बुधवार को जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार के एक और बजट का ऐलान किया तो किसी को भी अंदेशा नहीं था कि
मोबाइल यूज़र के लिए अच्छी खबर नहीं आने वाली है। दरअसल, सरकार ने मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले पॉपुलेटेड प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त स्पेशल एडिशनल ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। पिछले वित्त वर्ष में यह दर शून्य थी।
यूनियन बजट 2017-18 की इस अहम घोषणा पर अब मोबाइल निर्माता कंपनियों की प्रतिक्रियाएं आ गई हैं। सबने एकमत में कहा है कि इस फैसले का प्रतिकूल असर मोबाइल के दामों पर पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि इससे कंपनियों को भारत में ही चिप बनाने की योजना को प्रोत्साहन मिलेगा।
इस बीच, रिसर्च फर्म काउंटरप्वाइंट ने सरकार पर इस फैसले की बारीकियों के बारे में समझाया है। मोबाइल दाम में बढ़ोतरी के सवाल पर काउंटरप्वाइंट का कहना है कि पॉपुलेटेड प्रिंटेड सर्किट बोर्ड स्मार्टफोन का दिल होता है। इसपर लागत फोन के आधे से ज़्यादा कंपोनेंट से अधिक है। ऐसे में 2 प्रतिशत की स्पेशल एडिशनल ड्यूटी लगाए जाने के बाद मोबाइल फोन के दाम में 1-2 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं।
काउंटरप्वाइंट ने बताया है कि भारत में लगभग सभी पीसीबी आयात किए जाते हैं। हालांकि, सैमसंग एक मात्र कंपनी है जो भारत में सर्फेस माउंट टेक्नोलॉजी के ज़रिए खाली पीसीबी को पॉपुलेट करती है। अब जब सरकार ने पीसीबी पर ड्यूटी लगा दी है तो अन्य स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां भी सैमसंग की रणनीति को अपना सकती हैं।
अब अगला सवाल है कि क्या सरकार के इस फैसले के बाद कंपनियां भारत में ही पॉपुलेटेड सर्किट बोर्ड का निर्माण शुरू कर देंगी। काउंटर प्वाइंट की मानें तो फिलहाल ऐसा होते नहीं दिख रहा है। आज की तारीख में ज़्यादातर कंपनियां प्रतिस्पर्धा से भरे मार्केट में बेहद ही कम फायदे पर काम कर रही हैं। ऐसे में ये इज़ाफा कंपनियों के लिए चुनौती भरा होगा। पीसीबी की कीमत में होने वाली बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए कंपनियां अन्य कंपोनेट की लागत में मामूली कटौती कर सकती हैं। संभव है कि 2017 की दूसरी छमाही में पीसीबी पर कंपोनेंट माउंट करने का काम भारत में शुरू हो जाए। 2 प्रतिशत की अतिरिक्त ड्यूटी के बाद इस दिशा में और तेजी आने की उम्मीद है।
आंकड़ों की बात करें तो 2016 में भारत में मोबाइल फोन में 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के पीसीबी इस्तेमाल किए गए थे। 2017 में 33 फीसदी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
दरअसल, 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत कई मोबाइल कंपनियां भारत में ही मोबाइल बनाने का काम करती हैं। ये काम मुख्य तौर पर चीन में बने कंपोनेंट लाकर उन्हें साथ में लाना का काम करती हैं। इन कंपनियों को पॉपुलेटेड प्रिंटेड सर्किट बोर्ड को आयात करने के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त स्पेशल ड्यूटी देनी पड़ेगी। एक तरह से सरकार ने यह टैक्स लगाकर डेवलप इन इंडिया को बढ़ावा देना चाहती है।