अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn ने देश में हायरिंग में भेदभाव करने से इनकार किया है। फॉक्सकॉन पर आरोप लगा था कि उसकी iPhone की असेंबलिंग करने वाली फैक्टरी में विवाहित महिलाओं को जॉब नहीं दी जाती। इस मामले की केंद्र सरकार ने जांच का ऑर्डर दिया था। पिछले कुछ वर्षों में देश में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ी है।
फॉक्सकॉन के चेयरमैन, Young Liu ने बताया, "कंपनी की ओर से जेंडर को लेकर भेदभाव नहीं किया जाता। हमारी वर्कफोर्स में महिलाओं की बड़ी संख्या है। हमारे कामकाज में विवाहित महिलाओं का बड़ा योगदान है।" कंपनी की फैक्टरी तमिलनाडु में चेन्नई के निकट है। इसने दो वर्ष पहले हायरिंग में कुछ गड़बड़ी को स्वीकार किया था। फॉक्सकॉन ने बताया था कि उसने इस समस्या के समाधान के लिए कार्य किया है। हालांकि, इसके साथ ही फॉक्सकॉन का कहना था कि वह रोजगार में भेदभाव के आरोप से पूरी तरह इनकार करती है।
Reuters की जून में एक
रिपोर्ट में यह बताया गया था कि फॉक्सकॉन की फैक्टरी में विवाहित महिलाओं को जॉब देने से मना किया जा रहा है। इस बारे में रीजनल लेबर कमिश्नर, A Narasaiah ने कहा था कि लेबर डिपार्टमेंट की एक टीम ने कंपनी के डायरेक्टर्स और ह्युमन रिसोर्स डिविजन के एग्जिक्यूटिव्स से बातचीत की है।
एपल और फॉक्सकॉन ने Reuters की ओर से भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया था इस मामले में केंद्र सरकार ने राज्य के अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी।
देश में महिला और पुरुष के आधार पर रोजगार में भेदभाव करना गैर कानूनी है। Reuters की एक जांच में यह पता चला था कि Foxconn ने अपनी फैक्टरी में विवाहित महिलाओं को जॉब देने से इनकार किया है। इस बारे में Foxconn के एक पूर्व HR एग्जिक्यूटिव, S Paul ने बताया था कि आमतौर पर Foxconn सांस्कृतिक मुद्दों और सामाजिक दबाव के कारण विवाहित महिलाओं को नियुक्त नहीं करती। कंपनी का मानना है कि विवाह के बाद बहुत सी समस्याएं होती हैं। पिछले वर्ष फॉक्सकॉन को देश में अपनी फैक्टरी में एक अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने के लिए स्वीकृति मिली थी। इससे यह चीन के बाहर एपल के प्रोडक्ट्स के लिए बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की योजना पर आगे बढ़ सकेगी।