Smart TV की जगह नहीं ले सकते Projector, SPPL के फाउंडर अवनीत सिंह मारवाह का दावा

टेलीविजन और प्रोजेक्टर अलग मार्केट्स के लिए हैं। इस वजह से भविष्य में प्रोजेक्टर्स का TV की जगह लेना मुश्किल है

Smart TV की जगह नहीं ले सकते Projector, SPPL के फाउंडर अवनीत सिंह मारवाह का दावा

विकसित देशों में TV का एवरेज सेलिंग साइज 75 इंच का है

ख़ास बातें
  • SPPL की योजना अगले पांच वर्षों मे विदेशी मार्केट्स में एंट्री की है
  • स्मार्ट TV सेगमेंट में बड़े स्क्रीन साइज को कस्टमर्स पसंद कर रहे हैं
  • TVs पर GST की दर 28 प्रतिशत है
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देश में स्मार्ट टेलीविजंस का सेगमेंट तेजी से बदल रहा है। कस्टमर्स बड़े स्क्रीन साइज और टेक्नोलॉजी पर जोर दे रहे हैं। इस सेगमेंट की प्रमुख कंपनी Super Plastronics Limited (SPPL) के फाउंडर और CEO, Avneet Singh Marwah ने Gadgets 360 के Ankit Sharma के साथ बातचीत में कंपनी की योजना और इस सेगमेंट और कस्टमर्स के बिहेवियर में हो रहे बदलावों की जानकारी दी। SPPL ने देश में चार ब्रांड्स - Kodak TV, Thomson, White Westinghouse और Blaupunkt TV को लॉन्च किया है। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंशः 

प्रश्न - कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में एंट्री करने के लिए SPPL को कहां से प्रेरणा मिली और पिछले कई वर्षों में कंपनी में क्या बदलाव हुए हैं? भविष्य में कंपनी की एक्सपैंशन की क्या योजना है? 

SPPL की शुरुआत 1990 में हुई थी। हमारी कंपनी ने प्लास्टिक इंजेक्शन मोल्डिंग के बिजनेस से शुरू किया था और CRT, LCD और LED TVs की मैन्युफैक्चरिंग में एक्सपैंशन किया। इसके बाद हमने वॉशिंग मशीन, एयर कूलर्स और एयर कंडीशनर्स जैसे अप्लायंसेज सहित कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट्स में एंट्री की थी। देश में प्रोडक्ट्स की पहुंच बढ़ने के साथ, हमने इन कैटेगरीज में इनवेस्टमेंट करना शुरू किया। अभी हम 32 इंच से 86 इंच तक के Google TVs की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं। हमारे पोर्टफोलियो में एयर कूलर, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और स्पीकर्स जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं। भारत में हमारे पास Kodak, Thomson, Blaupunkt, Westinghouse और White-Westinghouse जैसे विदेशी ब्रांड्स के लिए लाइसेंस हैं और हम इन ब्रांड्स के तहत अपने प्रोडक्ट्स की बिक्री करते हैं। हम मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ा रहे हैं और उत्तर प्रदेश के हापुड़ में हमारा नया प्लांट जल्द शुरू होने वाला है। इसके अलावा अगले पांच वर्षों में हमारी योजना विदेशी मार्केट्स में एंट्री करने की है। 

प्रश्न - भारत का मार्केट बहुत प्रतिस्पर्धी है। कुछ बड़ी चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियां अपना स्मार्ट TV बिजनेस बंद कर रही हैं। आप चार ब्रांड्स के तहत TVs बेचते हैं। आपकी सफलता का क्या राज है? 

मेरा मानना है कि जिन कंपनियों ने देश में अपने स्मार्ट TV बिजनेस को बंद किया है वे कंज्यूमर बिहेवियर को समझने में पीछे रही हैं। वे स्मार्टफोन सेगमेंट में बड़े खिलाड़ी हो सकते हैं लेकिन स्मार्ट TV सेगमेंट पूरी तरह अलग है। एक प्रमुख स्मार्टफोन ब्रांड ने देश में एक प्रीमियम ब्रांड के तौर पर एंट्री की थी लेकिन बाद में कम प्राइस वाले TV लॉन्च किए, जिससे उनके TV प्रोडक्ट्स से जुड़ी ब्रांड की पहचान कमजोर हुई। सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि TVs और स्मार्ट TVs को अलग सेगमेंट हैं। मोबाइल मार्केट की वैल्यू 35 करोड़ डॉलर की है, जबकि TV का मार्केट 1.2 से 1.5 करोड़ डॉलर का है। इन दोनों के लिए अलग स्ट्रैटेजी की जरूरत है। बहुत सी बड़ी कंपनियां अपने TV और मोबाइल बिजनेस को मिला देती हैं, जिससे नुकसान होता है क्योंकि वे TV सेगमेंट में ROI को समझ नहीं पाती हैं। 

