डिजिटल फ्रॉड और स्कैम से निपटने के लिए WhatsApp का टेलीकॉम डिपार्टमेंट से टाई-अप

हाल ही में DoT ने स्कैम से बचने के लिए कुछ विदेशी कोड्स से आने वाली कॉल्स से सतर्क रहने की सलाह दी थी

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 19 मार्च 2025 23:42 IST
ख़ास बातें
  • WhatsApp और DoT की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट मिलकर कार्य करेंगे
  • यूजर्स को स्कैम की पहचान करने में मदद के लिए कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा
  • वॉट्सऐप का कंट्रोल अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी Meta के पास है

हाल ही में DoT ने स्कैम से बचने के लिए कुछ विदेशी कोड्स से कॉल्स से सतर्क रहने की सलाह दी थी

पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम के मामले तेजी से बढ़े हैं। इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp ने इस समस्या पर लगाम लगाने के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) के साथ पार्टनरशिप की है। इसके तहत, वॉट्सऐप और DoT की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट मिलकर कार्य करेंगे। 

इस मैसेजिंग ऐप के यूजर्स को ऑनलाइन स्कैम और स्पैम की पहचान करने में मदद के लिए कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा। यह कंटेंट आठ क्षेत्रीय भाषाओं में होगा। पिछले वर्ष वॉट्सऐप ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर 'स्कैम से बचो' कैम्पेन शुरू किया था। वॉट्सऐप का कंट्रोल अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी Meta के पास है। Meta ने बताया है कि वह ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से DoT के अधिकारियों, संचार मित्रों (छात्र स्वंयसेवकों), टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और फील्ड यूनिट्स के लिए वर्कशॉप्स को आयोजित करेगी। 

हाल ही में DoT ने स्कैम से बचने के लिए कुछ विदेशी कोड्स से आने वाली कॉल्स से सतर्क रहने की सलाह दी थी। इन कोड्स में +77, +84,  +85, +86 और +89 शामिल हैं। DoT और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से इस प्रकार की कॉल्स नहीं की जाती। संदिग्ध कॉल्स की रिपोर्ट Sanchar Saathi पोर्टल पर दी जा सकती है। इससे DoT को इन फोन नंबर्स को ब्लॉक करने में सहायता मिलती है। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में देश में स्कैमर्स ने लगभग 2,140 करोड़ रुपये की ठगी की थी। 

इससे पहले इंडियन सायबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) और DoT ने विदेशी हैकर्स के कम से कम 17,000 वॉट्सऐप एकाउंट्स को ब्लॉक किया था। इसका लक्ष्य विदेशी क्रिमिनल नेटवर्क को नष्ट करना और देश की डिजिटल सुरक्षा को बढ़ाना है। पिछले वर्ष मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने कंबोडिया, फिलिपींस, लाओस और म्यांमार जैसे दक्षिण पूर्व एशिया के देशों से संगठित सायबरक्राइम में बढ़ोतरी से निपटने के लिए एक इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी बनाई थी। देश में सायबर फाइनेंशियल फ्रॉड्स का लगभग 45 प्रतिशत दक्षिण पूर्व एशिया से होता है। ये अपराध अधिक जटिल और बड़े हो गए हैं। इससे पीड़ितों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। I4C की जांच में पता चला है कि सायबर क्रिमिनल अपने जाल में फंसाने के लिए लोगों को निवेश के मौकों, डेटिंग ऐप्स. क्रिप्टोकरेंसी और जाली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की पेशकश करते हैं।  
 

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Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

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