30% लोगों ने माना- इंटरनेट पर दिखने वाले कई वीडियो निकलते हैं फेक

डीपफेक को चिंता का विषय बताते हुए सरकार की ओर से सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि भ्रांति फैलाने वाले डीपफेक वीडियो को प्लेटफॉर्म जल्द से जल्द पहचाने और उस पर एक्शन ले।

30% लोगों ने माना- इंटरनेट पर दिखने वाले कई वीडियो निकलते हैं फेक

डीपफेक को सरकार ने लोकतंत्र के लिए नया खतरा घोषित किया है।

ख़ास बातें
  • सरकार की ओर से सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश जारी
  • इस तरह के केस में 36 घंटे के भीतर कार्रवाई हो
  • डीपफेक को सरकार ने लोकतंत्र के लिए नया खतरा घोषित किया
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Deepfake Video: इंटरनेट पर फेक न्यूज के साथ ही फेक वीडियो भी अब चिंता का कारण बनने लगे हैं। हाल ही में डीप फेक वीडियो (Deepfake video) चर्चा का विषय बने हुए हैं। एक सर्वे में सामने आया है कि भारत में इंटरनेट पर वीडियो देखने वाले 30% लोगों का कहना है कि वे जो वीडियो सोशल मीडिया या अन्य वेबसाइट पर देखते हैं, वे बाद में फेक निकलते हैं। सर्वे में से 43% लोग हर दिन 3 या उससे ज्यादा शॉर्ट वीडियो देखते हैं। इनमें से 30% लोगों ने कहा कि देखे जाने वाले वीडियो में से 25% बाद में फेक निकलते हैं। 

डीप फेक वीडियो को लेकर 56% लोगों ने कहा है कि ऐसे वीडियो को शिकायत दर्ज होने के बाद 24 घंटे के भीतर इंटरनेट से हटा दिया जाना चाहिए। Local Circles की ओर से यह सर्वे किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में कई भारतीय अभिनेता-अभिनेत्रियों के शॉर्ट डीप फेक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुए हैं। ये वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं। जिससे कि देखने वाले को यह समझना मुश्किल हो जाता है कि वीडियो असली है या नकली। इसी को लेकर ये सर्वे किया गया है जिसमें भारत के 319 जिलों से 32 हजार लोगों को शामिल किया गया है। लोगों का कहना है कि अगर उनका, या उनके किसी फैमिली मेंबर का डीपफेक इंटरनेट पर वायरल हो रहा है तो इसे 24 घंटे के भीतर हटाने का प्रावधान किया जाना चाहिए। 

डीपफेक वीडियो को लेकर सरकार भी एक्शन में आ गई है। डीपफेक को सरकार ने लोकतंत्र के लिए नया खतरा घोषित किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि अगर नागरिक डीपफेक वीडियो से परेशान हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाते हैं तो सरकार की ओर से भी आईटी नियमों का उल्लंघन करने के मामले में इन नागरिकों की सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि डीपफेक से निपटने के लिए सरकार जल्द ही नए नियम लेकर आएगी। 

डीपफेक को चिंता का विषय बताते हुए सरकार की ओर से सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि भ्रांति फैलाने वाले डीपफेक वीडियो को प्लेटफॉर्म जल्द से जल्द पहचाने और उस पर एक्शन ले। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस तरह के केस में 36 घंटे के भीतर कार्रवाई हो जानी चाहिए। अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो बीते दिनों वायरल हुआ था। इसके बाद अभिनेत्री काजोल का डीपफेक वीडियो आया। हाल ही में एक्ट्रेस आलिया भट्ट का डीपफेक भी सामने आया है। ये सब AI का गलत इस्तेमाल करके बनाया जा रहा है। जिसे लेकर अब आमजन के साथ साथ सरकार भी चिंतित है। 
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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