इंफोसिस में सैंकड़ों फ्रेशर्स की छंटनी पर IT वर्कर्स की यूनियन की सरकार से शिकायत

NITES ने इंफोसिस की ओर से फ्रेशर्स की गैर कानूनी बर्खास्तगी की तुरंत जांच की मांग की है। इंफोसिस ने लगभग 300 फ्रेशर्स की छंटनी करने की पुष्टि की थी

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 4 मार्च 2025 17:53 IST
ख़ास बातें
  • इस छंटनी के खिलाफ IT वर्कर्स की यूनियन ने केंद्र सरकार से शिकायत की है
  • इंफोसिस ने लगभग 300 फ्रेशर्स की छंटनी करने की पुष्टि की थी
  • कंपनी ने बताया था कि ये वर्कर्स इंटरनल टेस्ट्स को पास नहीं कर सके थे

NITES का कहना है कि इंफोसिस ने लगभग 700 वर्कर्स की छंटनी की है

बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल Infosys में हाल ही में सैंकड़ों फ्रेशर्स की छंटनी की गई थी। इस छंटनी के खिलाफ IT वर्कर्स की यूनियन ने केंद्र सरकार से शिकायत की है। इससे पहले कर्नाटक के लेबर मिनिस्ट्री ने इस मामले की शुरुआती जांच के बाद कहा था कि इंफोसिस ने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है। 

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Nascent Information Technology Employees Senate (NITES) ने इंफोसिस में फ्रेशर्स की छंटनी पर मिनिस्टर ऑफ एजुकेशन, धर्मेन्द्र प्रधान और मिनिस्टर ऑफ स्किल डिवेलपमेंट एंड आंत्रप्रेन्योरशिप, जयंत चौधरी से शिकायत की है। NITES के प्रेसिडेंट, Harpreet Singh Saluja ने आरोप लगाया कि इंफोसिस ने नए ग्रेजुएट्स को पिछले वर्ष अक्टूबर में नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS) के तहत जॉइन कराया था। इन वर्कर्स के साथ कानूनी तौर पर बाध्य अप्रेंटिसशिप कॉन्ट्रैक्ट किए गए थे। हालांकि, इंफोसिस ने अप्रेंटिसशिप एक्ट का उल्लंघन कर इन फ्रेशर्स को कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना हटा दिया है। 

इस कानून के तहत, अप्रेंटिस की बर्खास्तगी को अप्रेंटिसशिप एडवाइजर से स्वीकृति जरूरी है। इसके साथ ही अप्रेंटिस को अपना पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए। NITES ने इंफोसिस की ओर से फ्रेशर्स की गैर कानूनी बर्खास्तगी की तुरंत जांच की मांग की है। इंफोसिस ने लगभग 300 फ्रेशर्स की छंटनी करने की पुष्टि की थी। कंपनी ने बताया था कि ये वर्कर्स इंटरनल टेस्ट्स को पास नहीं कर सके थे। हालांकि, NITES का कहना था कि इंफोसिस ने लगभग 700 वर्कर्स की छंटनी की है। 

इसके साथ ही NITES ने बताया था कि बर्खास्त किए गए फ्रेशर्स को गोपनीयता से जुड़े एग्रीमेंट साइन करने के लिए बाध्य किया गया था, जो छंटनी के विवरण छिपाने की कोशिश है। NITES ने इस छंटनी और इसके दायरे में आए वर्कर्स पर असर को लेकर आशंका जताई थी। इससे पहले लेबर मिनिस्ट्री को लिखे पत्र में NITES ने कहा था,  "हमें प्रभावित वर्कर्स की ओर से मिली कई शिकायतों से यह पता चला है कि इंफोसिस ने हाल ही में जॉइन करने वाले फ्रेशर्स को जबरदस्ती बर्खास्त किया है। इन वर्कर्स की ऑफर लेटर मिलने के बाद जॉइनिंग में दो वर्ष की देरी हुई थी।" हालांकि, इंफोसिस ने बताया था कि जिन वर्कर्स को बर्खास्त किया गया है वे इंटरनल टेस्ट्स को पास करने में नाकाम रहे थे। कंपनी ने कहा था कि यह तरीका हायरिंग के दौरान वर्कर्स की ओर से साइन किए गए एग्रीमेंट के अनुसार है। 


 
 

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