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Science News - ख़बरें

  • Starlink के सैटेलाइट गिर रहे हैं! पृथ्वी के लिए नया खतरा
    स्टारलिंक के सैटेलाइट लगभग रोजाना पृथ्वी पर वापस गिर रहे हैं। जिससे वैज्ञानिकों में अंतरिक्ष मलबे की संभावित चेन रिएक्शन के बारे में चिंता बढ़ रही है, जो धरती की निचली कक्षा की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। प्राप्त किए गए डेटा के अनुसार मौजूदा समय में लगभग एक से दो स्टारलिंक सैटेलाइट प्रतिदिन पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते हैं। अगर ऐसा ही जारी रहता है तो आने वाले वर्षों में और अधिक तारामंडलों के पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करने के साथ सैटेलाइट वापस गिरने की यह संख्या प्रतिदिन पाँच तक बढ़ सकती है।
  • Uranus और Neptune ग्रहों में सिर्फ गैस नहीं, चट्टानें भी! नई स्टडी में खुलासा
    Uranus और Neptune को लेकर नई स्टडी आई है। स्टडी कहती है कि इन ग्रहों के बारे में अब तक जो अंदाजा था वो पूरी तरह सही नहीं है। स्टडी इनके चट्टानी ग्रह होने का इशारा करती है। इसका एक उदाहरण यह है कि शोधकर्ताओं ने अनेक रैंडम इंटीरियल मॉडल चलाए और पुरानी थ्योरी का इस्तेमाल करने के बजाए उपलब्ध विरल आंकड़ों के साथ उनकी तुलना की।
  • NASA के जेम्स वेब टेलीस्कोप को दिखे रहस्य भरे लाल चमकते बिंदु!
    नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में छोटे छोटे लाल रंग के कुछ बिंदु अंतरिक्ष में देखे हैं। ये बिंदु अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बने हुए हैं। 2022 से ही वैज्ञानिक इनके बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। एक नई स्टडी प्रकाशित की गई है जो बताती है कि ये बिंदु ब्लैक होल के चारों ओर गैस के सिंगल विशाल गोले हो सकते हैं। यह एक नए प्रकार का ब्लैक होल तारा हो सकता है।
  • भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla का Axiom-4 मिशन 19 जून को होगा लॉन्च
    बिलिनेयर Elon Musk की रॉकेट कंपनी SpaceX की एक टीम ने यह पुष्टि की है कि इस Axiom-4 मिशन को टालने के पीछे की समस्या का समाधान किया गया है। इस स्पेस मिशन को 29 मई को लॉन्च किया जाना था। हालांकि, इसके बाद इसे 8 जून, 10 जून और 11 जून को टाला गया था। SpaceX ने बताया था कि Falcon-9 रॉकेट में एक लिक्विड ऑक्सिजन लीक की वजह से 11 जून को इस मिशन का लॉन्च टाला गया था।
  • सोलर तूफानों से Elon Musk की Starlink के सैटेलाइट्स आसमान से गिर रहे
    अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Goddard Space Flight Centre में स्पेस फिजिसिस्ट, Denny Oliveira ने पिछले कुछ वर्षों में धरती पर वापस गिरे स्टारलिंक के 523 सैटेलाइट्स पर एक स्टडी की अगुवाई की है। इस स्टडी में पता चला है कि सूर्य में विस्फोटों से बनने वाले जियोमैग्नेटिक तूफानों से वातावरण में खिंचाव बढ़ता है और इससे सैटेलाइट्स ऑर्बिट से गिरकर तेजी से वातावरण में दोबारा एंट्री करते हैं।
  • 400km ऊपर अंतरिक्ष में चीनी वैज्ञानिकों को मिला यह रहस्यमय सूक्ष्म जीव!
    चीन के वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में एक नए बैक्टीरिया के बारे में पता चला है। तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया की इस नई प्रजाति को खोजा है। नए बैक्टीरिया स्ट्रेन को Niallia tiangongensis नाम दिया गया है। यह स्ट्रेन शेनझोउ 15 मिशन के दौरान तियांगोंग की सतहों से एकत्र किए गए सूक्ष्मजीव नमूनों में पाया गया था, जो जून 2023 में पृथ्वी पर वापस आया था।
  • क्या पृथ्वी पर इस दिन खत्म हो जाएगा जीवन? वैज्ञानिकों ने वजह भी बताई
    वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के लिए ऐसी भविष्यवाणी की है जो डराने वाली है। वैज्ञानिकों ने वो समय बता दिया है जब पृथ्वी पर जीवन खत्म हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने सुपरकंप्युटर सिमुलेशन का इस्तेमाल किया और बताया कि एक दिन पृथ्वी पर जिंदा रहना असंभव हो जाएगा। स्टडी कहती है कि एक दिन पृथ्वी की जीवनदायनी गैस ऑक्सीजन पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। यह घटना करीबन 1 अरब वर्ष बाद घटित हो चुकी होगी।
  • मंगल बर्फीला नहीं, नदियों और झीलों से भरा था! नई स्टडी में दावा
    वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल, या लाल ग्रह, कभी पृथ्वी जैसा था। पिछले चार सालों से NASA का पर्सेवरेंस रोवर (Perseverance rover) मंगल पर उस जगह का भ्रमण कर रहा है जहां पर कभी एक क्रेटर में एक शक्तिशाली नदी आकर गिरती थी। कंप्यूटर मॉडल सुझाते हैं कि प्राचीन मंगल पर अवश्य ही बर्फ गिरती होगी, बारिश होती होगी। इसने ग्रह पर सैकड़ों झीलों और नदी घाटियों का निर्माण किया होगा।
  • आखिर चल गया पता! यूरेनस ग्रह पर 17 घंटे का है 1 दिन, 84 साल में लगाता है सूरज का 1 चक्कर!
