Google की Chrome OS को Android में मर्ज करने की तैयारी, यूजर्स को होगा फायदा!

Chrome OS और एंड्रॉयड के मर्ज होने से यूजर्स को स्मार्टफोन्स, लैपटॉप्स और टैबलेट्स पर सिंगल और पहले से बेहतर इकोसिस्टम का फायदा मिलेगा

Google की Chrome OS को Android में मर्ज करने की तैयारी, यूजर्स को होगा फायदा!

Chrome OS पहले ही Android के Linux kernel और कंपोनेंट्स को शेयर करता है

ख़ास बातें
  • इससे ये सिंगल यूनिफाइड प्लेटफॉर्म बन जाएंगे
  • इसके बाद Chrome OS एक स्टैंडअलोन ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं रहेगा
  • इससे यूजर्स को डेस्कटॉप के लिए ऑप्टिमाइज्ड एंड्रॉयड एक्सपीरिएंस मिलेगा
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अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी Google ने बताया है कि वह Chrome OS को Android में मर्ज करने पर कार्य कर रही है। इससे ये सिंगल यूनिफाइड प्लेटफॉर्म बन जाएंगे। पिछले कुछ महीनों से यह अटकल लगाई थी कि Chrome OS और Android एक साथ लाया जा सकता है। इसकी कंपनी की ओर से पुष्टि कर दी गई है। 

गूगल के प्रेसिडेंट (Android Ecosystem), Sameer Samat ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया है कि Chrome OS एक स्टैंडअलोन ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं रहेगा। इससे आगामी Chromebooks और टैबलेट्स एक एंड्रॉयड-बेस्ड प्लेटफॉर्म पर चल सकते हैं। इससे यूजर्स को इन डिवाइसेज में बेहतर एक्सपीरिएंस मिलेगा। Chrome OS पहले ही Android के Linux kernel और कंपोनेंट्स को शेयर करता है। गूगल की इसे ज्यादा एडवांस्ड बनाने की योजना है। इससे यूजर्स को डेस्कटॉप के लिए ऑप्टिमाइज्ड एंड्रॉयड एक्सपीरिएंस मिलेगा। यह Linux ऐप्स, ब्राउजर एक्सटेंशंस और मल्टी-विंडो UI जैसे अधिक फीचर्स को सपोर्ट करेगा। 

Chrome OS और एंड्रॉयड के मर्ज होने से यूजर्स को स्मार्टफोन्स, लैपटॉप्स और टैबलेट्स पर सिंगल और पहले से बेहतर इकोसिस्टम का फायदा मिलेगा। गूगल की योजना एंड्रॉयड के डेस्कटॉप मोड को भी लाने की है। ऐसा बताया जा रहा है कि इसके लिए कंपनी टेस्टिंग कर रही है। कंपनी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) असिस्टेंट Gemini के लैपटॉप्स और टैबलेट्स पर इस्तेमाल के लिए एंड्रॉयड एक मजबूत बेस बन रहा है। 

हाल ही में गूगल को ऑपरेट करने वाली Alphabet के CEO, Sundar Pichai ने कहा था कि AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद यह वर्कर्स की जगह नहीं ले सकता। पिचाई ने बताया था कि ह्युमन टैलेंट के विकल्प के बजाय AI एक एक्सेलरेटर के तौर पर कार्य करता है। इससे कंपनी को टेक्नोलॉजी के इमर्जिंग एरिया में अधिक मौकों का फायदा उठाने में आसानी होती है। उनका यह नजरिया अन्य कंपनियों से अलग है जो AI को कॉस्ट घटाने के एक जरिए के तौर पर देखती हैं। पिचाई ने बताया था कि AI से इंजीनियर्स की प्रोडक्टिविटी बढ़ी है। AI की सहायता से कुछ टास्क किए जा रहे हैं और इससे अधिक प्रभाव वाले कार्य में इंजीनियर्स को लगाया जा सकता है। गूगल ने AI से जुड़े इकोसिस्टम में काफी इनवेस्टमेंट किया है। Alphabet को OpenAI के ChatGPT जैसे AI चैटबॉट्स से कड़ी टक्कर मिल रही है। 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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