देश में AI के लिए जल्द बनेंगे कड़े रेगुलेशंस

देश का AI मार्केट 2027 तक 25-35 प्रतिशत के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) के साथ बढ़कर 17 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है

देश में AI के लिए जल्द बनेंगे कड़े रेगुलेशंस

AI के इस्तेमाल से सेलेब्रिटीज के जाली वीडियो या डीपफेक्स बनाने के मामले बढ़े हैं

ख़ास बातें
  • इन रेगुलेशंस का पहला ड्राफ्ट इस वर्ष जुलाई तक तैयार किया जा सकता है
  • पिछले वर्ष Google पर की गई सर्च में AI की हाई रैंकिंग थी
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कई सेक्टर्स में इस्तेमाल हो रहा है
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल बढ़ा है। हालांकि, इससे कुछ समस्याएं भी हो रही हैं। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने AI से जुड़े रेगुलेशंस बनाने का फैसला किया है। इन रेगुलेशंस का पहला ड्राफ्ट इस वर्ष जुलाई तक तैयार किया जा सकता है। 

मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, Rajeev Chandrasekhar ने बताया, "इकोनॉमिक ग्रोथ के हमारे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए AI का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे एग्रीकल्चर और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर्स पर बड़ा असर पड़ेगा। हम ChatGPT के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहते। हम इस दिशा में नहीं जा रहे। देश की कई भाषाओं पर फोकस किया जाएगा।" 

देश का AI मार्केट 2027 तक 25-35 प्रतिशत के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) के साथ बढ़कर 17 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। सॉफ्टवेयर कंपनियों के संगठन Nasscom और Boston Consulting Group की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस ग्रोथ के पीछे टेक पर एंटरप्राइसेज का खर्च बढ़ना और AI में इनवेस्टमेंट जैसे कारण होंगे। पिछले वर्ष इंटरनेट सर्च इंजन इंटरनेट सर्च इंजन Google पर की गई सर्च में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की हाई रैंकिंग रही थी। इसने क्रिप्टो, Bitcoin और Web3 से जुड़े कीवर्ड्स के जरिए की जाने वाली सर्च को पीछे छोड़ दिया है। पिछले वर्ष AI से जुड़े ChatGPT जैसे कीवर्ड्स को अधिक सर्च किया गया था। 

AI के इस्तेमाल से सेलेब्रिटीज के जाली वीडियो या डीपफेक्स बनाने के मामले भी बढ़े हैं। हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook और YouTube को डीपफेक्स को लेकर केंद्र सरकार ने चेतावनी दी थी। फेसबुक और यूट्यूब सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह बताया गया था कि देश के कानून के तहत डीपफेक्स और ऐसे कंटेंट पोस्ट करने पर प्रतिबंध है जो अश्लीलता या गलत जानकारी फैलाता है। इस बारे में चंद्रेशखर ने कहा था कि कि बहुत सी सोशल मीडिया कंपनियों ने रूल्स के बावजूद अपने यूजर्स के लिए नियमों और शर्तों को अपडेट नहीं किया है। इन रूल्स के तहत बच्चों के लिए हानिकारक, अश्लीलता या एक अन्य व्यक्ति की नकल करने वाले कंटेंट पर प्रतिबंध लगाया गया है। चंद्रशेखर का कहना था कि इन कंपनियों को इन रूल्स को लेकर जागरूकता बढ़ानी चाहिए और यूजर्स को लॉग इन करने पर यह बताना चाहिए कि वे इस तरह का कंटेंट पोस्ट नहीं कर सकते। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 7000mAh बैटरी वाला iQOO फोन मिल रहा 4 हजार से ज्यादा सस्ता, देखें डील
  2. OnePlus 15T के स्पेसिफिकेशंस लीक, मिल सकती है 7500mAh बैटरी, 120W फास्ट चार्जिंग!
  3. भारत में Tesla का कमजोर परफॉर्मेंस, VinFast ने बेचे 6 गुना ज्यादा EV
  4. Realme Narzo 90 सीरीज में मिलेगी 7,000mAh की बैटरी, अगले सप्ताह भारत में लॉन्च
  5. क्या है भारत का चिप वाला E-Passport और इसके लिए कैसे करें अप्लाई? यहां जानें सब कुछ
  6. Bitcoin में गिरावट का रिस्क, Standard Chartered ने आधा किया प्राइस का टारगेट
  7. Starlink क्या है, कैसे करता है काम? भारत में इसकी कीमत से लेकर फायदे–कमियों तक, यहां समझें सब कुछ
  8. Vivo X300 सीरीज की सेल आज से शुरू, बंपर डिस्काउंट के साथ 1 साल की एक्सटेंड वारंटी और ऐसे फायदे
  9. Xiaomi 17 के इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च की तैयारी, NBTC पर हुई लिस्टिंग
  10. Realme 16 Pro सीरीज का लॉन्च कंफर्म, बड़ी बैटरी, धांसू कैमरा से होगी लैस!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »