इंटरनेट को बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

लगभग दो वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि इंटरनेट सर्विसेज को बिना स्पष्ट कारण बताए बंद करना गैर कानूनी है

इंटरनेट को बंद करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या इस समस्या से निपटने के लिए कोई प्रोटोकॉल मौजूद है

ख़ास बातें
  • एक जनहित याचिका पर कोर्ट ने सरकार से इसका कारण पूछा है
  • कुछ राज्यों में परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए इंटरनेट बंद किया जाता है
  • सुप्रीम कोर्ट ने एक पिछले फैसले में कहा था कि ऐसा करना गैर कानूनी है
विज्ञापन
देश के विभिन्न राज्यों में एकतरफा तरीके से इंटरनेट को बंद किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) से जवाब देने को कहा है। इस बारे में दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मिनिस्ट्री से इसका कारण पूछा है। लगभग दो वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि इंटरनेट सर्विसेज को बिना स्पष्ट कारण बताए बंद करना गैर कानूनी है।

कुछ राज्य सरकारें ऐसे क्षेत्रों में नियमित तौर पर इंटरनेट को बंद कर देती हैं जहां परीक्षाएं हो रही हैं। इसका कारण परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकना होता है। चीफ जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एस रवीन्द्र भट्ट और पी एस नरसिम्हा की बेंच ने सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर की ओर से दायर जनहित याचिका पर मिनिस्ट्री से जवाब देने को कहा है। याचिका में आरोप लगाया है कि अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इंटरनेट सर्विसेज को बंद किया जाता है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या इस समस्या से निपटने के लिए कोई प्रोटोकॉल मौजूद है। कोर्ट का कहना है कि वह इस मामले में इंटरनेट सर्विसेज बंद करने वाले राज्यों के बजाय मिनिस्ट्री को नोटिस जारी कर रहा है। 

परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकने के लिए कुछ राज्यों में इंटरनेट को बंद किया जाता है। एडवोकेट वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट को बताया कि इसे लेकर राजस्थान और पश्चिम बंगाल के हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका राजस्थान में हाल ही में सामुदायिक तनाव और विभिन्न राज्यों में प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान इंटरनेट को बंद करने की जानकारी दी गई है। 

याचिका में पूछा गया है कि क्या इन कारणों के लिए इंटरनेट को बंद किया जा सकता है। इसके साथ ही यह बताया गया है कि संसद की एक समिति ने धोखाधड़ी को रोकने के लिए इस तरह के उपाय नहीं करने का सुझाव दिया था। बेंच ने कहा कि अदालतों को अनुराधा भसीन के मामले में तय उदाहरण का पालन करने के लिए कहा जा सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया था कि इंटरनेट को बंद करने के लिए जरूरत और अनुपात के नियम पूरे किए जाने चाहिए। इंटरनेट सर्विसेज को स्पष्ट कारण की जानकारी दिए बिना बंद करना गैर कानूनी है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Services, Court, Government, Internet, Market, States, reason, Notice, Protocol
डेविड डेलिमा

Gadgets 360 में टेक्नोलॉजी लेखक के रूप में, डेविड डेलिमा की ओपन-सोर्स ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. स्कैम से मिलेगा छुटकारा, आपकी पर्सनल जानकारी की सुरक्षा करेगा Aadhaar ऐप का ये फीचर
  2. Apple Layoff: बिक्री में भारी बढ़ोतरी के बाद भी Apple ने सेल्स टीम में की छंटनी
  3. Tata Sierra Launch Live: Tata के लेजेंड SUV की आज हो रही है वापसी, कुछ मिनटों में शुरू होगा इवेंट, यहां देखें लाइव
  4. HONOR Watch X5 हुई लॉन्च, AMOLED डिस्प्ले, 14 दिनों तक चलेगी बैटरी, जानें सबकुछ
  5. Moto G57 Power 5G vs Vivo Y31 5G vs Redmi 15 5G: 15K में कौन है बेस्ट
  6. iPhone 16 पर आया जबरदस्त ऑफर, 63 हजार से भी ज्यादा सस्ती कीमत में खरीदें
  7. 8,000mAh की बैटरी के साथ लॉन्च हुई Honor 500 सीरीज, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  8. Vivo S50 सीरीज में मिलेगा Sony का कैमरा, जल्द लॉन्च की तैयारी
  9. Realme C85 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 7,000mAh की बैटरी
  10. Huawei ने ECG, GPS और 12 दिन के बैटरी बैकअप के साथ भारत में लॉन्च की Watch GT 6 सीरीज, जानें कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »