिकों की टीमें पृथ्‍वी से 3 हजार प्रकाश वर्ष दूर कोरोना बोरेलिस तारामंडल की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। उन्‍हें उम्‍मीद है कि वहां एक पावरफुल विस्‍फोट होने वाला है। इस विस्‍फोट के बाद टी कोरोना बोरियालिस नाम के ‘ब्लेज स्टार' की चमक पृथ्‍वी से भी देखी जा सकेगी। इस तारे में हर 79 से 80 साल में विस्‍फोट होता है।
  • दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की बढ़ रही हाइट, इस नदी का है हाथ!
    दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई अभी भी बढ़ रही है। यह 89000 साल पहले शुरू हुई एक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसमें एक नदी का बड़ा रोल बताया गया है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अनुसार एवरेस्ट से लगभग 75 किलोमीटर दूर अरुण नदी बहती है। यह बेसिन से पत्थरों और मिट्टी को काट रही है जिसके कारण माउंट एवरेस्ट की हाइट में लगातार इजाफा हो रहा है।

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