सोशल मीडिया पर बैन हो सकता है सरकार की ओर से 'झूठा' माना गया कंटेंट

सोशल मीडिया कंपनियों को ऐसी शिकायतों के लिए ग्रिवांस रिड्रेसल ऑफिसर रखना होता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सरकार के बीच कथित तौर पर गलत जानकारी फैलाने वाले कंटेंट या एकाउंट्स को हटाने को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है

सोशल मीडिया पर बैन हो सकता है सरकार की ओर से 'झूठा' माना गया कंटेंट

इस सप्ताह जारी किए गए नए IT रूल्स के ड्राफ्ट में यह शामिल है

ख़ास बातें
  • सोशल मीडिया कंपनियों को ग्रिवांस रिड्रेसल ऑफिसर रखना होता है
  • सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बीच इस मुद्दे पर विवाद हो चुका है
  • यूजर्स भी इन प्लेटफॉर्म्स के तरीकों से नाराज हैं
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केंद्र सरकार सोशल मीडिया पर ऐसी किसी जानकारी को अपलोड करने की अनुमति नहीं देने पर विचार कर रही है जिसे वह झूठा मानती है। इस सप्ताह जारी किए गए नए IT रूल्स के ड्राफ्ट में यह शामिल है। सरकार की ओर से बड़ी टेक कंपनियों की लगाम कसने के उपायों में यह शामिल हो सकता है। 

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) या सरकार या इसकी किसी डिपार्टमेंट की ओर से तथ्यों की जांच के लिए अधिकृत किसी एजेंसी की ओर से किसी जानकारी को 'जाली' या 'झूठा' करार दिए जाने पर, उसे ड्राफ्ट के तहत प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। ऐसी जानकारी को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स या अन्य ऑनलाइन इंटरमीडियरीज को उचित कोशिशें करनी होंगी जिससे यूजर्स को इसे अपलोड, बदलने, रखने या पब्लिश करने से रोका जा सके। पिछले वर्ष अक्टूबर में सरकार ने सोशल मीडिया फर्मों के कंटेंट मॉडरेशन के फैसलों को लेकर यूजर्स की शिकायतों को सुनने के लिए एक पैनल बनाने की घोषणा की थी। 

सोशल मीडिया कंपनियों को ऐसी शिकायतों के लिए ग्रिवांस रिड्रेसल ऑफिसर रखना होता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सरकार के बीच कथित तौर पर गलत जानकारी फैलाने वाले कंटेंट या एकाउंट्स को हटाने को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है। सरकार ने पिछले महीने वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म YouTube से फेक न्यूज फैलाने और झूठे दावे करने वाले तीन चैनलों को ब्लॉक करने के लिए कहा है। इन तीन चैनलों को प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने सरकारी संस्थानों से जुड़ी फेक न्यूज फैलाने वाला बताया था। 

यूट्यूब को Aaj Tak Live, News Headlines और Sarkari Updates को हटाने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही यह स्पष्ट किया गया था कि Aaj Tak Live का India Today Group के साथ जुड़ाव नहीं है। ये चैनल टीवी न्यूज चैनलों के थंबनेल्स और उनके एंकर्स की इमेजेज का इस्तेमाल लोगों को भ्रमित कर फेक न्यूज फैलाने के लिए कर रहे थे। PIB के फैक्ट चेक हैंडल ने ट्वीट कर बताया था, "एक यूटयूब चैनल 'News Headlines' को प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट, देश के चीफ जस्टिस और चुनाव आयोग के खिलाफ फेक न्यूज फैला रहा है।" इस यूट्यूब चैनल पर "देश के चीफ जस्टिस के आदेश के बाद चुनावों को मतदान पत्र के जरिए कराने" और उत्तर प्रदेश विधानसभा की 131 सीटों पर दोबारा चुनाव होने जैसी फेक न्यूज फैलाने का आरोप था। 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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