    यूरेनस पर दिन की लम्बाई पृथ्वी के दिन से कम निकल कर आई है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) द्वारा इकट्ठा किए गए दशकों के डेटा को खंगाला, जिससे पता लग पाया कि यूरेनस (Uranus) पर एक दिन 17 घंटे, 14 मिनट, और 52 सेकंड लम्बा होता है। NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager 2 द्वारा बताया गया समय इससे 28 सेकंड कम था।
  • चंद्रयान-3 मिशन ने खोले चांद के गहरे राज, कई हिस्सों पर हो सकती है बर्फ!
    चंद्रयान-3 मिशन की मदद से वैज्ञानिकों को चांद के बारे में एक अहम जानकारी मिलने की बात सामने आ रही है। चंद्रयान मिशन के द्वारा डेटा इकट्ठा किया गया, उसकी स्टडी से यह सामने आया है कि चांद पर कई और ऐसी जगहें हो सकती हैं जहां पर बर्फ मौजूद हो सकती है। ये जगहें इसकी सतह के नीचे बताई जा रही हैं।
  • एस्टरॉयड का खतरा टल गया! नासा ने एस्टरॉयड 2024 YR4 को लेकर जारी की ताजा रिपोर्ट
    एस्टरॉयड 2024 YR4 पृथ्वी से 2032 में टकराने वाला था जिसके बारे में पिछले दिनों कई रिपोर्ट्स आईं। अब नासा ने इसके धरती से टकराने की संभावना को न के बराबर बताया है। एस्टरॉयड के ऑर्बिट की अपडेटेड ट्रैकिंग ने 2032 में इसके प्रभाव की संभावना को 0.00005 या 20,000 में 1 तक कम कर दिया है। अब एस्टरॉयड के प्रभाव की संभावना पृथ्वी पर शून्य के बराबर पहुंच गई है।
  • 3 अरब साल पहले महासागर से घिरा था मंगल! मिले 'समुद्री बीच' के निशान
    मंगल के बारे में नई खोज सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि मंगल पर पूरा सागर मौजूद रहा होगा। नई स्टडी में दावा किया गया है कि यहां पर चट्टानों के नीचे समुद्री बीच (beach) मौजूद है। स्टडी को चीनी और अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मिलकर कंडक्ट किया है। चीनी रोवर झुरॉन्ग का डेटा खंगालने पर वहां सागर का किनारा होने के सबूत मिले हैं।
  • टल गया खतरा? 300 फीट चौड़े एस्टरॉयड के धरती से टकराने की संभावना पर NASA की नई रिपोर्ट
    NASA ने एस्टरॉयड 2024 YR4 को लेकर फिर से एक रिपोर्ट जारी की है। एजेंसी ने एस्टरॉयड के टकराने की संभावना को अब घटा दिया है। पहले यह 32 में से एक थी, और अब यह 360 में से 1 हो गई है। इस एस्टरॉयड का अनुमानित साइज 55 मीटर बताया गया है। अंतरिक्ष से जो अगली चिंताजनक आफत है वह 1950 DA नाम का एस्टरॉयड है।
  • सूर्यग्रहण 2025: इस दिन लगने जा रहा साल का पहला सूर्य ग्रहण, कहां दिखेगा, भारत में नजर आएगा या नहीं? जानें सबकुछ
    साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो कि यूरोप, एशिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका, और साउथ अमेरिका में दिखाई देगा। यह अटलांटिक महासागर से भी देखा जा सकेगा। यूरोप के अधिकतर हिस्सों में यह प्रभावी रूप से दिखेगा। वहीं, नॉर्थ अमेरिका में भी यह काफी अच्छी तरह से दिखाई देगा।
  • मंगल पर दिखी रहस्यमय बनावट! Elon Musk बोले- 'जांच के लिए मिशन भेजना चाहिए'
    Elon Musk ने मंगल पर एक खोजी अभियान भेजकर जांच करने की बात कही है। दरअसल नासा के मार्स ग्लोबल सर्वेयर (MGS) के मार्स ऑर्बिटर कैमरा (MOC) ने मंगल पर एक फोटो खींची थी जिसमें एक सटीक चौकोर आकृति दिखाई दे रही है। यह एक सटीक वर्ग जैसा दिखता है। Musk ने कहा है कि इसके बारे में सीधे जाकर खोज करनी चाहिए कि आखिर इस स्क्येअर शेप का रहस्य क्या है।

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