पिछले कुछ सप्ताह से चीन में कोरोना के मामले लगातार बढ़ने से हालात खराब हो गए हैं। इससे युवाओं पर बड़ा असर पड़ा है और 16 से 24 वर्ष की आयु के बीच के लगभग दो करोड़ युवा बेरोजगार हो गए हैं। एक रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि चीन के शहरों में लगभग 10.7 करोड़ युवा हैं।
CNN ने एक रिपोर्ट में कहा है कि
चीन में बेरोजगारी के कारण प्रत्येक पांच में से एक युवा बेरोजगार है। इसका बड़ा कारण कोरोना है जिससे चीन की इकोनॉमी को झटका लगा है और बहुत सी बड़ी कंपनियां छंटनी कर रही हैं। इनमें ग्लोबल स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi भी शामिल है जिसने अपने हजारों वर्कर्स की छंटनी की है। इस रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी को शामिल नहीं किया गया है।
Xiaomi का पिछली तिमाही में रेवेन्यू लगभग 10 प्रतिशत घटा था। कंपनी की बिक्री पर ग्लोबल स्मार्टफोन मार्केट की मंदी और चीन में डिमांड घटने का असर पड़ा है। इसके मोबाइल डिवाइसेज की बिक्री में लगभग 11 प्रतिशत की कमी हुई थी। जुलाई-सितंबर के दौरान कंपनी की सेल्स 70.5 अरब युआन (लगभग 80,900 करोड़ रुपये) की रही। शाओमी की सेल्स अनुमान से कुछ अधिक रही है लेकिन कंपनी को हुआ लगभग 1.5 अरब युआन का नेट लॉस हैरान करने वाला था। चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के कारण टेक कंपनियों की मुश्किलें बढ़ी हैं। इससे सप्लाई चेन में रुकावट आई है।
चीन के युवाओं में बेरोजगारी की दर जुलाई में बढ़कर 19.9 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। चीन के Zhejiang प्रांत में कोरोना के प्रति दिन लगभग 10 लाख मामले मिल रहे हैं। यह संख्या जल्द दोगुनी होने की आशंका जताई गई है। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बताया कि जीरो कोविड पॉलिसी में बड़े बदलाव करने से महामारी पर कुछ नियंत्रण करने में मदद मिली है।
Reuters की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के नागरिकों को लॉकडाउन में रखा गया है। इससे दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ रहा है। नेशनल हेल्थ कमीशन ने कोरोना के बिना लक्षण वाले संक्रमणों की रिपोर्ट देना बंद कर दिया है। इससे कोरोना के मामलों की संख्या पूरी नहीं है। इसके अलावा कमीशन ने कहा है कि वह कोरोना के प्रति दिन के आंकड़े पब्लिश नहीं करेगा।