पिछले कुछ महीनों से ऑनलाइन गेमिंग फर्मों के लिए मुश्किलें बढ़ी हैं। सूत्रों ने बताया है कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को एक लाख लाख करोड़ रुपये के कारण बताओ नोटिस मिले हैं। केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू किया है।
हाल ही में GST काउंसिल ने कानून में संशोधन कर बेट्स से जुड़ी सभी ऑनलाइन गेम्स के लिए बेट्स की पूरी रकम पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगाया था।
GST कानून में संशोधन को संसद में भी पारित किया गया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) के चेयरमैन, Sanjay Agarwal ने बताया है कि सभी राज्यों के बीच सहमति होने के बाद ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का GST लागू करने की तैयारी की जा रही है। हाल ही में
गेमिंग फर्म Delta Corp को GST में 6,384 करोड़ रुपये की कथित तौर पर कमी के लिए नोटिस मिला था। पिछले महीने भी डेल्टा कॉर्प को 16,822 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाने से जुड़ा नोटिस मिला था। इससे पहले इस सेगमेंट की कुछ अन्य फर्मों को भी GST चुकाने के नोटिस मिले थे।
डेल्टा कॉर्प ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया था, "इस नोटिस में डेल्टाटेक गेमिंग लिमिटेड को टैक्स में कथित तौर पर कमी का भुगतान इंटरेस्ट और पेनल्टी के साथ करने के लिए कहा गया है। नोटिस में फर्म के CEO और एग्जिक्यूटिवस डायरेक्टर को नियमित मामलों का प्रभारी होने के तौर पर पेनल्टी के लिए जवाबदेह बताया गया है।" हालांकि, इस बारे में डेल्टा कॉर्प ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि इन नोटिस में मांगी गई रकम अन्य विषयों के साथ है और यह संबंधित अवधि में सभी गेम्स की कुल बेट वैल्यू पर आधारित है।
इस फर्म को पिछले महीने डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस से 11,140 करोड़ रुपये के बकाया टैक्स को चुकाने के लिए नोटिस मिला था। इसके अलावा इसकी तीन सब्सिडियरीज को 5,682 करोड़ रुपये की रकम के लिए नोटिस दिए गए थे। कई ऑनलाइन गेमिंग फर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाली FICCI की गेमिंग कमेटी ने CBIC से ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स नहीं बढ़ाने का निवेदन किया था। इसका कहना था कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को इससे बड़ा नुकसान होगा क्योंकि कोई कारोबार इतने अधिक टैक्स के साथ नहीं चल सकता।