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सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पर मुकेश अंबानी की नजर, रिलायंस की विदेशी चिपमेकर्स से बातचीत

रिलायंस को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग से अपने टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज बिजनेस में आसानी हो सकती है। कंपनी ने लगभग दो वर्ष पहले चिप की शॉर्टेज के कारण कम प्राइस वाले स्मार्टफोन के लॉन्च को टाल दिया था

सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पर मुकेश अंबानी की नजर, रिलायंस की विदेशी चिपमेकर्स से बातचीत

देश में कोई चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं है

ख़ास बातें
  • इससे देश में सेमीकंडक्टर्स की बढ़ती डिमांड को पूरा किया जा सकेगा
  • देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए एक इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है
  • सेमीकंडक्टर्स की कमी से बहुत सी इंडस्ट्रीज के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है
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बिलिनेयर मुकेश अंबानी की Reliance Industries ने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में उतरने की योजना बनाई है। इससे देश में सेमीकंडक्टर्स की बढ़ती डिमांड को पूरा किया जा सकेगा। एनर्जी से लेकर टेलीकॉम तक के बिजनेस से जुड़ी यह कंपनी टेक्नोलॉजी पार्टनरशिप के लिए विदेशी चिपमेकर्स के साथ बातचीत कर रही है। 

इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया, "यह योजना है और इसे लेकर कोई समयसीमा नहीं है।" सूत्रों का कहना था कि रिलायंस ने इस बारे में फैसला नहीं किया है कि वह इस सेक्टर में इनवेस्टमेंट करना चाहती है या नहीं। यह पता नहीं चल सका है कि रिलायंस की किन विदेशी कंपनियों के साथ बातचीत हो रही है। इस बारे में रिलायंस को टिप्पणी के लिए भेजे गए निवेदन का उत्तर नहीं मिला है। प्रधानमंत्री कार्यालय और IT मिनिस्ट्री ने भी टिप्पणी के लिए निवेदनों का उत्तर नहीं दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगभग दो वर्ष पहले कहा था कि वह देश को दुनिया के लिए सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाना चाहते हैं। हाल ही में मोदी ने बताया था कि देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए एक इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। टेक्नोलॉजी कंपनियों को देश में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने पर 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता दी जाएगी। उनका कहना था कि सेमीकंडक्टर सेक्टर में इनवेस्टमेंट के लिए भारत एक हब बन रहा है। दुनिया को एक विश्वासनीय चिप सप्लाई चेन की जरूरत है। 

देश में कोई चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं है। हालांकि, Vedanta और ताइवान की Foxconn ने सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना बनाई है। सूत्रों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि रिलायंस को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग से अपने टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज बिजनेस में आसानी हो सकती है। कंपनी ने लगभग दो वर्ष पहले चिप की शॉर्टेज के कारण कम प्राइस वाले स्मार्टफोन के लॉन्च को टाल दिया था। देश और विदेश में सेमीकंडक्टर्स की डिमांड भी बढ़ रही है। 

केंद्र सरकार का अनुमान है कि देश का चिप मार्केट 2028 तक बढ़कर लगभग 80 अरब डॉलर का हो जाएगा। यह मार्केट अभी लगभग 23 अरब डॉलर का है। अमेरिका चिपमेकर GlobalFoundries के पूर्व एग्जिक्यूटिव, Arun Mampazhy का कहना है कि लगभग 200 अरब डॉलर का मार्केट कैपिटलाइजेशन रखने वाली रिलायंस देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में उतरने के लिए बेहतर स्थिति वाली कंपनियों में शामिल है। 
 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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