भारत के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म WhatsApp ने सिर्फ एक महीने में 8.4 मिलियन से ज्यादा अकाउंट पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें बैन कर दिया है। फ्रॉड एक्टिविटी के मामले में प्लेटफॉर्म के गलत उपयोग के जवाब में Meta की ओर से यह कदम उठाया गया है। कंपनी के अनुसार, इन अकाउंट पर बैन लगाने का फैसला स्कैम और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट्स के बाद लिया गया, जिससे कई यूजर्स ने इस प्रकार की फ्रॉड एक्टिविटी की रिपोर्ट की।
Meta की ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट यूजर्स के लिए एक सेफ माहौल बनाए रखने के कंपनी के प्रयासों को दर्शाती है। इस बात पर जोर दिया गया कि ये कदम प्लेटफॉर्म की सिक्योरिटी के लिए उठाए गए थे। रिपोर्ट से पता चला कि मेटा ने इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 4(1)(डी) और धारा 3ए(7) के प्रावधानों का पालन करते हुए भारत में लगभग 8.45 मिलियन वॉट्सऐप अकाउंट पर बैन लगा दिया। लगातार शिकायतों और सुरक्षा बढ़ाने के प्रयास के बाद यह कदम उठाया गया।
Meta की रिपोर्ट से पता चला कि बैन 1 अगस्त से 31 अगस्त के बीच लगाए गए। कुल बैन हुए अकाउंट में से 1.66 मिलियन को गंभीर उल्लंघनों के चलते ब्लॉक कर दिया गया, जबकि बाकि अकाउंट को जांच में संदिग्ध पाए जाने के बाद बैन कर दिया गया। खासतौर पर मॉनिटर करने के दौरान 1.6 मिलियन से ज्यादा अकाउंट को बिना किसी यूजर्स की शिकायत पर बैन कर दिया गया था, क्योंकि उनका गलत इस्तेमाल किया गया था।
WhatsApp ने बड़े पैमाने पर अकाउंट पर बैन लगाने के पीछे कई वजह बताई हैं:
सर्विस की शर्तों का उल्लंघन: इसमें बड़ी संख्या में मैसेज भेजना, स्पैमिंग, फ्रॉड एक्टिविटी में शामिल होना और भ्रामक या हानिकारक जानकारी साझा करने वाली एक्टिविटी शामिल हैं।
गलत एक्टिविटी: अवैध एक्टिविटी में शामिल होने वाले अकाउंट को भी कानूनी के अनुपालन के लिए वॉट्सऐप की प्रतिबद्धता के हिस्से के तौर पर बैन कर दिया गया था।
यूजर्स की शिकायतें: WhatsApp प्लेटफॉर्म पर उत्पीड़न, दुर्व्यवहार या अनुचित व्यवहार के चलते यूजर्स की शिकायतों के आधार पर भी कार्रवाई करता है। ये शिकायतें खराब अकाउंट की पहचान करने और उनका ठीक करने में से एक रही है।
यूजर्स सेफ्टी के प्रति काम करते हुए वॉट्सऐप अपने यूजर्स के लिए एक सुरक्षित और बेहतर माहौल बनाना चाहता है, खासकर ऐसे देश में जहां इंस्टेंट मैसेजिंग साइट वॉट्सऐप एक अहम कम्युनिकेशन टूल बन गया है।