दुनिया भर में लोकप्रिय iPhone के आगामी iPhone 15 Pro का फ्रेम टाइटेनियम का बना हो सकता है। यह मैटीरियल स्टेनलेस स्टील से अधिक महंगा है। एपल के हाल के प्रो मॉडल्स में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया है। आईफोन की अगली सीरीज में कंपनी सॉलिड स्टेट बटन के साथ ही तीन टैप्टिक इंजन भी शामिल कर सकती है।
एपल की एक सप्लायर ने इसके बारे में संकेत दिया है। MacRumours ने बताया है कि कंपनी की सप्लायर Cirrus Logic ने शेयरहोल्डर्स को लिखे पत्र में यह बताया है कि वह एक महत्वपूर्ण कस्टमर के साथ बरकरार रहेगी और इसकी योजना अगले वर्ष स्मार्टफोन्स में एक नया HPMS
कंपोनेंट लाने की है। यह कंपोनेंट कंपनी का हाई परफॉर्मेंस मिक्स्ड सिग्नल चिप हो सकता है। MacRumours का दावा है कि इसमें आईफोन मॉडल्स में टैप्टिक इंजन के लिए हैप्टिक ड्राइवर्स शामिल हैं। इस बारे में Cirrus Logic के CEO John Forsyth ने भी संकेत दिया था। उनका कहना था कि ऐसा कंपोनेंट अगले वर्ष मार्केट में आएगा।
आईफोन की नई सीरीज का लॉन्च लगभग प्रत्येक वर्ष सितंबर में किया जाता है। iPhone की भारत में सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बेंगलुरु के निकट होसुर में बनेगी। इसमें लगभग 60,000 वर्कर्स होंगे। Apple ने Tata Electronics को आईफोन की
मैन्युफैक्चरिंग का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। देश में पहले से कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स Foxconn, Wistron और Pegatron के प्लांट्स में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग की जा रही है।
टेलीकॉम और IT मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने बताया था, "एपल के आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए देश में सबसे बड़ी फैक्टरी बेंगलुरु के निकट होसुर में बनाई जा रही है। इसमें लगभग 60,000 वर्कर्स काम करेंगे। इन वर्कर्स में रांची और हजारीबाग की लगभग 6,000 आदिवासी महिलाएं शामिल होंगी जिन्हें आईफोन बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है।" एपल की सप्लायर फॉक्सकॉन ने भी भारत में अपनी वर्कफोर्स को दो वर्षों में चार गुना करने की योजना बनाई है। Apple ने पहली बार AirPods और Beats हेडफोन का कुछ प्रोडक्शन भी भारत में करने का फैसला किया है। आईफोन का भारत से एक्सपोर्ट अप्रैल से एक अरब डॉलर से अधिक हो गया है। इससे भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में एक बड़ी ताकत बनने का संकेत मिल रहा है। कंपनी के एक्सपोर्ट की मौजूदा दर से अगले वर्ष मार्च तक यह आंकड़ा 2.5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।