Bharat NCAP हुआ लॉन्च, देश में बढ़ेगी कारों की सेफ्टी

इससे भारत में कारों की सेफ्टी बढ़ेगी और एक्सपोर्ट किए जाने वाले व्हीकल्स की बेहतर क्वालिटी को सुनिश्चित किया जा सकेगा

Bharat NCAP हुआ लॉन्च, देश में बढ़ेगी कारों की सेफ्टी

इसके तहत 3.5 टन के मोटर व्हीकल्स के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को बढ़ाया जाएगा

ख़ास बातें
  • ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भारत NCAP का स्वागत किया है
  • इसके तहत कारों की विभिन्न तरीकों से टेस्टिंग की जाएगी
  • टेस्टिंग के बाद कारों को सेफ्टी रेटिंग मिलेगी
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देश में कार क्रैश सेफ्टी टेस्ट और रेटिंग प्रोग्राम भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) मंगलवार को लॉन्च हो गया। अमेरिका, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत इस तरह का प्रोग्राम शुरू करने वाला पांचवां देश है। इसका लक्ष्य कारों की सेफ्टी बढ़ाना है। ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भारत NCAP का स्वागत किया है। 

रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवेज मिनिस्टर,  Nitin Gadkari ने कहा कि इससे भारत में कारों की सेफ्टी बढ़ेगी और एक्सपोर्ट किए जाने वाले व्हीकल्स की बेहतर क्वालिटी को सुनिश्चित किया जा सकेगा। इसके तहत कारों की विभिन्न तरीकों से टेस्टिंग की जाएगी। ये तरीके Global NCAP के अनुसार हैं। टेस्टिंग के बाद कारों को सेफ्टी रेटिंग मिलेगी। देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki के एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (कॉरपोरेट अफेयर्स), Rahul Bharti ने कहा कि कंपनी केंद्र सरकार की इस पहल का स्वागत करती है और पहले लॉट में मारूति के कम से कम तीन मॉडल्स को टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा। 

इसके तहत 3.5 टन के मोटर व्हीकल्स के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को बढ़ाया जाएगा। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्ट्री ने कहा है कि इससे कार बायर्स को ऑटोमोबाइल मार्केट में उपलब्ध मोटर व्हीकल्स की क्रैश सेफ्टी का आकलन करने में आसानी होगी। भारत NCAP के तहत कार मेकर्स स्वेच्छा से अपनी कारों की टेस्टिग करा सकेंगे। क्रैश टेस्ट में कार के प्रदर्शन के आधार पर स्टार रेटिंग दी जाएंगी। कार को खरीदने से पहले कस्टमर्स इन स्टार रेटिंग को देखकर विभिन्न व्हीकल्स के सेफ्टी स्टैंडर्ड्स की तुलना कर सकेंगे। 

नए सेफ्टी रेगुलेशन के लागू होने के बाद अधिक सुरक्षित कारों की डिमांड बढ़ने का अनुमान है। इससे कार मेकर्स को भी सुरक्षित कारों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए Bharat NCAP का पालन करने का प्रोत्साहन मिलेगा। मिनिस्ट्री को उम्मीद है कि उच्च सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के साथ इंटरनेशनल मार्केट में देश में बनी कारों की डिमांड में भी बढ़ोतरी होगी। सभी पैसेंजर कारों (M1) कैटेगरी में 1 अक्टूबर से न्यूनतम छह एयरबैग्स को अनिवार्य किया जाएगा। ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए पैसेंजर कारों में छह एयरबैग का नियम पिछले वर्ष लागू होना था लेकिन इसे टाल दिया गया था। ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इससे मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ने के कारण सरकार से इस नियम पर दोबारा विचार करने का निवेदन किया था। 
 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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