इसके अलावा, इस सेगमेंट में संघर्ष करने का एक प्रमुख कारण इंफ्रास्ट्रक्चर में इनवेस्टमेंट की कमी है। उनका फोकस मुख्यतौर पर मोबाइल पर रहता है। TV एक वॉल्यूम वाला प्रोडक्ट है और इसके लिए लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग, मैन्युफैक्चरिंग और आफ्टर-सेल्स सर्विस जैसे कई एरिया में इनवेस्टमेंट करने की जरूरत होती है। आपको 19,000 से अधिक पिनकोड में सर्विस उपलब्ध करानी होती है। इन कंपनियों ने इस इकोसिस्टम को मिलाने का प्रयास किया था लेकिन वह सफल साबित नहीं हुआ। इसके विपरीत, हम भारत में कॉम्पिटिशन को बढ़ाना चाहते हैं। इस वजह से हमने मार्केट में कई स्मार्ट TV ब्रांड पेश किए हैं और वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। हम इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा इनवेस्टमेंट करना जारी रखेंगे और यह हमारी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। 

प्रश्न - भारत में अगले तीन-पांच वर्षों में स्मार्ट TV मार्केट का भविष्य आप कैसा देखते हैं और इंडस्ट्री में कौन से ट्रेंड उभर रहे हैं जिनका SPPL फायदा उठाने की योजना बना रही है? 

स्मार्ट TV सेगमेंट में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि कस्टमर्स बड़े स्क्रीन साइज को पसंद कर रहे हैं। भविष्य में, 55 इंच का साइज एंट्री-लेवल स्टैंडर्ड बन जाएगा और यह मौजूदा 43 इंच की जगह लेगा, जो पहले 32 इंच था। विकसित देशों में TV का एवरेज साइज 75 इंच का है। एक अन्य बदलाव Dolby, DTS और साउंड इनोवेशंस जैसी एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज पर फोकस का है। शहरी कस्टमर्स की प्रायरिटी क्वालिटी है, जिससे बड़े स्क्रीन साइज और बेहतर टेक्नोलॉजी में इनवेस्टमेंट हो रहा है। हम भी इस ट्रेंड पर फोकस कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग EMI पर TV खरीद रहे हैं, जिससे वे एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज का फायदा ले सकते हैं। 

प्रश्न - 2024 में, आपने Thomson ब्रांड के तहत मार्केट में स्पीकर्स लॉन्च किए हैं। इस कैटेगरी में कस्टमर्स का रिस्पॉन्स कैसा है? 

हमें स्पीकर्स के लिए कस्टमर्स से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। हालांकि, लॉन्च की टाइमिंग चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि हमने फेस्टिव सीजन के पीक पर स्पीकर्स पेश किए थे जब अन्य कंपनियां प्राइसिंग को लेकर आक्रामक थी। हमारा मानना है कि कुछ पहले लॉन्च करना बेहतर होता। हालांकि, हमारी स्पीकर कैटेगरी के लिए बड़ी योजना है और हम बहुत से प्रोडक्ट्स पेश करेंगे। 

प्रश्न - क्या आपको लगता है कि अफोर्डेबल प्रोजेक्टर्स से स्मार्ट TV की सेल्स की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है? क्या आपकी इस सेगमेंट में एंट्री करने की कोई योजना है? 

टेलीविजन और प्रोजेक्टर अलग मार्केट्स के लिए हैं। इस वजह से भविष्य में प्रोजेक्टर्स का TV की जगह लेना मुश्किल है। इन दोनों की टेक्नोलॉजी अलग है। जैसे टैबलेट्स से मोबाइल की सेल्स पर असर नहीं पड़ा है, वैसे ही प्रोजेक्टर और TV का अपना अलग मार्केट है। इन दोनों सेगमेंट में ग्रोथ जोरी रहेगी लेकिन वे एक-दूसरे की जगह नहीं लेंगे। बहुत से हाई-क्वालिटी प्रोजेक्टर्स उपलब्ध हैं और प्रत्येक एक अलग व्युइंग एक्सपीरिएंस देता है। इसके अलावा, प्रोजेक्टर्स के लिए व्हाइट बैकग्राउंड या वॉल की जरूरत होती है, जो TV के लिए जरूरी नहीं है। रियल एस्टेट के प्राइसेज बढ़ने के कारण बहुत से लोग छोटे घरों में रहते हैं और ऐसे स्थानों के लिए प्रोजेक्टर्स बनाने एक चुनौती है। 

प्रश्न - अगले वर्ष के बजट में आप फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman से क्या निवेदन करेंगे? 

फाइनेंस मिनिस्टर से हमारा निवेदन TVs पर GST को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का होगा। TV कोई लग्जरी प्रोडक्ट नहीं है और इस वजह से 28 प्रतिशत GST का कोई मतलब नहीं है। इसके अलावा, जमीनी स्तर पर ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में सुधार की जरूरत है। सिंगल-विंडो क्लीयरेंस के बावजूद कई अप्रूवल की अभी भी जरूरत होती है, जिसमें समय लगता है। फाइनेंस मिनिस्टर को कंज्यूमर सेंटीमेंट को मजबूत करने पर फोकस करना चाहिए। 

 
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अंकित शर्मा

अंकित शर्मा Gadgets 360 में डिप्टी एडिटर है। यह एक दशक से टेक्नोलॉजी और ...और भी

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