नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपने UPI के नियमों में बदलाव किया है।
Photo Credit: Unsplash/Clay Banks
यूपीआई नियमों में 1 अगस्त से बदलाव हो रहे हैं।
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपने UPI के नियमों में बदलाव किया है। अब नए नियम 1 अगस्त, 2025 से लागू होंगे। NPCI के अनुसार, भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुरक्षा के साथ-साथ स्पीड में सुधार लाने के लिए ये नए दिशानिर्देश लागू किए जा रहे हैं। अगर आप Google Pay, Paytm, PhonePe या अन्य कोई प्लेटफॉर्म चलाते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी हैं। आइए इन नए लागू होने वाले नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
आपको बता दें कि NPCI द्वारा यह बदलाव अप्रैल और मई 2025 के बीच हुई देरी और ट्रांजेक्शन फेल होने की शिकायतों में बढ़ोतरी के बाद किया गया है। NPCI ने कहा कि यूजर्स के जरिए बार-बार बैलेंस चेक करने और बार-बार स्टेटस ट्रैकिंग करने के चलते सिस्टम स्लो हो रहा था। अब नए बदलावों और नियमों के साथ ट्रांजेक्शन तेज होंगे और डेली उपयोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
हालांकि, UPI पेमेंट लिमिट में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। ट्रांजेक्शन लिमिट अभी भी वही है। आमतौर पर यूजर्स प्रति ट्रांजेक्शन 1 लाख रुपये तक और हेल्थ सर्विस या एजुकेशन जैसी कुछ कैटेगरी के लिए 5 लाख रुपये तक कर सकते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इसके लिए यूजर्स को कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। ये बदलाव यूजर्स के UPI ऐप्स के जरिए अपने आप लागू हो जाएंगे। आपको बस इन नई लिमिट को ध्यान में रखना है ताकि आपको जरूरी ट्रांजेक्शन में किसी भी तरह की रुकावट न आए। अब ऑटो पे टाइमिंग नए तय स्लॉट के अनुसार हो सकती है। ऑटोमैटिक UPI कलेक्शन पर निर्भर रहने वाले व्यापारियों को नए समय के साथ तालमेल बिठाना पड़ सकता है। अधिकतर यूजर्स के लिए चाहे मोबाइल रिचार्ज के लिए पेमेंट कर रहे हों या किसी सब्सक्रिप्शन के लिए भुगतान कर रहे हैं सबकुछ पहले जैसा ही रहेगा।
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