इन कारों का इस्तेमाल विदेशी हस्तियों के पूरी सुरक्षा के साथ ट्रांसपोर्टेशन के लिए किया जाएगा
ख़ास बातें
G20 समिट का आयोजन 9-10 सितंबर को होगा
इसमें 20 से अधिक देशों के नेता हिस्सा लेंगे
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समिट में मौजूद नहीं होंगे
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देश में अगले महीने होने वाले G20 समिट के लिए केंद्र सरकार 20 बुलेट प्रूफ Audi कारें लीज पर लेगी। इस पर 18 करोड़ रुपये का खर्च होगा। G20 समिट का आयोजन 9-10 सितंबर को होगा। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन सहित बहुत से देशों के शीर्ष नेता हिस्सा लेंगे। हालांकि, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस समिट में मौजूद नहीं होंगे।
प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के फैक्ट चेक हैंडल ने X (पहले Twitter) पर इस समिट के लिए ऑडी की 20 आमर्ड कारें लीज पर लिए जाने की पुष्टि की है। इन कारों का इस्तेमाल विदेशी हस्तियों के पूरी सुरक्षा के साथ ट्रांसपोर्टेशन के लिए किया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने राजधानी में कर्तव्य पथ पर इस समिट के लिए कारकेड रिहर्सल की हैं। भारत पहली बार G20 समिट की मेजबानी कर रहा है। इसमें 20 से अधिक देशों के नेता हिस्सा लेंगे। PIB की फैक्ट चेक यूनिट ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों के दौरे के लिए बुलेट प्रूफ कारें उपलब्ध कराना एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल से जुड़ा प्रोसीजर है।
G20 समिट का आयोजन प्रगति मैदान में ITPO कन्वेंशन सेंटर, 'Bharat Mandapam' में होना है। इस समिट में आने वाली विदेशी हस्तियों का राजघाट सहित कुछ महत्वपूर्ण स्थलों पर भी जाने का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के लोगों से G20 समिट को सफल बनाने में मदद करने का आह्वान किया है। उनका कहना था कि अगले महीने राजधानी में दुनिया के कई नेताओं की मौजूदगी से लोगों को असुविधा हो सकती है। उन्होंने इस समिट की व्यवस्थाओं के कारण लोगों को होने वाली असुविधा के लिए पहले से माफी भी मांगी है।
मोदी ने कहा, "पूरा देश G20 समिट का मेजबान है लेकिन मेहमान दिल्ली में आ रहे हैं। दिल्ली के निवासियों की इस समिट को सफल बनाने की विशेष जिम्मेदारी है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा देश की प्रतिष्ठा पर जरा भी प्रभाव न पड़े।" दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस के दौरे से शनिवार को लौटे मोदी ने कुछ घंटों के लिए बेंगलुरू पहुंचकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO को चंद्रयान-3 की सफलता के लिए को बधाई दी। उन्होंने बताया कि लैंडर विक्रम के चंद्रमा की सतह पर उतरने के स्थान को 'शिव शक्ति प्वाइंट' कहा जाएगा। मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक 'असाधारण' क्षण बताया। उन्होंने कहा कि चंद्रमा की सतह पर लगभग चार वर्ष पहले जिस स्थान पर चंद्रयान-2 क्रैश हुआ था उसे 'तिरंगा प्वाइंट' के तौर पर जाना जाएगा। मोदी ने बताया कि चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह के उतरने के दिन को नेशनल स्पेस डे के तौर पर मनाया जाएगा। उन्होंने ISRO की मेहनत और उत्साह की तारीफ की।