देश में पिछले कुछ वर्षों से चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों की बिक्री तेजी से बढ़ी है। हालांकि, इन कंपनियों के कारोबारी तरीकों को लेकर सवाल भी खड़े होते रहे हैं। केंद्र सरकार ने चाइनीज मोबाइल कंपनियों के लिए नए रूल्स बनाए हैं। सरकार ने Realme, Oppo, Xiaomi और Vivo जैसी कंपनियों को देश में उनके कारोबार में भारतीय इक्विटी पार्टनर्स को शामिल करने के लिए कहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा इन कंपनियों को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर और चीफ टेक्निकल ऑफिसर जैसी सीनियर पोजिशंस पर भारतीय एग्जिक्यूटिव्स को नियुक्त करने के लिए कहा गया है। इन कंपनियों को भारतीय कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को लाने, लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने और देश से एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी करने का भी निर्देश दिया गया है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की ओर से बनाए गए इन
रूल्स के तहत चाइनीज मोबाइल कंपनियों को केवल लोकल डिस्ट्रीब्यूटर्स ही रखने होंगे। इन कंपनियों को टैक्स चोरी के खिलाफ चेतावनी भी दी गई है।
सरकार चाहती है कि ये कंपनियां भारत को अपने प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट का हब बनाएं। पिछले सप्ताह चीन की बड़ी स्मार्टफोन कंपनियों में शामिल Xiaomi के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स और तीन बैंकों को FEMA के 5,551 करोड़ रुपये के उल्लंघन के मामले में एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने कारण बताओ नोटिस दिया था। इनमें शाओमी के CFO, Sameer Rao और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर, Manu Jain शामिल हैं।
ED ने एक ट्वीट कर पुष्टि की थी कि उसने शाओमी, इसके चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर राव और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जैन और तीन विदेशी बैंकों को कथित तौर पर फॉरेन एक्सचेंज के उल्लंघन के लिए नोटिस दिए हैं। इस मामले में CITI Bank, HSBC Bank और Deutsche Bank को नोटिस मिले हैं। ED ने
Xiaomi की देश में यूनिट के बैंकों में 5,551.27 करोड़ रुपये के फंड को FEMA के तहत जब्त किया था। कंपनी पर विदेश में रॉयल्टी के भुगतान की मद में गलत तरीके से यह रकम भेजने का आरोप था। FEMA के तहत कारण बताओ नोटिस ED की जांच के बाद जारी किया जाता है और मामले का निपटारा होने पर आरोपी को पेनल्टी चुकानी पड़ती है। शाओमी के लिए विदेश में भारत टॉप मार्केट हुआ करता था लेकिन देश में स्मार्टफोन की बिक्री घटने से कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ है।