केंद्र सरकार डीजल कारों पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगाने के प्रपोजल पर विचार नहीं कर रही है। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्टर Nitin Gadkari ने यह जानकारी दी है। देश में बड़ी संख्या में डीजल से चलने वाले व्हीकल्स का इस्तेमाल होता है।
हालांकि, मंगलवार को एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में गडकरी के हवाले से बताया गया था कि डीजल व्हीकल्स पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त GST लगाने का प्रपोजल फाइनेंस मिनिस्टर को दिया जाएगा। इसके बाद गडकरी ने X (पहले Twitter) पर एक स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सरकार इस तरह के किसी प्रपोजल पर विचार नहीं कर रही। इस रिपोर्ट के अनुसार, डीजल व्हीकल्स पर अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रपोजल फाइनेंस मिनिस्टर को गडकरी की ओर से दिया जाएगा। इसका उद्देश्य ऑटोमोबाइल कंपनियों को डीजल इंजन वाले व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री से रोकना था। गडकरी ने कहा था कि अगर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री डीजल कारें बनाना बंद नहीं करती तो सरकार टैक्स में इतनी बढ़ोतरी करेगी कि डीजल व्हीकल्स बेचना मुश्किल हो जाएगा।
गडकरी ने इसे लेकर स्पष्टीकरण में कहा है कि इस तरह के किसी प्रपोजल पर सरकार विचार नहीं कर रही। उनका कहना था, "डीजल व्हीकल्स की बिक्री पर 10 प्रतिशत के अतिरिक्त GST को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स को स्पष्ट करने की तुरंत जरूरत है। यह स्पष्ट करना जरूरी है कि सरकार इस तरह के किसी प्रपोजल पर विचार नहीं कर रही। हमारी 2070 तक कार्बन नेट जीरो हासिल करने और डीजल जैसे हानिकारक फ्यूल से होने वाले एयर पॉल्यूशन को घटाने की प्रतिबद्धता के अनुसार, पर्यावरण के अनुकूल वैकल्पिक फ्यूल्स का इस्तेमाल जरूरी है। ये फ्यूल इम्पोर्ट के विकल्प, कम कॉस्ट वाले, स्वदेशी और पॉल्यूशन मुक्त होने चाहिए।"
डीजल व्हीकल्स पर अतिरिक्त टैक्स लगाने से जुड़ी रिपोर्ट में गडकरी के हवाले से कहा गया था कि डीजल एक हानिकारक फ्यूल है और देश इसका बड़ी मात्रा में इम्पोर्ट करता है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को डीजल इंजन के प्रोडक्शन को अपनी ओर से घटाना चाहिए। अगर ऐसा नही्ं होता तो सरकार को डीजल व्हीकल्स पर टैक्स को बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। गडकरी ने हाल ही में पूरी तरह
इथनॉल से चलने वाली
कार को लॉन्च किया था। बहुत से अन्य देशों में भी वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले व्हीकल्स पर जोर दिया जा रहा है।