पिछले महीने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पहुंचे Axiom-4 मिशन के चार क्रू मेंबर्स की 14 जुलाई को धरती पर वापसी की यात्रा शुरू होगी। इनमें भारतीय एस्ट्रोनॉट Shubhanshu Shukla भी शामिल हैं। ISS का विजिट करने वाले शुक्ला पहले भारतीय हैं। हालांकि, विंग कमांडर Rakesh Sharma के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले वह देश के दूसरे एस्ट्रोनॉट हैं।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी
NASA के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर, Steve Stitch ने बताया, "Axiom-4 की प्रगति की हम सतर्कता से निगरानी कर रहे हैं। इस मिशन को अनडॉक करने की जरूरत है और अनडॉक के लिए हमारा टारगेट 14 जुलाई का है।" भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के साथ भारत से जुड़े सात विशेष एक्सपेरिमेंट किए हैं। देश के पहले ह्युमन स्पेस फ्लाइट मिशन Gaganyaan के लिए भी Axiom-4 मिशन महत्वपूर्ण है।
इस मिशन में शुक्ला के अलावा क्रू में अमेरिका की Peggy Whitson, पोलैंड के Slawosz Uznanski Wisniewski और हंगरी के Tibor Kapu शामिल हैं। इन एस्ट्रोनॉट्स के साथ शून्य ग्रेविटी के उनके संकेतक के तौर पर Joy कहे जाने वाले एक स्वैन टॉय को भी भेजा गया है। इस मिशन के पायलट की जिम्मेदारी शुक्ला ने सभाली है, जबकि और मिशन कमांडर के तौर पर कमान Peggy Whitson के पास थी। अनडॉकिंग के कई घंटे बाद Axiom-4 मिशन का
स्पलैशडाउन अमेरिका के कैलिफोर्निया में प्रशांत महासागर के तट के निकट होगा। Axiom-4 मिशन में 31 देशों की भागीदारी है इस मिशन को सुरक्षा के साथ ISS पर पहुंचाने के लिए NASA और Axiom Space ने कड़ी तैयारी की थी। इसके लिए मिशन के लॉन्च को भी कई बार टाला भी गया था।
ग्रुप कैप्शन शुक्ला के अभिभावकों ने कहा कि उन्हें गर्व है कि वह अपना मिशन पूरा करने के बाद वापसी कर रहे हैं। अमेरिकी स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म Axiom Space की चीफ साइंटिस्ट, Lucie Low को शुक्ला ने बताया था कि उन्हें ISS पर भारतीय वैज्ञानिकों के एक्सपेरिमेंट्स को हकीकत बनाने पर गर्व है। उन्होंने कहा था, "इस मिशन से भारतीय वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स के लिए यह मिशन माइक्रोगेविटी या स्पेस रिसर्च के लिए मौके बनाएगा।" भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को भी अपने गगनयान मिशन के लिए इससे कुछ महत्वपूर्ण सबक मिल सकते हैं।