अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple के iPhones पर भी टैरिफ का खतरा है। कंपनी के CEO, Tim Cook ने प्रेसिडेंट Donald Trump के साथ मीटिंग की है। हालांकि, इस मीटिंग के एजेंडा का पता नहीं चला है। ऐसा बताया जा रहा है कि कुक ने टैरिफ जैसे मुद्दों पर ट्रंप से बातचीत की है।
Bloomberg की एक
रिपोर्ट के अनुसार, चीन में बने गुड्स पर ट्रंप के 10 प्रतिशत का टैरिफ लगाने से आईफोन की बिक्री पर भी असर हो सकता है। चीन में एपल की पॉलिसीज और ऐप डिवेलपर्स से कंपनी की ओर से ली जाने वाली फीस की जांच हो सकती है। एपल के डिवाइसेज की मैन्युफैक्चरिंग में चीन की बड़ी हिस्सेदारी है। हालांकि, कंपनी का सबसे बड़ा मार्केट अमेरिका है। ट्रंप के प्रेसिडेंट के पहले कार्यकाल के दौरान कुक ने आईफोन्स के लिए टैरिफ को लेकर पक्ष में फैसला करवाने में सफलता पाई थी। हालांकि, इस बार ट्रंप का रुख अलग है और वह इम्पोर्टेड गुड्स पर टैरिफ लगाने को लेकर प्रतिबद्ध दिख रहे हैं।
एपल की प्राइवसी से जुड़ी पॉलिसी को लेकर भी ट्र्ंप ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा था कि कंपनी को कानून प्रवर्तन एजेंसियों को एनक्रिप्टेड स्मार्टफोन्स के एक्सेस में मदद करनी चाहिए। हालांकि, एपल का मानना है कि यूजर के पासवर्ड के बिना अथॉरिटीज को डेटा का एक्सेस मिलने से आईफोन्स पर हैकर्स के अटैक का रिस्क बढ़ सकता है।
भारत में पिछले कुछ वर्षों में
एपल बिक्री तेजी से बढ़ी है। पिछले वर्ष एपल ने देश में स्मार्टफोन की शिपमेंट्स का रिकॉर्ड बनाया है। कंपनी की iPhone की शिपमेंट्स वर्ष-दर-वर्ष आधार पर चार प्रतिशत बढ़कर लगभग 15.1 करोड़ यूनिट्स की रही हैं। मार्केट रिसर्च फर्म इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष पहली छमाही में एपल के स्मार्टफोन्स की शिपमेंट्स में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, दूसरी छमाही में कंपनी के लिए ग्रोथ घटकर दो प्रतिशत की थी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी के लिए वर्ष-दर-वर्ष आधार पर आईफोन की शिपमेंट्स की ग्रोथ कम रहने का कारण चौथी तिमाही में कमजोर सीजन था। चौथी तिमाही में आईफोन की शिपमेंट्स लगभग 3.6 करोड़ यूनिट्स की रही हैं। यह इन शिपमेंट्स में तीन प्रतिशत की कमी है। पिछले वर्ष आईफोन्स की शिपमेंट्स में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी के बावजूद कंपनी के लिए स्मार्टफोन्स का एवरेज सेलिंग प्राइस (ASP) बढ़कर लगभग 259 डॉलर (लगभग 22,480 रुपये) का रहा है।